वायु परिवहन पर निबंध Essay on air transport in hindi

Essay on air transport in hindi

Air transport – दोस्तों आज हम आपको इस आर्टिकल के माध्यम से वायु परिवहन पर लिखें निबंध के बारे में बताने जा रहे हैं । चलिए अब हम आगे बढ़ते हैं और इस जबरदस्त आर्टिकल को पढ़कर वायु परिवहन पर लिखें निबंध को गहराई से पढ़ते हैं ।

Essay on air transport in hindi
Essay on air transport in hindi

वायु परिवहन के बारे में – वायु परिवहन के माध्यम से देश ही नहीं बल्कि विदेशों में भी यातायात के संसाधनों में काफी सुधार आया है । वायु परिवहन के माध्यम से व्यापार के क्षेत्र में काफी उन्नति हुई है । कहने का तात्पर्य यह है कि जब वायु परिवहन का उपयोग नहीं किया जाता था तब व्यापार के क्षेत्र में काफी समस्या आती थी । कई बार ऐसा हो जाता था कि प्रोडक्ट एक स्थान से दूसरे स्थान तक पहुंचने तक खराब हो जाता था और व्यापार के क्षेत्र में इसका खामियाजा भुगतना पड़ता था । परंतु जब से वायु परिवहन का संचालन किया गया है तब से व्यापार के क्षेत्र में काफी उन्नति हुई है ।

भारत देश में वायु परिवहन के माध्यम से व्यापार के क्षेत्र में काफी उन्नति देखी गई है ।भारत देश में वायु परिवहन की शुरुआत ब्रिटिश शासन के दौरान 1911 में की गई थी ।  भारत में पहली बार हवाई परिवहन का संचालन इलाहाबाद से किया गया था । जो इलाहाबाद से नैनी के बीच की पहली उड़ान के साथ प्रारंभ किया गया था । यह विश्व की प्रथम विमान डाक सेवा का परिवहन था । जिसके माध्यम से परिवहन के क्षेत्र में वायुयान का उपयोग किया गया था । धीरे-धीरे वायु परिवहन के क्षेत्र में प्रगति होती गई थी ।

1933 में भारत में इंडियन नेशनल एयरवेज की स्थापना कर दी गई थी क्योंकि वायु परिवहन से देश के विकास में काफी रफ्तार मिलने वाली थी । जब 1935 में इंडियन नेशनल एयरवेज की स्थापना की गई तब वायु परिवहन के माध्यम से पहली बार लाहौर से कराची के बीच वायु परिवहन संचालन किया गया और वायु परिवहन संचालन सफलतापूर्वक किया गया था । जिसके बाद वायु परिवहन की उपयोगिता को सभी जान चुके थे । जब वायु परिवहन के संचालन से काफी सुविधाएं प्राप्त हुई तब वायु परिवहन के क्षेत्र को और भी सरल बनाने के लिए 1935 में टाटा एयरवेज के द्वारा 1 वायु परिवहन संचालित किया गया जो मुंबई से तिरुअनंतपुरम तक अपनी सेवाएं संचालित करता था ।

कई वायु परिवहन सेवाएं इस कंपनी को दी गई थी । 1937 के दौरान टाटा एयरवेज कंपनी के माध्यम से मुंबई , दिल्ली मार्ग पर विमान सेवा प्रारंभ की गई थी । जिसके बाद देश के हर कोने में वायु परिवहन के माध्यम से व्यापार और भी कई क्षेत्र के कार्यों को सुलभ बनाया गया था । जब हमारा देश आजाद हुआ तब देश में तकरीबन 21 वायु परिवहन कंपनियों को स्थापित किया गया था ।जिसके बाद वायु परिवहन कंपनियों को मजबूत करने के लिए भारत सरकार की सहायता सभी वायु परिवहन कंपनियों को दी गई थी ।

1953 के समय में जितनी भी  वायु परिवहन कंपनिया थी उन सभी कंपनियों को राष्ट्रीयकरण करके राष्ट्रीय वायु विमान घोषित कर दिया गया था । इन सभी वायु परिवहन कंपनियों को दो नवनिर्मित निगमों के अधीन करने का फैसला भारत सरकार के द्वारा किया गया था । इसके बाद भारत देश में विमान सेवा का संचालन क्षेत्र धीरे-धीरे बढ़ाया गया था । देश के भीतर जो विमान सेवाएं संचालित की गई थी उन विमान सेवाओं को संचालित करने के लिए 8 कंपनियों को चुना गया था और उन 8 भारतीय विमान कंपनियों के नाम इस प्रकार से हैं ।

एयरवेज इंडिया , एयर सर्विसेज ऑफ इंडिया , एयर इंडिया , दक्कन एयरवेज , कलिंग एयरवेज , हिमालय एविएशन , इंडियन नेशनल एयरवेज , भारत एयरवेज आदि । इन सभी वायुयान परिवहन कंपनी के द्वारा भारत देश के अंदर वायु परिवहन सेवाओं को संचालित किया था । भारत देश में 1997 के समय में इंडियन एयरलाइंस की जो वायु मार्ग की लंबाई थी वह लंबाई 68.53 करोड़ किलोमीटर थी । जो अपनी सेवाएं मुंबई , कोलकाता , दिल्ली , चेन्नई को देती थी और इंडियन एयरलाइंस का पहला मुख्यालय नई दिल्ली में स्थापित किया गया था ।

भारतीय इंडियन एयरलाइंस अपनी सेवाएं भारत देश के अंदर ही नहीं बल्कि भारत देश की सीमाओं से सटे हुए देशों को भी एयर परिवहन की सुविधाएं प्रदान करती थी और उन सभी पड़ोसी देशों के नाम इस प्रकार से हैं । बांग्लादेश , नेपाल , पाकिस्तान , श्री लंका , अफगानिस्तान , मालदीव और म्यांमार आदि । जब भारत देश में वायु परिवहन की शुरुआत की गई थी तब भारत के विकास का एजेंडा धीरे-धीरे बढ़ रहा था और कई तरह के लाभ भारत देश मे वायु परिवहन के माध्यम से हुए हैं ।

भारत में हवाई परिवहन कि जब शुरुआत हुई तब वायु परिवहन तीव्र गति से भारतीय व्यापारियों की सहायता प्रदान कर रहा था । जब भारत देश में वायु परिवहन की सुविधा नहीं थी तब ऊंचे पर्वतों , मरुस्थल , घने जंगलों एवं समुद्री इलाकों में सामान का परिवहन करना बड़ी मुश्किल था । परंतु जब वायु परिवहन की सेवा प्रारंभ की गई तब सभी स्थानों को वायु परिवहन के माध्यम से  विकास से जोडा़ था । वायु परिवहन के माध्यम से वह प्रोडक्ट जो जल्द खराब हो जाते हैं उन प्रोडक्ट की सेलिंग के लिए वायु परिवहन का उपयोग किया गया और सही समय पर उन सभी प्रोडक्ट को सभी स्थानों में भेज कर उनका क्रय विक्रय किया गया था ।

जिससे व्यापार के क्षेत्र में उन्नति हुई है । वायु परिवहन के संचालन के बाद सड़क परिवहन और रेल परिवहन पर जो दबाव आता था वह दबाव भी कम हुआ है । इस तरह से वायु परिवहन ने देश के विकास में अपना महत्वपूर्ण योगदान दिया है ।

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