बौद्ध धर्म का इतिहास Bodh dharm history in hindi
Bodh dharm history in hindi
बौद्ध धर्म की उत्पत्ति गौतम बुद्ध जी के द्वारा की गई है। बौद्ध धर्म का उद्देश्य था की सभी लोग धर्म के रास्ते पर चलें और कभी भी अपने फायदे के लिए दूसरे को नुकसान ना पहुंचाएं । मुस्लिम धर्म और ईसाई धर्म के बाद बौद्ध धर्म सबसे बड़ा धर्म माना जाता है और इस धर्म की उत्पत्ति गौतम बुद्ध जी के द्वारा की गई । गौतम बुद्ध जी का जन्म 563 इसवी पूर्व के बीच हुआ था । गौतम बुद्ध जी के पिता जी का नाम शुद्धोधन था जो कि शाक्यगढ़ के राजा थे और उनकी माता का नाम मायादेवी था ।

गौतम बुद्ध जी को बचपन में सिद्धार्थ के नाम से जानते थे । जब गौतम बुद्ध जी की 7 साल की आयु हुई तब उनकी माता का देहांत हो गया फिर उनके पिता शुद्धोधन जी ने दूसरा विवाह प्रजापति गौतमी से कर लिया और गौतम बुद्ध को उनकी सौतेली मां प्रजापति गौतमी ने पाला और उनका साथ दिया । गौतम बुद्ध जी का विवाह यशोधरा से कर दिया तब उनकी उम्र 16 साल की थी । गौतम बुद्ध शुरू से ही गरीब लोगों के प्रति दया भावना रखते थे और कोई बीमार व्यक्ति उनको मिल जाए तो उनकी सहायता भी किया करते थे । गौतम बुद्ध संसार के साधनों को छोड़कर 29 साल की आयु में ही घर छोड़ दिया और वह एक सन्यासी बन गए ।
गौतम बुद्ध जी का जीवन ज्ञान से आगे बढ़ता चला गया और आलारकलाम के बाद उन्होंने रुद्रकराम जी के द्वारा शिक्षा ग्रहण की । गौतम बुद्ध जी पूरे संसार को ज्ञान के उपदेश देकर समझाया करते थे और उनका एक ही उद्देश्य था कि जिस व्यक्ति के पास ज्ञान है और अगर वह व्यक्ति उस ज्ञान से दूसरों के लिए कुछ नहीं करता तो वह ज्ञान किसी भी काम का नहीं है। अगर हमारे पास ज्ञान है तो उस ज्ञान को दूसरों में बांटो , उजाला करो जिससे कि सभी लोग उस ज्ञान का फायदा उठा सकें।
गौतम बुद्ध जी ने घर त्याग कर संसार की समस्याओं से दुखी होकर एक सन्यासी बनने के बाद 6 साल तक बिना अन्य जल ग्रहण किए तपस्या की और ज्ञान प्राप्त किया , वह उसी ज्ञान के माध्यम से लोगों को उपदेश देने लगे । गौतम बुद्ध जी के द्वारा पहला उपदेश सारनाथ में दिया गया और इस उपदेश को बौद्ध ग्रंथों में बताया गया है । गौतम बुद्ध जी के द्वारा कई उपदेश दिए गए और सबसे ज्यादा उपदेश गौतम बुद्ध जी ने कौशल देश की राजधानी श्री बस्ती मैं दिए। जिससे कि लोग धर्म के रास्ते पर चलें और उनका उद्धार हो । गौतम बुध जी एक महान व्यक्ति थे और उनके द्वारा कई सारे व्यक्तियों की जिंदगी में सुधार भी आया है ।
वह कई लोगों को बौद्ध धर्म के रास्ते पर भी लाए हैं । 80 साल की उम्र में गौतम बुद्ध जी का निधन हो गया और बौद्ध धर्म की उत्पत्ति हुई, बौद्ध धर्म के लोग पूर्णिमा के दिन को त्योहार के रूप में मनाते हैं । बौद्ध धर्म के तीर्थ स्थल जैसे कि लुंबनी , बोधगया, सारनाथ , कुशीनगर है जहां पर बौद्ध धर्म के लोग घूमने के लिए जाते हैं । कई देशों में बौद्ध धर्म के लोग रहते हैं जैसे कि भूटान , कंबोडिया , श्रीलंका , चीन, कोरिया , जापान और भारत के कई लोग बौद्ध धर्म अपनाते हैं । बौद्ध धर्म के अनुसार प्रत्येक व्यक्ति को अहिंसा के रास्ते पर चलना चाहिए , हमेशा सत्य बोलना चाहिए, कभी भी किसी व्यक्ति को शराब नहीं पीना चाहिए , कभी चोरी नहीं करना चाहिए ।
वास्तव में बौद्ध धर्म बहुत ही अच्छा धर्म है इसे संसार के कई लोग मानते हैं।
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