औरंगजेब का इतिहास व् जीवन परिचय aurangzeb history in hindi
aurangzeb history in hindi
दोस्तों आज हम आपके लिए लाए हैं औरंगजेब का इतिहास व् जीवन परिचय को । चलिए अब हम पढ़ेंगे औरंगजेब का इतिहास व् जीवन परिचय को ।

औरंगजेब भारत के मुगल शासक थे । औरंगजेब ने भारत पर कई सालों तक राज किया था । औरंगजेब एक कट्टर मुसलमान था । औरंगजेब हिंदुओं पर अत्याचार किया करता था । वह भारत के सभी हिंदुओं को मुस्लिम धर्म अपनाने के लिए जबरदस्ती करता था । औरंगजेब ने भारत में 49 साल तक राज किया था । औरंगजेब ने भारत में 1658 से 1707 तक राज किया था । औरंगजेब एक अत्याचारी राजा था । राज्य की प्रजा उसको पसंद नहीं करती थी । औरंगजेब ने अपने राज्य के हिंदुओं पर अत्याचार किए थे । औरंगजेब के राज में हिंदुओं को ना तो कोई काम दिया जाता था और ना ही हिंदुओं का इंसाफ किया जाता था ।
औरंगजेब को उनके पिता शाहजहां के द्वारा पहली बार 18 वर्ष की उम्र में दक्कन का सूबेदार बनाया गया था ।
जन्म स्थान – औरंगजेब का जन्म 14 अक्टूबर 1618 को भारत के गुजरात राज्य के दाहोद में हुआ था ।औरंगजेब का पूरा नाम अब्दुल मुजफ्फर मोहिद्दीन मोहम्मद औरंगजेब अलमगीर था । अपने नाम के सबसे पीछे आलमगीर उसने खुद लगाया था । उनके पिता का नाम शाहजाह एवं माता का नाम मुमताज था ।औरंगजेब ने चार शादियां की थी जिनके द्वारा औरंगजेब के यह बेटे थे बहादुर शाह ,मोहम्मद काम बख्स, आजम शाह , सुल्तान मोहम्मद अकबर , मोहम्मद सुल्तान आदि ।
औरंगजेब का शासनकाल – एक बार जब औरंगजेब के पिता युद्ध हार गए थे तब उनके दादा जी के द्वारा औरंगजेब को लाहौर में बंधक बना लिया गया था । जब औरंगजेब को उनके दादाजी के द्वारा गिरफ्तार किया गया था तब उनकी उम्र 9 वर्ष की थी । औरंगजेब बाबर खानदान का उत्तराधिकारी था जिसे मुगल साम्राज्य का राजा बनाया गया था । जब औरंगजेब के पिता शाहजहां को एक युद्ध में जीत मिली थी तब 1628 में शाहजाह को आगरा का राजा घोषित कर दिया गया था । उनके पिता की जीत होने के बाद औरंगजेब और उनके बड़े भाई पिता के साथ रहने लगे थे ।
एक बार जब आगरा राज्य में हाथियों के झुंड ने हमला कर दिया था और वहां की प्रजा को नुकसान पहुंचा था तब औरंगजेब ने अपनी बुद्धि एवं शक्ति से उन हाथियों का सामना किया और उनको एक पिंजरे में बंद कर दिया था । उनके पिता ने उनकी बहादुरी और काबिलियत को देखते हुए उनको एक साहसी व्यक्ति की उपाधि से सम्मानित किया था । ऐसे कई कारनामे औरंगजेब करते रहते थे । उनके पिता ने उनको 18 वर्ष की आयु में सन 1636 में दक्कन का सूबेदार बना दिया था । जब उनको दक्कन का सूबेदार बनाया गया था तब औरंगजेब ने 1637 में दिलरास बानू बेगम से निकाह कर लिया था और अपनी बेगम के साथ वह ढक्कन में रहते थे।
एक बार जब अचानक से उनकी बहन की तबीयत बिगड़ गई थी और उनकी बहन की मृत्यु हो गई थी तब औरंगजेब अपने घर पर नहीं आए थे । बहन की मृत्यु के कई सालों बाद वह वापस अपने घर पर आए थे । इस बात को लेकर उनका झगड़ा परिवार से हो गया था । उनके पिता ने उनको दक्कन के सूबेदार पद से निलंबित कर दिया था और औरंगजेब को आगरा राज्य में आने के लिए भी मना कर दिया था । कुछ समय बीतने के बाद जब उनके पिता जी का गुस्सा शांत हो गया था तब उनको 1645 में गुजरात का सूबेदार बनाया गया था । उन्होंने गुजरात के सूबेदार बनने के बाद कई काम किए थे और उनके पिता शाहजाह ने उनको अफगानिस्तान का सूबेदार भी बनाया था ।
उनके पिता के सबसे नज़दीक उनके बड़े भाई रहते थे । उनके पिता जो भी काम करते थे वह सबसे बड़े बेटे से बातचीत करने के बाद किया करते थे । समय बीतने के बाद जब शाहजाह बीमार पड़ गए थे तब तीनों भाइयों में सत्ता को लेकर विवाद होने लगा था । तीनों भाइयों में सबसे ज्यादा शक्तिशाली एवं बलवान औरंगजेब ही था । उसने अपनी शक्ति से अपने पिता को बंदी बना लिया था और अपने दोनों भाइयों को फांसी पर लटका दिया था । औरंगजेब ने कई बार अपने पिता को भी मारने की कोशिश की थी लेकिन औरंगजेब के राज में कुछ ऐसे व्यक्ति मौजूद थे जो शाहजाह को बचाना चाहते थे । इस तरह से औरंगजेब ने भारत पर राज किया था ।
औरंगजेब पूरे देश को मुस्लिम राज्य बनाना चाहता था । जो व्यक्ति मुस्लिम नहीं बनता था उसके ऊपर औरंगजेब अत्याचार किया करता था । औरंगजेब के बढ़ते हुए अत्याचार से काफी लोग परेशान होने लगे थे । जब औरंगजेब ने कश्मीर के लोगों को मुस्लिम धर्म अपनाने मजबूर किया तब सिख साम्राज्य के गुरु तेग बहादुर ने कश्मीर के लोगों के साथ मिलकर औरंगजेब का विरोध किया था । औरंगजेब ने तेग बहादुर को फांसी पर लटका दिया था ।औरंगजेब ने हिंदुओं पर अत्याचार करने के लिए हिंदुओं पर अधिक कर लगाया था । औरंगजेब के राज्य में हिंदुओं को ना तो कोई काम दिया जाता था और ना ही इंसाफ दिया जाता था ।
जब औरंगजेब के अत्याचार बहुत बढ़ गए थे तब 1960 में मराठा ने उनके विरुद्ध विद्रोह छेड़ा था । मराठा के साथ साथ 1969 में जाट साम्राज्य ने , 1672 में सतनामी ने , 1675 में शिख ने , 1679 में राजपूतों ने एवं 1686 में अंग्रेजों ने भी औरंगजेब के खिलाफ आवाज उठाई थी जिससे औरंगजेब का शासनकाल हिलने लगा था । राज्य की एकता भंग होने लगी थी क्योंकि औरंगजेब ने हिंदू राजाओं को अपना दुश्मन बना लिया था । औरंगजेब का सबसे बड़ा दुश्मन शिवाजी थे । एक युद्ध में औरंगजेब ने शिवाजी को हरा दिया था और बंदी बना लिया था लेकिन शिवाजी औरंगजेब के बंदी ग्रह से भाग गए थे ।
इसके बाद शिवाजी ने अपनी सेना बनाई और औरंगजेब पर हमला कर दिया था जिस युद्ध में शिवाजी की जीत हुई थी ।
मृत्यु – औरंगजेब का निधन 3 मार्च 1707 को हो गया था ।
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