बाल मजदूरी पर भाषण child labour speech in hindi

Child labour speech in hindi

child labour – दोस्तों आज हम आपको इस आर्टिकल के माध्यम से बाल मजदूरी पर भाषण सुनाने जा रहे हैं । चलिए अब हम आगे बढ़ते हैं और बाल मजदूरी पर लिखे इस भाषण को पढ़ते हैं ।

child labour speech in hindi
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Image source – https://en.m.wikipedia.org/wiki/Child_labour

short speech on child labour in hindi –

दोस्तों मैं अरुण नामदेव आप सभी लोगों का यहां पर इस कार्यक्रम में स्वागत , वंदन , अभिनंदन करता हूं । जैसा कि आप सभी लोग जानते हैं कि हम यहां पर बाल दिवस पर उपस्थित हुए हैं । मैं स्कूल के अध्यापक एवं यहां पर उपस्थित सभी विद्यार्थियों का , अतिथियों का स्वागत , बंधन , अभिनंदन करता हूं । मैं सबसे पहले स्कूल के अध्यापक को धन्यवाद देना चाहता हूं कि उन्होंने मुझे इस कार्यक्रम में बुलाया और मुझे स्टेज पर दो शब्द बोलने का मौका दिया ।

मैं आप सभी लोगों से यह कहना चाहता हूं कि आज हम सभी को यहां से , इस कार्यक्रम से कुछ सीख करके जाना चाहिए । दोस्तों आज हम देख रहे हैं की बाल मजदूरी के कारण कितने बच्चों पर अत्याचार हो रहे हैं । जिस उम्र में बच्चों को शिक्षा प्राप्त करनी चाहिए , खेलना कूदना चाहिए उस उम्र में वह बच्चे बाल मजदूरी के मायाजाल में फंसे हुए हैं । जैसे की हम सभी यह बात जानते हैं कि यह बच्चे हमारे देश का भविष्य होते हैं । परंतु यह बच्चे बाल मजदूरी के शिकंजे में फंसे हुए हैं ।

बाल मजदूरी के कारण यह बच्चे अपने जीवन में एक सफल व्यक्ति नहीं बन पाते हैं और मजदूरी में अपना समय व्यतीत कर देते हैं । जैसे कि हम देख रहे हैं होटलों पर , दुकानों पर , कई उद्योगों में , खेती किसानी में कम उम्र के बच्चों से काम कराया जाता है । कई ऐसे बच्चे भी हैं जिन पर जबरजस्ती करके काम कराया जाता है । पूरे विश्व की बात करें तो बाल मजदूरी की समस्या पूरे विश्व में बनी हुई है जो समस्या कम होने का नाम नहीं ले रही है । बाल मजदूरी के कारण छोटे-छोटे बच्चों का शोषण किया जाता है , उन पर अत्याचार किए जाते हैं ।

आज हमें छोटे-छोटे बच्चों को उनका बचपन लौटाने के लिए बाल मजदूरी को पूरी तरह से खत्म करना होगा क्योंकि बच्चों को शिक्षित करना और उन बच्चों को विकास के रास्ते पर ले जाना हमारा सबसे बड़ा कर्तव्य हैं क्योंकि यह बच्चे ही आने वाले भविष्य में हमारे देश के उज्जवल भविष्य हैं । इन बच्चों को बाल मजदूरी जैसे अपराधों से बचाना होगा । इन बच्चों को प्रताड़ित होने से बचाना होगा । दोस्तों अधिकतर बच्चों का शोषण उद्योगों के क्षेत्र में किया जाता है । बाल शोषण का सबसे बड़ा कारण गरीबी है ।

कुछ मां-बाप अपनी गरीबी के कारण छोटी उम्र में ही बच्चों को काम करने के लिए भेज देते हैं और जो व्यक्ति बच्चों से काम कराता है वह व्यक्ति उस बच्चे को बहुत कम पैसा देता है । वह व्यक्ति बच्चे को जितना पैसा देता है उससे अधिक पैसे का काम वह व्यक्ति उस बच्चे से करा लेता है । इस तरह से छोटे बच्चों पर अत्याचार किए जाते हैं । यदि बाल शोषण को पूरी तरह से खत्म करना है तो गरीबी को सबसे पहले खत्म करना होगा । देश में छोटे बच्चों को पढ़ाई की उचित व्यवस्था होनी चाहिए और जो गरीब परिवार के बच्चे हैं उनको फ्री शिक्षा प्राप्त होना चाहिए तब जाकर के बाल शोषण को हम खत्म कर पाएंगे ।

मैं अरुण नामदेव अपनी छोटी अवस्था में बहुत खेलता था और पढ़ाई भी करता था । मुझे अपना बचपन बहुत अच्छा लगता था । मैं चाहता हूं की जिस तरह से मैंने अपना बचपन जिया है उसी तरह से सभी बच्चे अपना बचपन जिए । बच्चे शिक्षा प्राप्त कर के उज्जवल भविष्य की ओर अपने कदम बढ़ाए । मैं बाल शोषण पर यही कहना चाहता हूं कि समाज के लोगों को भी यह प्रण लेना चाहिए कि यदि कोई व्यक्ति छोटे बच्चों पर अत्याचार करता है तो उस व्यक्ति को यह समझाना चाहिए कि बच्चे बहुत प्यारे होते हैं ।

बच्चों की उम्र खेलने कूदने की होती है , शिक्षा प्राप्त करने की होती है । उनको काम , मजदूरी करने के झमेले में नहीं झोंकना चाहिए । जिससे कि उनका भविष्य बर्बाद हो । मैं यहां पर उपस्थित सभी विद्यार्थियों के माता-पिता से यह कहना चाहता हूं कि जिस तरह से आप अपने बच्चे को शिक्षा दिला रहे हैं उसी तरह से यदि कोई बच्चा बाल मजदूरी का शिकार हो रहा है तो उस बच्चे को बाल मजदूरी से बाहर निकाल कर उसको शिक्षा प्राप्त करने की सलाह दें और उन बच्चों के माता-पिता  को यह समझाने की कोशिश करें की यह बच्चे आने वाले समय में एक सफल व्यक्ति बन सकते हैं ।

यदि इन बच्चों को शिक्षा प्राप्त करने के लिए उत्साहित किया जाए तो यह अपने भविष्य को सफलता की ऊंचाई तक ले जा सकते हैं । भारत देश में बाल मजदूरी पर सरकार के  द्वारा  लगाम लगाई गई है । यदि कोई व्यक्ति छोटे बच्चों को काम पर रखकर उनका शोषण करता पाया जाता है तो उस व्यक्ति को भारतीय कानून के हिसाब से सजा का भी प्रावधान है । परंतु अमीर लोगों के घरों में कम पैसों में बच्चों से काम कराया जाता है । उन बच्चों से 12 घंटे काम करा कर बहुत कम पैसा दिया जाता है । कई ऐसे लोग हैं जो पैसों को एकत्रित करने के लिए छोटे बच्चों से काम कराते हैं और उन बच्चों का शोषण करते हैं ।

छोटे बच्चों को यह ज्ञान नहीं होता है कि वह यदि शिक्षित हो जाएं तो वह अपने जीवन में सफलता की ऊंचाई पर पहुंच सकते हैं । कुछ बच्चे ऐसे होते है जिनको अपनी मजबूरी के कारण काम करना पड़ता हैं क्योंकि उनके घर के हालात ठीक नहीं होते हैं । घर की गरीबी के कारण वह काम करने के लिए मजबूर हो जाते हैं और अपना बचपन खो देते हैं । बड़ी बड़ी होटलों में एवं बड़े-बड़े औद्योगिक क्षेत्रों में बाल श्रम प्रवेश सुनिश्चित किया गया है यदि किसी फैक्ट्री में नाबालिक लड़का काम करता हुआ पाया गया तो उस फैक्ट्री पर जुर्माना सरकार के द्वारा लगाया जाता है ।

बाल शोषण को रोकने के लिए भारत सरकार के द्वारा कई नियम कानून बनाए गए हैं और गरीब परिवार के बच्चे को उचित शिक्षा प्राप्त हो और वह बच्चे अपने जीवन में सफलता प्राप्त करें इसके लिए सरकार निरंतर प्रयास करती रहती है । भारत सरकार के साथ-साथ भारत के सभी नागरिकों का भी यह प्रयास होना चाहिए कि वह छोटे बच्चों को काम पर ना रखें । यदि उस बच्चे की कोई मजबूरी है तो उसकी मदद करें और उस बच्चे को शिक्षा प्राप्त करने की सलाह दें । यदि हमारे आसपास किसी बच्चे पर अत्याचार , शोषण किया जा रहा है तो हमें इसकी जानकारी पुलिस थाने में दर्ज करानी चाहिए और उस बच्चे को मुसीबत से बाहर निकालना चाहिए ।

भारत देश के साथ साथ विश्व के लगभग सभी देशों में बाल श्रम , बाल मजदूरी पर  पूरी तरह से रोक लगाने के प्रयास किए जा रहे हैं । इसी उद्देश्य से 12 जून को सभी देशों की सहमति से बाल श्रम दिवस मनाया जाता है । बाल श्रम दिवस पर कई कार्यक्रम किए जाते हैं और उन कार्यक्रम के माध्यम से उन लोगों को यह समझाने की कोशिश की जाती है कि बच्चों से छोटी उम्र में काम करवाना ठीक नहीं है । बच्चों की छोटी उम्र खेलने कूदने की होती है , मौज मस्ती करने की होती है । यदि बच्चों की छोटी उम्र में उनके हाथों में काम करने की जिम्मेदारी सौंप दी जाए तो वह अपने भविष्य को सफलता की ऊंचाई पर नहीं ले जा सकते है ।

भाइयों और बहनों एवं विद्यार्थियों मैं आप लोगों से यह कहना चाहता हूं कि छोटा बच्चा खेलते कूदते हुए एवं शिक्षा प्राप्त करते हुए बहुत अच्छा लगता है ना की बाल मजदूरी करते हुए । भगवान ने हमें इसीलिए इस धरती पर जन्म नहीं दिया है कि हम अपने मामूली से फायदे के लिए उन छोटे बच्चों पर अत्याचार करें जिनकी उम्र खेलने कूदने की , शिक्षा प्राप्त करने की होती है । मैं उन व्यक्तियों से यह कहना चाहता हूं कि वह किसी छोटे बच्चे से काम करवाने से पहले यह सोचे कि यदि कोई व्यक्ति हमसे हमारी छोटी अवस्था में काम करवाता तो क्या आज हम इतने सफल इंसान बनते कि हम अपने बच्चों को पढ़ा रहे हैं ।

आप इसीलिए सफल हैं कि आपने शिक्षा प्राप्त की है , आपने अपना बचपन सही तरह से जिया है । यह बात सोचकर हमें छोटे बच्चों से काम नहीं करना चाहिए , उनका शोषण नहीं करना चाहिए । बाल शोषण की समस्या हमारे भारत देश में ही नहीं बल्कि पूरे विश्व की सबसे भयानक समस्या है । जिसके कारण कई बच्चों की जिंदगी बर्बाद हो रही है ।  बाल मजदूरी के कारण बच्चे उचित शिक्षा प्राप्त नहीं कर पा रहे हैं । आज मुझे बाल शोषण पर भाषण देते हुए बहुत अच्छा लग रहा है क्योंकि जब तक बाल शोषण पूरी तरह से खत्म नहीं होगा तब तक देश का भविष्य उज्जवल नहीं हो सकता है क्योंकि देश का भविष्य छोटे बच्चों पर ही निर्धारित होता है ।

छोटे बच्चे जब पढ़ लिखकर देश के विकास ने अपना योगदान देंगे तब हमारे देश का भविष्य उज्जवल होगा और हमारे देश से गरीबी खत्म होगी । कुछ लोग ऐसे हैं जो धन के लोभी होते हैं उनको बच्चों पर दया तक नहीं आती और वह बच्चों पर शोषण पर शोषण करते जाते हैं और बच्चों का भविष्य बर्बाद कर देते हैं । मैं यहां पर उपस्थित सभी लोगों से विनम्र निवेदन करता हूं कि वह अपने आसपास के लोगों को एकत्रित करके यह अभियान चलाएं की बाल शोषण करना सबसे घिनौना अपराध है जिससे बच्चों की जिंदगी तबाह हो रही है ।

कई बच्चे बाल शोषण के दलदल में पूरी तरह से फंसे हुए हैं और कई व्यापारी कई , उद्योगपति उन बच्चों पर अत्याचार पर अत्याचार किए जा रहे हैं । मैंने कई ऐसे बच्चों को देखा है जो अपनी गरीबी के कारण काम करने के लिए मजबूर होते हैं । अब मैं आपको मेरी आंखों देखी घटना बताने जा रहा हूं जहां पर मैंने एक बच्चे पर अत्याचार होते हुए देखा है । जिस समय मैंने वह घटना देखी उस समय मुझे बड़ा दर्द हुआ था कि इस बच्चे का बचपन कितना प्यारा है । यह अपने बचपन को नहीं जी पा रहा है । बाल मजदूरी करके वह बच्चा अपना जीवन बिल्कुल अंधकार में धकेल रहा है ।

मैं एक बार एक शहर में घूमने के लिए गया था ।जब मैं स्टेशन से बाहर निकल कर गया तब एक होटल पर खाना खाने के लिए गया था । जब मैं खाने का ऑर्डर दे रहा था तब वह आर्डर लेने के लिए एक 14 से 15 साल का बच्चा आया था । मैंने उस बच्चे को खाना लाने का ऑर्डर दे दिया था । कुछ देर बाद उस होटल के मालिक ने उस बच्चे को अपने पास बुला कर बहुत गालियां दी । इसके बाद उस बच्चे को मारा भी । वह बच्चा रोते रोते हुए काम करने लगा था । उस होटल में जितने भी व्यक्ति खाना खा रहे थे उन व्यक्तियों में से किसी भी व्यक्ति ने उस होटल मालिक से कुछ भी नहीं कहा था ।

उस समय मैंने अपनी हिम्मत को बढ़ाया और होटल मालिक के पास जाकर उससे कहा कि जो आप इस बच्चे का शोषण कर रहे हो वह ठीक नहीं है । बच्चे भगवान के रूप होते हैं उनको खेल बूंद और शिक्षा प्राप्त करने के रास्ते दिखाना चाहिए ना कि उन बच्चों की मजबूरी का फायदा उठाना चाहिए । मैंने उस होटल मालिक से कहा कि यदि मैं चाहूं तो आपको इस घिनौने अपराध के लिए सजा दिला सकता हूं क्योंकि हमारे देश में बाल मजदूरी निषेध है । यदि कोई छोटे बच्चों से उनकी कम उम्र में काम कराता है तो उसके ऊपर कानूनी कार्यवाही की जाती है ।

परंतु मैं ऐसा नहीं करूंगा क्योंकि यह तुम्हारी सोच के ऊपर है यदि आज आप अपनी आत्मा से सोचें कि बच्चे भगवान का रूप होते हैं उन पर शोषण नहीं करना चाहिए तो  इन बच्चों का जीवन बर्बाद होने से बच सकता है । मैंने उस व्यक्ति को यह एहसास दिलाया कि बच्चों पर शोषण करना ठीक नहीं है तब उस होटल मालिक ने मुझसे कहा कि मैंने अपनी मर्जी से इस बच्चे को काम पर नहीं रखा है । इस बच्चे के घर के हालात ठीक नहीं है ।

यह सुनकर मैंने उस होटल मालिक को समझाने की कोशिश की थी कि यदि उस बच्चे का परिवार मुसीबतों में है तो उसकी मदद करो और उस बच्चे को पढ़ाई की ओर अग्रसर करो जिससे वह बच्चा अपने कदम शिक्षा की ओर बढ़ाएगा  तब जाकर के वह होटल मालिक मेरी बातों को समझा और उसने उसी समय यह निर्णय कर लिया कि वह कभी भी अपने होटल में छोटे बच्चों से काम नहीं कराएगा और उस बच्चे की पढ़ाई करने में पूरी मदद करेगा । इस तरह से भारत देश एवं विश्व के कई देशों में छोटे बच्चों पर शोषण किए जा रहे हैं , उन पर अत्याचार पर अत्याचार हो रहे हैं ।

मेरा यह कहानी सुनाने  का सिर्फ एक ही उद्देश्य था और वह उद्देश्य था कि जब हम किसी छोटे बच्चे पर अत्याचार होते हुए देखें तब हमें चुपचाप नहीं बैठना चाहिए बल्कि उस व्यक्ति को यह समझाने की कोशिश करना चाहिए कि छोटे बच्चों पर अत्याचार करना सही बात नहीं है । यदि वह व्यक्ति फिर भी नहीं समझता तो उस व्यक्ति के खिलाफ कानूनी कार्यवाही करना चाहिए और उस व्यक्ति को सजा दिलाना चाहिए क्योंकि वह हमारे देश के भविष्य के साथ खिलवाड़ कर रहा है । हमारे देश के बच्चों को अंधकार में धकेल रहा है ।

अब मैं अपनी वाणी को विराम देते हुए एक बार फिर यहां पर उपस्थित सभी लोगों का धन्यवाद करता हूं कि उन्होंने मुझे यहां पर इस कार्यक्रम में बुलाया और स्टेज पर दो शब्द बोलने के लिए कहा । अब मैं अपनी वाणी को विराम देता हूं धन्यवाद , जय हिंद , जय भारत ।

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