हड़ताल पर निबंध Hadtal essay in hindi

Hadtal essay in hindi

दोस्तों आज हम बात करेंगे हड़ताल के बारे में आखिर यह हड़ताल होती क्या है? लोग हड़ताल क्यों करते हैं प्राचीन काल में जब राजतंत्र था तब राजा महाराजाओ के राज्य में जो लोग नौकरी करते थे तब उनको नौकरी के बदले जो भी दिया जाता था उसमें ही वो अपना जीवन यापन करते थे। उस समय यदि नौकर कोई विरोध जताते थे, तो उनको उसके बदले में हर्जाना भुगतना पड़ता था , राजा महाराजा या बड़े लोग उन्हें नौकरी से भी निकाल देते थे।

Hadtal essay in hindi
Hadtal essay in hindi

आज के इस दौर में सभी देशों की सरकार कर्मचारियों की मांगों को पूरा नहीं कर पा रही हैं , सरकारी कर्मचारी को अगर लगता है कि उनके साथ नाइंसाफी की जा रही है ,तो सभी मिलकर उस बात का विरोध जताते हैं और काम करना बंद कर देते हैं जिससे सामने वाले पर दबाव बढ़ जाता है और फिर तरह तरह के नारे हड़ताल में दिए जाते हैं. गलियों, चौराहों पर रैलियां निकाली जाती है, सभी लोग मिलकर के उस संस्थान या सरकार का विरोध जताते हैं और अपनी शर्ते को पूरा करने के लिए चेतावनी देते हैं की अगर आपने हमारी शर्तों को पूरा नहीं किया तो हमारे द्वारा जो कार्य होता है हम उस कार्य को नहीं करेंगे और किसी को करने भी नहीं देंगे।

जैसे कि शिक्षकों की हड़ताल होती है ,जितने भी टीचर होते हैं अगर उनका वेतन सही समय पर नहीं दिया जाता है, तो बह सभी मिलकर हड़ताल करते हैं, या फिर उनके वेतन को बढ़ाकर नहीं दिया जाता है तो भी सभी शिक्षक इकट्ठा होकर सरकार या किसी संस्था के खिलाफ आवाज उठाते है और सभी लोग एकत्रित होकर अपना और सभी शिक्षकों का वेतन बढ़ाने की मांग करते हैं और सभी लोग एकत्रित होकर संस्था पर अपनी मांगो को पूरा करने का दबाव बनाते हैं और कभी-कभी तो अपनी मांगों को पूरा करवाने के लिए वो भूख हड़ताल पर भी बैठ जाते हैं.

भूख हड़ताल का तात्पर्य है, की जो कमेटी होती है उसमें से एक व्यक्ति बिना खाना खाए पिए वहां पर बैठ जाता है । वह तब तक कुछ भी खाना नहीं खाता है जब तक की उसकी मांगों को पूरा नही किया जाता है। राजनीति में भी कई नेता या विपक्ष भी सरकार का विरोध जताने के लिए हड़ताल का ही उपयोग करते है। देखा जाए तो हड़ताल अगर सही बजह के लिए की जाए तो इसके अच्छे परिणाम होते हैं और कई लोगों को इसका फायदा भी मिलता है, लेकिन कुछ लोग इसका फायदा उठाकर बेमतलब की हड़ताले करते हैं ,जिसका कोई मतलब नहीं होता है.

अगर हम किसी चीज का विरोध जताने के लिए हड़ताल करते हैं तो हमको यह ध्यान में रखना चाहिए कि हमारी हड़ताल से किसी अन्य व्यक्ति का नुकसान ना हो क्योंकि ऐसा भी देखा जाता है की कुछ लोग हड़ताल के बहाने बसों में आग लगा देते हैं , दुकानों में आग लगा देते हैं ,रेल की पटरियों को भी नुकसान पहुंचाते हैं लेकिन ये गलत है। हमारी शर्तों को पूरा करने के लिए किसी और का नुकसान करना सही नहीं है । कभी-कभी तो यह भी हो जाता है की हड़ताल होते समय एंबुलेंस जिसमें एक बीमार मरीज बैठा हुआ हैं बह उस भीड़ में फंस जाता है जिसके कारण उस बीमार मरीज की मौत हो जाती है जिससे उस व्यक्ति के पूरे परिवार को परेशानी भुगतनी पड़ती है.

अगर हम कभी हड़ताल करते हैं तो हमें ध्यान रखना चाहिए की हमारी शर्तें भी पूरी हो जाए और किसी को नुकसान भी ना पहुंचे. कुछ लोग हड़ताल करते समय रेल की पटरियों को भी नुकसान पहुंचा देते हैं। में उन लोगों से पूछना चाहता हूं की क्या यह सही है या गलत. बात का विरोध करना सही बात है लेकिन हम भी गलतियां करें तो यह भी सही नहीं है.

हड़ताल करते समय हमें बसों में भी आग नहीं लगाना चाहिए, जो बस में यात्री बैठे होते हैं इन सब का क्या कसूर होता है वह भी आम नागरिक होते हैं उनको नुकसान पहुंचा कर हम इंसानियत को खो देते हैं जो कि गलत है. विरोध जताना गलत नहीं है लेकिन उन नागरिकों का भी कोई नुकसान नहीं होना चाहिए जिसका हमारी हड़ताल से कोई लेना देना नहीं है.

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