भारतीय इतिहास की महान महिलाओ की जानकारी Great womens of indian history in hindi

Great womens of indian history in hindi

Great womens of indian – दोस्तों आज हम आपको इस आर्टिकल के माध्यम से भारतीय इतिहास की महान महिलाओं के बारे में बताने जा रहे हैं । चलिए अब हम आगे बढ़ते हैं और भारत में जन्मी महान महिलाओं के शौर्य एवं पराक्रम के बारे में जानते हैं ।

Great womens of indian history in hindi
Great womens of indian history in hindi

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हमारे भारत देश में प्राचीन समय से ही महान महिलाओं ने जन्म लिया है । उनके शौर्य एवं पराक्रम की हम जितनी प्रशंसा करें उतनी कम है । भारत देश की महान महिलाओं की शौर्य गाथा बहुत अच्छी है । उपनिषद काल से लेकर अभी तक भारतीय इतिहास में कई महान महिलाओं ने जन्म लिया है । भारत देश में महिलाओं के द्वारा कई महान कार्य किए गए हैं और उनके द्वारा किए गए कार्यों को कभी भी भुलाया नहीं जा सकता है । चलिए अब हम महान महिलाओं के बारे में जानते हैं ।

भारत की महान महिला रानी प्रभावती के बारे में About Rani Prabhavati- रानी प्रभावती एक साहसी और निडर महिला थी । रानी प्रभावती के पराक्रम की दास्तां इतिहास में लिखी गई है ।जब हम उनके पराक्रम एवं शौर्य की गाथा सुनते हैं तब हमें बड़ा गर्व होता है की रानी प्रभावती जैसी महिला का जन्म हमारी भारत की भूमि पर हुआ है । रानी प्रभावती बहुत सुंदर स्त्री थी । रानी प्रभावती की सुंदरता के चर्चे दूर-दूर तक फैले हुए थे । रानी प्रभावती बचपन से ही अपनी सुंदरता के लिए पहचानी जाती थी । जब गन्नौर के राजा ने रानी प्रभावती को देखा तब गन्नौर के राजा  रानी प्रभावती की सुंदरता पर मोहित हो गए थे ।

गन्नौर के राजा ने रानी प्रभावती से विवाह करने का फैसला कर लिया था । गन्नौर के राजा ने रानी प्रभावती के घर पर विवाह का प्रस्ताव भेजा था और रानी प्रभावती के माता पिता ने यह प्रस्ताव स्वीकार कर लिया था । रानी प्रभावती की शादी गन्नौर के राजा से हो गई थी । शादी के बाद गन्नौर के राजा के साथ रानी प्रभावती अपना जीवन बिताने लगी थी । जब रानी प्रभावती पर यवन बादशाहा की नजर पड़ी तब वह रानी प्रभावती की सुंदरता को देखकर मोहित हो गया था ।

यवन बादशाहा ने यह फैसला कर लिया था की वह रानी प्रभावती को अपनी रानी बनाएगा । इसके लिए उसे जो भी करना पड़े वह करेगा । यवन बादशाह किसी भी हद तक जाकर रानी प्रभावती को हासिल करना चाहता था ।  यवन बादशाहा ने रानी प्रभावती को हासिल करने के लिए कई तरह के प्लान तैयार किए थे । परंतु यवन बादशाहा के सभी प्लान नाकामयाब हो गए थे । इसके बाद यवन बादशाहा ने रानी प्रभावती को हासिल करने के लिए गन्नौर पर हमला कर दिया था ।

जब रानी प्रभावती को यह पता चला की यवन बादशाहा ने अपनी सेना के साथ मिलकर गन्नौर पर हमला कर दिया है तब रानी प्रभावती ने अपने सैनिकों से युद्ध की तैयारी करने के लिए कह दिया था ।  यवन बादशाह और रानी प्रभावती के बीच में धमासान युद्ध हुआ था । यवन बादशाहा के सैनिकों ने रानी प्रभावती के सैनिकों की हत्या कर दी थी लेकिन रानी प्रभावती बड़ी वीरता के साथ यवन बादशाह के साथ लड़ रही थी । इस लड़ाई में यवन बादशाह की जीत हुई थी ।

यवन बादशाह ने गन्नौर के किले पर कब्जा कर लिया था ।इसके बाद रानी प्रभावती नर्मदा किले में चली गई थी । परंतु यवन बादशाह ने रानी प्रभावती का पीछा नहीं छोड़ा और नर्मदा किले पर हमला करा दिया था । परंतु रानी प्रभावती बड़ी वीरता के साथ नर्मदा किले के अंदर चली गई और अंदर से किले का गेट बंद कर दिया था । रानी प्रभावती ने वीरता के साथ यवन बादशाह के सैनिकों को मार दिया था । इसके बाद यवन बादशाह  ने  रानी प्रभावती के पास  एक  पत्र लिखकर भेजा  था ।

उस पत्र में  यवन बाद शाह ने  यह लिखा था  की  मुझे तुम्हारी धन-संपत्ति  नहीं चाहिए । मैं तुमसे विवाह करना चाहता हूं । रानी ने जब यह पत्र पड़ा तब रानी प्रभावती को बहुत क्रोध आया था लेकिन रानी ने अपने क्रोध को शांत करके दिमाग से काम लिया था । रानी प्रभावती ने यवन बादशाहा के प्रस्ताव को स्वीकार कर लिया था । रानी प्रभावती में यवन बादशाह को एक पत्र लिखा और उस पत्र में यह लिखा था की मैं तुमसे विवाह करने के लिए तैयार हूं लेकिन अभी तुम्हारे पास विवाह में पहनने के लिए अच्छी एवं सुंदर पोशाक नहीं है ।

हम कल विवाह करेंगे ।जब यवन बादशाह को यह पत्र मिला तब यवन बादशाह बहुत खुश हुआ था । रानी ने अपने राजदूत के माध्यम से एक सुंदर शेरवानी यवन बादशाह को भिजवाई थी । दूसरे दिन जब यवन बादशाहा विवाह के लिए तैयार हो रहा था तब यवन बादशाहा ने रानी प्रभावती के द्वारा भिजवाई गई शेरवानी पहनी थी । रानी प्रभावती वहां पर सज धज कर तैयार होकर पहुंची थी । जैसे ही रानी बहा पर पहुंची यवन बादशाहा फड़फड़ाने लगा था ।

रानी प्रभावती ने यवन बादशाह से कहा था की तूने एक स्त्री के चरित्र को नष्ट करने की कोशिश की थी इसीलिए मैंने तेरे इस शेरवानी में विष लगा कर भेजा था । इस तरह से रानी प्रभावती ने यवन बादशाहा को मार डाला था । इसके बाद रानी प्रभावती ने नर्मदा नदी में कूदकर अपनी जान दे दी थी और सती हो गई थी ।

भारत देश की महान महिला भीमाबाई के बारे में About bhima bai holkar- भारत की महान महिला भीमाबाई वीरता के लिए जानी जाती हैं । भीमाबाई के पराक्रम एवं शौर्य की दास्तां इतिहास में दर्ज है । भीमाबाई ने 1857 की लड़ाई में अपना महत्वपूर्ण योगदान दिया था । बड़ी वीरता के साथ वह अंग्रेजों से लड़ती रही थी । भीमाबाई के पिता जसवंत एवं माता केसरी थे । भीमाबाई का विवाह एक राजकुमार के साथ हुआ था और वह होलकर राज्य में रहने लगी थी । जब अंग्रेजों की नजर होलकर राज्य पर पड़ी तब अंग्रेजों ने होलकर राज्य पर हमला कर दिया था ।

भीमाबाई ने अंग्रेजों का डटकर सामना किया था । जब पूरे देश में 1857 की क्रांति चल रही थी तब भीमाबाई ने अंग्रेजों के विरुद्ध लड़ाई छेड़ दी थी और बड़े वीरता के साथ उन्होंने अंग्रेजों से लोहा लिया था । भीमाबाई के अंदर देशभक्ति कूट-कूट कर भरी हुई थी । वह देश को आजादी दिलाने के लिए सदैव तत्पर रहती थी । जब 1857 की क्रांति हुई तब उन्होंने अंग्रेजों से डटकर सामना किया था । यह भारत देश की सबसे महान महिला के रूप में जानी जाती हैं ।उनके पराक्रम एवं  शौर्य की गाथा इतिहास में लिखी गई है ।

भारत की महान महिला झांसी की रानी के बारे में About Rani of Jhansi- झांसी की रानी के पराक्रम एवं शौर्य की गाथा इतिहास में दर्ज है । उन्होंने अपने शौर्य और पराक्रम से अंग्रेजों से डटकर सामना किया था और देशहित और राज्य हित के लिए अपनी जान गवा दी थी । झांसी की रानी का जन्म वाराणसी के भदैनी नामक नगर में 19 नवंबर 1828 को हुआ था । झांसी की रानी के बचपन का नाम मणिकर्णिका था । झांसी की रानी के पिता का नाम मोरोपंत तांबे एवं माता का नाम भागीरथी बाई था ।

जब धीरे धीरे झांसी की रानी बढ़ी हुई तब उनके अंदर वीरता का उफान दिखाई देने लगा था । वह बचपन में घोड़ा सवारी करने , तलवार चलाने , योगा करने की शौकीन थी । उन्होंने बचपन से ही एक वीर बनने का सपना देखा था । झांसी की रानी का विवाह झांसी के राजा महाराज गंगाधर राल के साथ हुआ था । इसके बाद झांसी की रानी और गंगाधर राल की एक संतान हुई थी । परंतु वह संतान ज्यादा दिनों तक जीवित नहीं रह सकी थी ।

उस बालक का बीमारी के कारण निधन हो गया था । जिससे झांसी की रानी और गंगाधर राल को बड़ा दुख हुआ था । झांसी की रानी के कहने पर महाराज गंगाधर राल ने एक बालक को गोद ले लिया था ।जिससे कि उनका उत्तराधिकारी बने । इस दुख के कारण झांसी के महाराज गंगाधर राव का देहांत हो गया था और रानी अकेली हो गई थी । अंग्रेजों की नजर झांसी पर पहले से ही थी । जब वहां के राजा गंगाधर राल का देहांत हुआ तब झांसी की रानी अकेली पड़ गई थी ।

अंग्रेजों ने इसका फायदा उठाकर झांसी की रानी को यह प्रस्ताव दिया कि तुम यह किला खाली कर दो । तुम्हें ब्रिटिश सरकार की ओर से महीने का मेहनताना दिया जाएगा और तुम शहर में जाकर एक मकान में रह कर अपना जीवन यापन करो । कुछ समय बाद जब झांसी में विद्रोह हुआ तब अंग्रेजों ने यह सोचा कि यह विद्रोह झांसी की रानी के द्वारा करवाया गया है ।

अंग्रेजों ने अपने सैनिकों को भेजकर झांसी की रानी को खत्म करने का फैसला किया था । परंतु झांसी की रानी बड़ी वीरता के साथ लड़ती रही । झांसी की रानी ने 1857 की क्रांति में अपनी महत्वपूर्ण भूमिका निभाई थी । झांसी की रानी ने 18 57 की क्रांति में अंग्रेजों से डटकर सामना किया था । जब झांसी की रानी घोड़े पर चढ़कर अंग्रेजों के सैनिकों से लड़ाई करती थी तब झांसी की रानी की वीरता और भी बढ़ने लगती थी । झांसी की रानी ने अपने देश के लिए और देश के नागरिकों की आजादी के लिए अंग्रेजों से लड़ते लड़ते अपना बलिदान दे दिया था ।

झांसी की रानी देश की महान महिलाओं में से एक हैं । जिसने अपनी वीरता से 1857 की क्रांति में अपना योगदान दिया था ।

महान महिला मदर टेरेसा के बारे में About mother teresa- मदर टेरेसा एक ऐसी महिला थी जिसने भारत में रहकर कई दीन दुखियों की सेवा की है । मदर टेरेसा के अंदर दया भाव की भावना कूट-कूट कर भरी हुई थी । मदर टेरेसा एक ऐसी महान महिला के रूप में जानी जाती हैं जिसने उन गरीब लोगों की मदद की थी जो असहाय थे , गरीबी के कारण अपना जीवन यापन नहीं कर पा रहे थे । मदर टेरेसा का जन्म 27 अगस्त 1910 को हुआ था ।

वह बचपन से ही अच्छे बर्ताव के लिए जानी जाती थी । मदर टेरेसा की माता का नाम द्राना बोयाजू एवं पिता का नाम निकोला बोयाजू था ।वह एक साहसी महिला थी । जब उन्होंने देश में गरीबी के हालात देखें तब मदर टेरेसा जी को गरीबों पर दया भाव की भावना जागृत हुई और उन्होंने गरीबों , दीन दुखियों के लिए अपना जीवन समर्पित कर दिया था । मदर टेरेसा के बचपन का नाम एग्नेस गौंझा बोनास्क्यू था । भारत की महान महिला मदर टेरेसा जी को भारत सरकार की ओर से नोबेल पुरस्कार देकर सम्मानित किया गया था ।

मदर टेरेसा इस सम्मान को पाने की हकदार थी । मदर टेरेसा ने ऐसे बीमार दुखियों की मदद की थी जिनको घातक बीमारी थी । जिनके पास कोई भी व्यक्ति डर के कारण नहीं जाता था । उन लोगों के पास मदर टेरेसा जाती थी और उनकी मदद करती थी । मदर टेरेसा की जितनी प्रशंसा की जाए उतनी कम है । मदर टेरेसा को भारत की उन महान महिलाओं में गिना जाता है जिसने देश हित एवं देश के लोगों के लिए महान कार्य किए हैं ।

किरण बेदी भारत की महान महिलाओं में से एक About Kiran Bedi- किरण बेदी भारत की महान महिलाओं में से एक हैं । जिसने भारत की पहली महिला आईपीएस ऑफिसर बनकर देश की महिलाओं का मान बढ़ाया था । वह बचपन से ही पढ़ाई करने के साथ-साथ देश के हित में काम करती थी ।किरण बेदी ने आईपीएस ऑफिसर रहकर कई ऐसे काम किए हैं जिन कामों की प्रशंसा आज भी पुलिस डिपार्टमेंट में की जाती है । वह एक साहसी और निडर आईपीएस ऑफिसर थी । आज भी किरण बेदी देश हित के कार्य करती रहती हैं ।

भानु अथैया भारत की महान महिलाओं में से एक about bhanu athaiya- भानु अथैया भारत की महान महिलाओं में से एक हैं । भानु अथैया का जन्म 11 अप्रैल 1923 को हुआ था । जिसने भारत के मान सम्मान को ऊंचाई तक पहुंचाया था । भानु अथैया को 5 ऑस्कर अवार्ड से नवाजा गया था । यह अवार्ड भानु अथैया को 1982 को 55 वे ऑस्कर अवॉर्ड में दिया गया था । भानु अथैया को यह ऑस्कर अवॉर्ड गांधी फिल्म के लिए दिया गया था  । भानु अथैया को 1991 एवं 2002 को भारतीय राष्ट्रीय पुरस्कार से भी सम्मानित किया जा चुका है ।

भानु अथैया भारत की उन महिलाओं में से एक हैं जिसने देश हित के लिए भारत के सम्मान के कई कार्य किए थे और उनको ऑस्कर अवार्ड से सम्मानित किया गया है ।

इंदिरा गांधी देश की महान महिलाओं में से एक About Indira Gandhi- भारत की पहली महिला प्रधानमंत्री बनी इंदिरा गांधी एक ऐसी महिला थी जिसने अपने शक्ति पराक्रम से देश हित के लिए कार्य किए थे । इंदिरा गांधी को देश की पहली महिला प्रधानमंत्री बनने का गौरव प्राप्त है । इंदिरा गांधी जी ने देश की पहली महिला प्रधानमंत्री का पद 1966 को ग्रहण किया था । इसके बाद इंदिरा गांधी जी ने प्रधानमंत्री का पद 1977 तक संभाला था । इंदिरा गांधी देश की उन महिलाओं में से एक हैं जिनकी गिनती महान महिलाओं में होती है ।

कल्पना चावला भारत की महान महिलाओं में से एक About Kalpana Chawla- कल्पना चावला भारत की उन महान महिलाओं में पहचानी जाती हैं जिसने अंतरिक्ष में भारत की पहली महिला के रूप में गई थी । वैसे तो कल्पना चावला विदेशों में ही रही हैं पर उनका ज्यादातर लगाब भारत से जुड़ा रहा है । वह अपने आप को भारतीय मानती थी । इसलिए कल्पना चावला की गिनती भारत की महान महिलाओं में  होती है । जब कल्पना चावला अंतरिक्ष पर जा रही थी तब वहां से लौटते समय उनका अंतरिक्ष विमान क्रैश हो गया था और उनकी मृत्यु हो गई थी ।

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