सरोजिनी नायडू की जीवनी Sarojini naidu biography in hindi

Sarojini naidu biography in hindi

दोस्तों कैसे हैं आप सभी, आज हम आपको एक ऐसी महान महिला सरोजिनी नायडू के बारे में बताने वाले हैं जिन्होंने बहुत सी कविताओं की रचना की है जो राष्ट्रीय कांग्रेस की अध्यक्ष एवं प्रदेश की गवर्नर रह चुकी है जिन्हें हर कोई पहचानता है उन्होंने अपनी कविताओं के जरिए देश को स्वतंत्र करवाने के लिए लोगों को प्रेरित भी किया है चलिए पढ़ते हैं इस महान कवित्री सरोजिनी नायडू के बारे में

Sarojini naidu biography in hindi
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image source-https://commons.wikimedia.org/wiki/File:Sarojini_Naidu

शुरुआती जीवन

सरोजिनी नायडू का जन्म 13 फरवरी सन 1879 को हैदराबाद में हुआ था इनके पिता का नाम डॉक्टर अघोर नाथ एवं माता का नाम वरद सुंदरी देवी था. सरोजिनी नायडू अपने भाई बहनों में सबसे बड़ी थी उनके पिता शुरू से ही उन्हें एक वैज्ञानिक बनाना चाहते थे लेकिन सरोजिनी नायडू की बचपन से ही रुचि कविता लिखने में थी क्योंकि उनकी माता भी कविता लिखने की रुचि रखती थी उन्होंने भी बंगाली भाषाओं में कई कविताएं लिखी हैं इसलिए सरोजिनी नायडू को भी अपनी माता की तरह कविता लिखने में विशेष रुचि थी.

सरोजिनी जी अपने स्कूल की एक बहुत ही होशियार विद्यार्थी थी उन्होंने मैट्रिक परीक्षा में टॉप किया था उन्हें कई भाषाओं का ज्ञान था इंग्लिश, तेलुगु,उर्दू और बंगाली भाषाओं में उन्हें विशेष रूचि भी थी और उन्हें इन भाषाओ का ज्ञान भी था.जब वह 13 साल की थी तब उन्होंने 1200 पंक्तियों का एक खंड काव्य लिखा था वास्तव में सरोजिनी नायडू ने अपने शुरुआती जीवन से ही बहुत कुछ करना शुरू कर दिया था.

आगे की पढ़ाई और विवाह

सरोजिनी नायडू एक बहुत ही अच्छी विद्यार्थी थी इसलिए स्कॉलरशिप पर वह विदेश के कॉलेज में पढ़ने के लिए गई. वह लंदन के किंग कॉलेज में चली गई और वहां पर उन्होंने अपनी आगे की पढ़ाई करना शुरू कर दिया था लेकिन वहां पर भी वह अपना ज्यादा ध्यान कविता लिखने पर ही देती थी जब वह कॉलेज में पढ़ाई करती थी तभी उनकी मुलाकात डॉक्टर गोविंद राजुलू नायडू से हुई ये एक दूसरे को बेहद पसंद करते थे.

कॉलेज की पढ़ाई पूरी करने के बाद उन्होंने शादी करने का निर्णय लिया लेकिन सरोजिनी नायडू के होने वाले पति यानी गोविंद एक दूसरी जाति के थे जिस वजह से उन्हें शादी करने में थोड़ी परेशानी हुई लेकिन इनके माता-पिता ने इसमें इनका सहयोग दिया और फिर इन दोनों की शादी कर दी.

राजनीतिक जीवन

सरोजिनी नायडू ने शादी के बाद भी अपने कामों से रुचि नहीं हटाई इन्होंने कई कविताएं लिखी जो बच्चों को भी बेहद पसंद हैं इनकी काफी कविताएं प्रकाशित हुई कुछ समय बाद इन्होंने क्रांतिकारी विचारों पर भी कविताएं लिखी और अपनी कविताएं उन्होंने गांव गांव के लोगों को बताई.इन्होंने लोगों को जागरूक किया, इन्होंने महिलाओं के लिए भी कई कार्य किए महिलाओं को उनकी क्षमताओं का ज्ञान कराया और उन्हें उनके अधिकार बताएं

कुछ समय बाद सन 1925 में सरोजिनी नायडू कानपुर से राष्ट्रीय कांग्रेस की अध्यक्ष बनने के लिए खड़ी हुई और जीत भी गई इन्होंने गांधी जी के साथ भी देश को स्वतंत्रता दिलवाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है इन्होंने गांधी जी के साथ में कई अहिंसावादी कार्य किए और सत्याग्रह में भी उन्होंने मुख्य भूमिका निभाई.

सरोजिनी नायडू को जेल

उन्होंने गांधी जी के साथ में कुछ आंदोलनों में भाग लिया और अपने अहिंसावादी विचारों के साथ देश को आजादी दिलवाने के लिए प्रयत्न किया इसी वजह से इन्हें गांधी जी के साथ कुछ महीनों तक जेल की यातनाएं सहनी पड़ी लेकिन कुछ समय बाद ही देश को आजादी मिल गई और सरोजिनी नायडू को उत्तर प्रदेश का गवर्नर बना दिया गया.

सरोजिनी नायडू की मृत्यु

सरोजिनी नायडू की मृत्यु हार्ट अटैक आने से हुई थी उन्हें ये प्रॉब्लम काफी दिनों से थी.एक दिन उन्हें तेजी से हार्ट अटैक आया और वह स्वर्ग सिधार गई वास्तव में सरोजिनी नायडू एक महान स्वतंत्रता सेनानी, कवयित्री और गवर्नर थी वह औरत जाति के लिए एक मिसाल थी.इनके किए गए कार्यों की वजह से वह हर किसी के दिल में हमेशा जिंदा रहेंगी।

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