हिमा दास का जीवन परिचय Hima das biography in hindi

Hima das biography in hindi

दोस्तों आज हम आपको इस आर्टिकल के माध्यम से भारत की सबसे अच्छी ट्रैक एवं फील्ड खिलाड़ी हिमा दास की जीवनी के बारे में बताने जा रहे हैं । चलिए अब हम आगे बढ़ते हैं और हिमा दास की जीवनी को बड़ी गहराई से पढ़ते हैं ।

Hima das biography in hindi
Hima das biography in hindi

Image source – https://en.wikipedia.org/wiki/Hima_Das

जन्म स्थान व् परिवार – हिमा दास का जन्म 9 जनवरी सन 2000 को हुआ था । हिमा दास का जन्म असम राज्य की नागांव जिला के कांधूलीमारी नामक गांव में हुआ था । हिमा दास की माता का नाम जोनाली दास है । हिमा दास के पिता जी का नाम रणजीत दास है । हिमा दास के पिता रणजीत दास चावल की खेती करते हैं और जो पैसा चावल की फसल बेचने के बाद आता है उस पैसे से अपना घर चलाते हैं । हिमा दास के घर की आर्थिक स्थिति ठीक नहीं थी । उनके पिताजी चावल की खेती करने के साथ साथ मजदूरी करने के लिए भी जाते थे ।

जब फसल कटने का समय आता था तब हिमा दास के पिताजी अपने खेत की फसल काटने के बाद दूसरे खेत में भी मजदूरी से फसल काटने के लिए जाते थे और अपने परिवार की जरूरतों को पूरा करते थे । हिमा दास के  4 भाई बहन हैं । हिमा दास बचपन से ही खेलों में अब्बल आती थी । जब वह खेल के मैदान में फुटबॉल खेलने के लिए जाती थी तब वह फुटबॉल खेल में अब्बल आती थी ।हिमा दास खेल के साथ-साथ कुश्ती , कराटे एवं रेसिंग में में भी नंबर 1 खिलाड़ी थी ।

हिमा दास के माता पिता को यह कभी पता नहीं था कि उनकी बेटी आने वाले समय में एक अच्छी रेसर बन जाएंगी और उनका नाम रोशन करेंगी । आज हिमा दास ने अपनी मेहनत और लगन से कई स्वर्ण पदक एवं रजत पदक जीते हैं । हिमा दास ने अपने परिवार का एवं अपने देश का नाम रोशन किया है । हिमा दास एक ऐसी लड़की है जिसने रेसिंग खेल में अपने आप को साबित किया है । वह बहुत अच्छी धाविका हैं । जब वह खेल के मैदान में रेसिंग करती हैं तब वह अपने आप को ऊर्जावान बनाकर रखती हैं और उनका लक्ष्य उस रेस को जीतना होता है ।

उन्हीं के मेहनत के कारण आज वह स्वर्ण पदक जीत चुकी हैं । उनकी इस कामयाबी को देश के सभी लोग जानते हैं और भारत के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी जी ने भी उनको बधाई दी है । प्रधानमंत्री जी के साथ-साथ कई बड़े गणमान्य नेताओं ने भी उनको स्वर्ण पदक जीतने की खुशी में बधाई दी हैं । हिमा दास एक अच्छी रेसर होने के साथ-साथ एक अच्छी खिलाड़ी भी हैं । वह खेल के मैदान में निरंतर मेहनत करती हैं और जिस खेल को वह खेलने के लिए जाती हैं उस खेल को जीतकर आती हैं ।

देश ही नहीं बल्कि विदेशों में होने वाली रेसिंग प्रतियोगिताओं को भी हिमा दास ने अपनी मेहनत से जीता है । आज भारत के सभी लोग हेमादास को जानते हैं क्योंकि उन्होंने स्वर्ण पदक जीतकर देश का नाम रोशन किया है ।

शिक्षा – हेमा दास ने अपनी प्रारंभिक पढ़ाई जवाहर नवोदय विद्यालय से की है । जवाहर नवोदय विद्यालय से ही उनको एक रेसर बनने की सलाह मिली थी । इसके बाद वह एक अच्छी धाविका बनने के लिए मेहनत करने लगी थी । हेमा दास  पढ़ाई  करने के साथ  साथ एक धाविका बनने के लिए भी मेहनत करती थी । जब भी इनको पढ़ने के बाद वक्त मिलता था वह खेल के मैदान में दौड़ने के लिए चली जाती थी । उनकी इस मेहनत और लगन को जो भी लोग देखते थे वह यह बोलते थे कि यह लड़की आगे चल कर एक धाविका बनेगी ।

आज हिमा दास एक स्वर्ण पदक जीतने वाली धाविका है । हिमा दास नेे अपने परिवार के साथ साथ अपने देश का नाम भी रोशन किया है । हिमा दास केे कोच का हिमा दास को सफलता दिलाने में महत्वपूर्ण योगदान रहा है । हिमा दास के कोच निपुण दास ने हिमा दास की बहुत मदद की है । निपुण दास ने हिमा दास की मेहनत और लगन को देखकर हिमा दास की मदद की थी । निपुण दास ने हिमा दास को प्रशिक्षण दिया था । हिमा दास के कोच ने खेल के मैदान में हिमा दास को मजबूत किया था । आज उन्हीं की बदौलत हिमा दास बहुत अच्छी धाविका वन चुकी है ।

हिमा दास  ने  आज उनके कोच एवं देश का नाम रोशन कर दिया है ।आज हिमा दास को पूरी दुनिया जानती है क्योंकि उन्होंने अपने नाम का डंका पूरी दुनिया में बजा दिया है । हिमा दास ने अंतरराष्ट्रीय प्रतियोगिताएं जीतकर यह साबित कर दिया है कि भारत की महिलाएं किसी भी क्षेत्र में पीछे नहीं हैं । भारत की महिलाएं हर क्षेत्र में आगे हैं । चाहे खेल का मैदान हो या फिर  बिजनेस का हर क्षेत्र में भारत  की महिलाएं  सफलता हासिल कर चुकी हैं ।

हिमा दास के कैरियर की शुरुआत – हिमा दास जब स्कूल में पढ़ती थी तब उनके नवोदय विद्यालय के एक शिक्षक ने उनको एक रेसर बनने की सलाह दी थी । उनके विद्यालय के एक शिक्षक ने हिमा दास को एक प्रतियोगिता में भाग लेने के लिए कहा था । अपने टीचर के कहने पर उन्होंने उस प्रतियोगिता में भाग लिया और वह प्रतियोगिता  उन्होंने अपनी मेहनत और लगन से जीत ली थी । हिमा दास अपने आप को एक रेसर बनाने के लिए तैयार हो चुकी थी । उनका मन एक धाविका बनने के लिए तैयार हो चुका था ।

वह यह जान चुकी थी कि मैं एक साधारण व्यक्ति नहीं हूं । मैं बहुत आगे तक जा सकती हूं । जब उस प्रतियोगिता को हिमा दास ने जीता तब हिमा दास पर शमशुल हक की नजर पड़ी और उन्होंने हिमा दास से बातचीत की । शमशुल हक ने उनको बताया कि तुम यदि प्रशिक्षण लेकर अपने खेल को आगे बढ़ाओ तो तुम बहुत आगे तक जा सकती हो । शमशुल हक ने हिमा दास की मुलाकात नौगांव स्पोर्ट्स एसोसिएशन के अधिकारी गौरी शंकर राय से करवाई थी ।

जब गौरी शंकर राय ने हिमा दास की तारीफ सुनी तब उन्होंने हिमा दास को आगे के खेल में मेहनत करने के लिए कहा था । गौरी शंकर के कहने पर हिमा दास ने एक रेसिंग प्रतियोगिता में भाग लिया था । वह प्रतियोगिता जिला स्तर प्रतियोगिता थी । उस प्रतियोगिता को हिमा दास ने प्रथम स्थान पर आकर जीती थी । इस प्रतियोगिता को निपुण दास भी देख रहे थे । जब निपुण दास की नजर हिमा दास पर पड़ी तब उन्होंने हिमादास से बातचीत की और उनको प्रशिक्षण देने के लिए कहा था ।

हिमा दास धाविका  बनने के लिए  प्रशिक्षण लेने के लिए तैयार हो गई थी । हिमा दास के परिवार की आर्थिक स्थिति ठीक नहीं थी । इसलिए हिमा दास को शहर में रहकर प्रशिक्षण प्राप्त करने में परेशानी हो रही थी । उस समय उनके कोच निपुण दास ने हिमा दास की पूरी मदद की थी ।  हिमा दास को उनके कोच ने हिमा दास  को दौड़ने का प्रशिक्षण दिया था । जब हिमा दास रेसिंग की ट्रेनिंग ले रही थी तब वह पूरी मेहनत और लगन से सीख रही थी ।

वह सुबह 5:00 बजे उठकर मैदान में पहुंच जाती थी और पूरी मेहनत से दौड़ लगाती थी । इसी मेहनत और लगन के कारण आज हिमा दास को पूरी दुनिया जानती है । वह अपने नाम का डंका देश, विदेशों में तक बजा चुकी हैं । उन्होंने कई प्रतियोगिताओं को जीता है और अपने परिवार एवं देश का नाम रोशन किया है ।

हिमा दास का रेसिंग केरियर – हिमा दास ने अपने रेसिंग केरियर की शुरुआत डिस्ट्रिक्ट कंपटीशन को जीतकर की थी । इस प्रतियोगिता में उन्होंने अपनी पूरी ताकत झोंक दी थी । यह प्रतियोगिता 100 मीटर एवं 200 मीटर की थी । इस प्रतियोगिता को जीतकर हिमा दास ने यह साबित कर दिया था कि वह कुछ भी कर सकती हैं । हिमा दास ने इसके बाद कभी भी पीछे मुड़कर नहीं देखा । वह मैदान में जाकर और ज्यादा मेहनत करने लगी थी । अब उनको एक सफल धाविका बनने से कोई रोक नहीं सकता है क्योंकि वह खेल के मैदान में निरंतर मेहनत करती रहती हैं । वह अब सिर्फ रेसिंग पर ही ध्यान देती हैं ।

अपने कोच के द्वारा बताए गए रास्तों पर ही वह चलती हैं । उनके कोच के द्वारा ही वह एक सफल भाविका बन चुकी हैं । वह कई स्वर्ण एवं रजत पदक हासिल कर चुकी हैं ।

हिमा दास का इंटरनेशनल केरियर – हिमा दास ने अपने खेल से भारत देश ही नहीं बल्कि विदेशों में तक अपने नाम का डंका बजा दिया है । वह पहली बार इंटरनेशनल प्रतियोगिता का हिस्सा बनने के लिए तैयार हो चुकी थी ।जब बैंकॉक देश में एशियाई यूथ चैंपियनशिप प्रतियोगिता हो रही थी तब उस प्रतियोगिता में भारत की ओर से हेमा दास का चयन किया गया था । यह प्रतियोगिता 200 मीटर की रेस थी और इस प्रतियोगिता में भाग लेने के बाद उन्होंने खेल के मैदान पर मेहनत की थी और इस प्रतियोगिता में हिमा दास ने सातवां स्थान प्राप्त किया था ।

इसके बाद वह कहां रुकने वाली थी । उन्होंने अपने आप को ऊंचाइयों तक पहुंचाने का इरादा कर लिया था । जब ऑस्ट्रेलिया में कॉमनवेल्थ गेम्स की प्रतियोगिता हो रही थी तब भारत की ओर से एक रेसर के रूप में हिमा दास का चयन किया गया था । इस प्रतियोगिता में 400 मीटर की रेस होना थी । इस प्रतियोगिता को हिमा दास ने जीती थी । यह प्रतियोगिता 400 मीटर की रेस की थी । इसके बाद वह अपने शरीर को स्वस्थ रखने लगी और प्रतिदिन रेस की प्रैक्टिस करने लगी थी ।

इसके बाद हिमा दास ने वर्ल्ड एथलेटिक्स चैंपियनशिप ट्रैक कंपटीशन में हिस्सा लिया था । यह उनकी सबसे बड़ी प्रतियोगिता थी और इस प्रतियोगिता को जीतने के लिए वे निरंतर मेहनत करती रही । जब रेस प्रतियोगिता हो रही थी तब उन्होंने इस प्रतियोगिता को जीतने के लिए अपना मन बना लिया था और इस प्रतियोगिता में वह पूरी तरह से आगे थी । इस प्रतियोगिता को जीतकर उन्होंने अपना और देश का नाम रोशन कर दिया था । इस प्रतियोगिता को जीतने के बाद उनको स्वर्ण पदक दिया गया था ।

स्वर्ण पदक मिलने के बाद यह इतिहास बन चुका था क्योंकि वह भारत की ऐसी पहली महिला हैं जिसने स्वर्ण पदक हासिल किया है । उन्होंने आई ए ए ऐफ वर्ल्ड अंडर 20 चैंपियनशिप को जीता है । इस चैंपियनशिप में 400 मीटर की दौड़ होना थी और 400 मीटर की दौड़ को जीतकर हिमा दास ने यह साबित कर दिया था कि वह किसी से कम नहीं है । वह एक अच्छी धाविका  है  । हिमा दास ने कम समय में 400 मीटर की रेस को जीतकर वर्ल्ड रिकॉर्ड भी बनाया है ।

400 मीटर की रेस हिमादास में 51.46 सेकंड में जीत ली थी और इस प्रतियोगिता में प्रथम स्थान हासिल किया था ।हिमा दास यहीं पर रुकने वाली नहीं थी । इसके बाद उन्होंने अपने कैरियर को आगे बढ़ाया और कई प्रतियोगिताओं को जीतकर अपने नाम का डंका बजाया है । 1 महीने में हिमा दास ने कई प्रतियोगिताओं को जीता है । 1 महीने में हिमा दास ने 5 गोल्ड मेडल जीते हैं । यह उनके कैरियर की सबसे बड़ी जीत थी । जब नॉवेमेस्टो सीजेच रिपब्लिक में हिमा दास का सिलेक्शन हुआ तब उन्होंने 400 मीटर की दौड़ में अपने आप को सबसे आगे रखा और इस प्रतियोगिता को जीता था ।

इस प्रतियोगिता को जीतने के बाद हिमा दास को स्वर्ण पदक से सम्मानित किया गया था । जुलाई महीने में उन्होंने कई प्रतियोगिताओं में भाग लिया था । 2 जुलाई 2019 से 22 जुलाई 2019 तक वह यूरोप में थी क्योंकि यूरोप में रेसिंग प्रतियोगिता हो रही थी । यूरोप के रेसिंग प्रतियोगिता में उन्होंने भाग लिया और उस प्रतियोगिता में 5 बार स्वर्ण पदक हासिल करा था । 5 बार स्वर्ण पदक हासिल करने वाली वह पहली महिला थी । इसके बाद 2 जुलाई 2019 को जब वह 200 मीटर की दौड़ में शामिल हुई थी तब उन्होंने उस दौड़ को बहुत तेजी से दौड़ा था और 23.65 सेकंड में वह दौड़ पूरी कर ली थी ।

इसके बाद वह पोलैंड में पोजनान एथलेटिक्स ग्रैंड प्रिक्स में प्रतियोगिता का हिस्सा बनी थी और उस प्रतियोगिता को जीत लिया था । उस प्रतियोगिता को जीतने के बाद हिमा दास को स्वर्ण पदक से सम्मानित किया गया था । इसके बाद वह 8 जुलाई को पोलैंड में कुटनो एथलेटिक्स दौड़ में हिस्सा लेने के लिए चली गई थी और 200 मीटर की रेस को हिमा दास ने पूरी मेहनत से जीती थी और यह दौड़ हिमा दास ने 23.97 सेकंड में पूरी कर ली थी । हिमा दास ने इस प्रतियोगिता में प्रथम स्थान हासिल किया था ।

इस प्रतियोगिता को जीतने के बाद हिमा दास को स्वर्ण पदक से सम्मानित किया गया था । इसके बाद हिमा दास ने 17 जुलाई को होने वाले टाबोर एथलेटिक्स मीट में हिस्सा लिया था । इस प्रतियोगिता की 200 मीटर की दौड़ को उन्होंने जीत ली थी । इस जीत के बाद उनको स्वर्ण पदक से सम्मानित किया गया था ।

हिमा दास के पसंदीदा खेल एवं पसंदीदा लोग – हिमा दास को फुटबॉल खेलना  बचपन से ही पसंद था । जब वह स्कूल जाती थी तब खेल के मैदान में अपने दोस्तों के साथ फुटबॉल खेलती थी । फुटबॉल के साथ-साथ वह दौड़ने में भी रुचि रखती थी । फुटबॉल गेम को भी वह पसंद करती थी । फुटबॉल खेल में उनका पसंदीदा खिलाड़ी निकोलस बेलेज है । हिमा दास का पसंदीदा एक्टर विक्की कौशल है । विक्की कौशल की फिल्में उनको पसंद है और उनके गाने भी देखती हैं ।

हिमा दास को फिल्में देखना बहुत पसंद है । हिमा दास की पसंदीदा अभिनेत्री आलिया भट्ट है । हिमा दास आलिया भट्ट की फिल्मों को देखना पसंद करती हैं और उनके गानों को सुनना भी पसंद करती हैं ।हिमा दास का पसंदीदा गायक जुबीन गर्ग है । जिनके गाने वह  अक्सर सुना करती हैं । हिमा दास की पसंदीदा जगह शिमला है जहां पर वह अक्सर जाया करती हैं ।

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