औंढा नागनाथ का रहस्य व् इतिहास Aundha nagnath temple history in hindi

Aundha nagnath temple history in hindi

Aundha nagnath – दोस्तों आज हम आपको इस आर्टिकल के माध्यम से औंढा नागनाथ का रहस्य व् इतिहास बताने जा रहे हैं । तो चलिए अब हम आगे बढ़ते हैं और इस आर्टिकल को पढ़कर औंढा नागनाथ का रहस्य व इतिहास के बारे में जानकारी प्राप्त करते हैं ।

Aundha nagnath temple history in hindi
Aundha nagnath temple history in hindi

औंढा नागनाथ मंदिर के बारे में – औंढा नागनाथ मंदिर भारत देश का सबसे सुंदर और प्राचीन मंदिर है । इस मंदिर की सुंदरता देखने के लायक है । औंढा नागनाथ मंदिर भारत देश के महाराष्ट्र राज्य के मराठवाड़ा क्षेत्र के हिंगोली जिले में स्थित है । इस मंदिर की सुंदरता काफी अच्छी है । इस मंदिर के दर्शनों के लिए लाखों भक्त गण प्रतिवर्ष जाते हैं और मंदिर के दर्शन करके अपने जीवन में आनंद प्राप्त करते हैं । औंढा नागनाथ मंदिर में जो शिवलिंग स्थित है वह शिवलिंग उन 12 शिवलिंगो में से एक है जो शिवलिंग भोलेनाथ के ही अंश के रूप में पूजी जाती हैं ।

औंढा नागनाथ मंदिर जो महाराष्ट्र में स्थित है वह मंदिर बहुत ही अद्भुत चमत्कारी है । मंदिर के निर्माण के बारे में ऐसा कहा जाता है कि औंढा नागनाथ मंदिर का निर्माण महाभारत काल के समय कराया गया था । मंदिर के बारे में भारतीय पुराणों में भी बताया गया है । महाभारत काल के समय जब युधिष्ठिर को वनवास भेजा गया तब युधिष्ठिर के द्वारा इस मंदिर का निर्माण कराया गया था । जब युधिष्ठिर ने इस मंदिर का निर्माण कराया तब इस मंदिर में भोलेनाथ की शिवलिंग स्थापित कराई थी जिस शिवलिंग की पूजा करके युधिष्ठिर अपने जीवन में आनंद प्राप्त करता था ।

युधिष्ठिर का  यह मंदिर भोलेनाथ को समर्पित था । इस मंदिर का निर्माण हेमाडपंथी स्थापत्य कला से किया गया है । यह मंदिर तकरीबन 60 हजार वर्ग फुट में फैला हुआ है जिसकी सुंदरता बहुत ही अद्भुत दिखाई देती है । मंदिर का जो सभामंडप है वह सभामंडप 8 खंभों पर टिका हुआ है । इस मंदिर को गोलाकार में बनाया गया है जिस मंदिर की सुंदरता देखने में बहुत अद्भुत चमत्कारी दिखाई देती है । मंदिर के चारों ओर 12 ज्योतिर्लिंगों के छोटे-छोटे मंदिर भी बने हुए हैं जिस मंदिर के दर्शन करने के बाद सुख समृद्धि और आनंद प्राप्त होता है ।

भारत देश के हिंदू धर्म के लोगों के साथ साथ अन्य धर्म के लोगों की आस्था भी औंढा नागनाथ मंदिर से जुड़ी हुई है । प्रतिवर्ष भोलेनाथ के भक्त औंढा नागनाथ मंदिर के दर्शन करने के लिए जाते हैं । मंदिर के खंबे , मंदिर की दीवारों पर की गई नक्काशी अद्भुत और चमत्कारी दिखाई देती है । जब हम मंदिर के दीवारों पर की गई नक्काशी को देखते हैं तब हमें ऐसा प्रतीत होता है कि जिस व्यक्ति ने यह नक्काशी की है वह व्यक्ति वाकई में एक बड़ा कलाकार होगा । दीवारों पर शिव पार्वती के नृत्य के दृश्य भी दिखाए गए हैं ।

जब भोलेनाथ तांडव करते हैं तब वह डमरु और त्रिशूल लेकर नृत्य करते हैं यह भी नक्काशी के द्वारा बताया गया है । औंढा नागनाथ मंदिर का जो गर्भ ग्रह है वह गर्भ ग्रह सकरी गुफा के अंदर स्थित है । जब भक्त गण औंढा नागनाथ मंदिर के दर्शनों के लिए जाता है तब वह इस सकरी गुफा में से होते हुए गर्भ गृह में प्रवेश करता है । जहां पर भोलेनाथ की शिवलिंग स्थित है ।  जिस शिवलिंग की पूजा महाभारत काल के समय युधिष्ठिर के द्वारा की गई थी । समय बीतने के साथ-साथ औंढा नागनाथ मंदिर से शिव भक्तों की आस्था जुड़ती गई थी ।

जब भारत देश में औरंगजेब के द्वारा हिंदू धर्म के मंदिरों को तोड़ा गया तब औरंगजेब की नजर महाराष्ट्र राज्य के हिंगोली जिला में स्थित औंढा नागनाथ मंदिर पर भी पड़ी थी । इसके बाद औरंगजेब अपने सैनिकों के साथ मिलकर औंढा नागनाथ मंदिर को तोड़ने के लिए भी गया था और औरंगजेब के द्वारा औंढा नागनाथ मंदिर के ऊपरी हिस्से को तोड़ दिया गया था । तकरीबन मंदिर का जो आधा हिस्सा है उसको औरंगजेब ने अपने सैनिकों के साथ मिलकर तोड़ दिया था । परंतु भगवान के चमत्कार से अचानक से अधिक लोगों की भीड़ वहां पर एकत्रित हुई थी ।

जब औरंगजेब ने यह देखा कि अधिक लोगों की भीड़ वहां पर एकत्रित हो गई है और वह भीड़ मंदिर को बचाने के लिए हमारी ओर आ रही है तब औरंगजेब ने अपने सैनिकों से वहां से भाग जाने के लिए कहा था ।    यदि हम अभी के अभी यहां से नहीं निकले तो यह भीड़ हमें जीवित नहीं छोड़ेगी । इस तरह से औरंगजेब वहां से भाग निकला था । इस तरह से औंढा नागनाथ मंदिर को औरंगजेब के द्वारा क्षति पहुंचाई गई थी । इसके बाद जब भोलेनाथ की महान भक्त महारानी पुण्य  देवी अहिल्याबाई होलकर जो इंदौर की महारानी थी उनको इस मंदिर के बारे में पता चला तो वह इस मंदिर के दर्शनों के लिए गई हुई थी और उन्होंने इस मंदिर के निर्माण के लिए काफी धन दिया था ।

महारानी पुण्य  देवी अहिल्याबाई होलकर के सहयोग से औंढा नागनाथ मंदिर का निर्माण किया गया था । इस तरह से औंढा नागनाथ मंदिर का पुनः निर्माण इंदौर की महारानी के द्वारा कराया गया था ।

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