कोरोना से संक्रमित मरीज़ की आत्मकथा पर निबंध covid marij ki atmakatha nibandh in hindi
covid marij ki atmakatha nibandh
आज का हमारा लेख कोरोना से संक्रमित मरीज की आत्मकथा पर लिखा काल्पनिक आरतीकल इसे आप पढ़ें तो चलिए पढ़ते हैं आज के हमारे इस आर्टिकल को
मैं एक कोरोनावायरस संक्रमित मरीज हूं जो अभी अभी हाल ही में ठीक हुआ हूं। मैं कैसे कोरोनावायरस से संक्रमित हुआ और ठीक होने तक मैंने कैसे अपना समय बिताया, यह सब मैं आज अपनी आत्मकथा में आपको बताने वाला हूं। एक दिन जब मैं अपने घर पर था तभी मेरे पास एक फोन आया जिसमें मुझसे जिसमें घर पर ही रहने की सलाह दी और कहा गया कि मैं कोरोना पॉजिटिव हूं। कुछ ही समय बाद मेरे घर के द्वारे पर मुझे एंबुलेंस लेने के लिए आ गई।
जब मेरे परिवार वालों ने यह देखा की मुझे एंबुलेंस लेने के लिए आई है और मैं कोरोना पॉजिटिव हूं तो उन्हें काफी दुख हुआ और उनकी आंखों से भी आंसू आने लगे थे तभी मेरे परिवार वालों को भी घर पर ही रहने की सलाह दी गई और मुझे अस्पताल में एंबुलेंस के द्वारा ले जाया गया। कुछ समय बाद ही मेरे परिवार वालों को भी घर में क्वॉरेंटाइन कर दिया गया और हमारी कॉलोनी को सील कर दिया गया जिससे कोई भी आसपास वहां पर ना जा सके।
जब मैं अस्पताल में पहुंचा तो मैंने देखा कि मुझे एक रूम में रखा गया, मुझे अपने साथ मोबाइल ले जाने की भी अनुमति नहीं थी जिस वजह से जब मैं उस कमरे में पहुंचा तो सिर्फ मुझे चारों ओर दीवारों के सिवा कुछ भी नजर नहीं आ रहा था, मुझे काफी दुख हुआ कि पता नहीं कितने दिनों तक यहां पर मुझे रुकना पड़ेगा। उस कमरे में सुबह शाम मुझे खाने को देने के लिए कोई आ जाता साथ में कभी-कभी डॉक्टर भी चेक करने के लिए आते।
करीब 14 दिनों तक मैं उस हॉस्पिटल में रहा और उन 14 दिनों में कई बार मेरी जांच हुई शुरुआती जांच में मैं कई बार कोरोना पॉजिटिव पाया गया लेकिन ईश्वर की कृपा से कुछ दिनों बाद ही मेरी जो जांच हुई वह कोरोना नेगेटिव पाई गई जिनके बारे में जानकर मैं काफी खुश हुआ। इधर जब मेरे परिवार के सदस्यों की जांच हुई तो उनकी कोरोना रिपोर्ट नेगेटिव निकली तो मैं काफी खुश हुआ।
इस बीच डॉक्टरों ने मुझसे अपने सगे संबंधियों, आसपास वालों एवं जिनसे मैं कुछ दिनों तक मिला था उन सभी लोगों की लिस्ट ले ली थी, सभी की जांच हुई लेकिन किसी को भी कोरोनावायरस नहीं निकला जिस वजह से मैं काफी खुश हुआ और मेरी कोरोना नेगेटिव रिपोर्ट कई बार आई तो मुझे काफी प्रसन्नता हुई और 14 दिन बाद अस्पताल से मेरी छुट्टी कर दी गई। मैं अपने घर पर पहुंचा तो घर वाले मुझे देखकर इतने खुश हुए कि मानो मैं किसी बहुत बड़े संकट से निकल आया हूं।
आज मैं अपने परिवार वालों के साथ पहले की तरह अच्छी जिंदगी जी रहा हूं लेकिन पहले मैं कोरोनावायरस के प्रति जागरूक नहीं था लेकिन अब मैं कोरोनावायरस को लेकर खुद भी जागरूक हूं और परिवार वालों को भी जागरूक करने की कोशिश करता हूं। मुझे सबसे ज्यादा खुशी इसलिए हुई कि मेरे जान पहचान वालों या परिवार वालों को कोरोना नहीं हुआ, यही है मेरे कोरोना अपोजिट रिपोर्ट आने से लेकर स्वस्थ जीवन जीने तक की आत्मकथा।
दोस्तों मेरे द्वारा लिखा यह काल्पनिक लेख covid marij ki atmakatha nibandh आपको कैसा लगा हमें जरूर बताएं और हमें सब्सक्राइब भी जरूर करें।