आराम हराम है पर निबंध aaram haram hai essay in hindi
aaram haram hai essay and slogan in hindi
दोस्तों कैसे हैं आप सभी, आज का हमारा यह आर्टिकल आराम हराम है पर निबंध आप सभी के लिए बहुत ही हेल्पफुल है हमारे आज के इस आर्टिकल में हम पंडित जवाहरलाल नेहरू द्वारा दिए गए नारे आराम हराम है के बारे में पढ़ेंगे तो चलिए पढ़ते हैं हमारे आज के इस आर्टिकल को
दुनिया में हर कोई इंसान आराम करना चाहता है लेकिन कुछ भी करने की एक सीमा होती है थोड़ा बहुत आराम सही है लेकिन अगर किसी को आराम करने की आदत लग जाए तो वह आराम हराम हो जाता है यानी आराम उसके लिए एक अभिशाप की तरह हो जाता है और उसका सिर्फ और सिर्फ विनाश होता है.
जब कोई इंसान सिर्फ आराम के ऊपर विशेष ध्यान देता है तो उसका विकास रुक जाता है क्योंकि जो इंसान एक बड़ी सफलता प्राप्त करता है वह कभी आराम नहीं करता, वह बहुत ही कम आराम करता है क्योंकि बड़ी सफलता निरंतर प्रयत्न करने से मिलती है.आराम हराम है नारे का मकसद वास्तव में यही है की भारत का हर एक नागरिक कर्मठ बने यानी वह अपने जीवन में आराम ना करते हुए लगातार प्रयत्न करता रहै और जीवन में सफलता अर्जित करे.
जो इंसान दिन दिन भर घर पर आराम ही करता रहता है वह जीवन में कुछ भी नहीं कर पाता आखिर में जीवन में उसे निराशा और असफलता ही मिलती है. आराम करने में तो बहुत अच्छा लगता है लेकिन सच बात यही है कि या तो आराम में ही आप अपनी जिंदगी निकाल दो या फिर जिंदगी को बनाने के लिए अपने आपको तैयार कर लो और संघर्ष के लिए हमेशा तत्पर रहो.
अगर कोई इंसान आराम हराम है यह बात समझ जाए तो वह कभी भी ज्यादा समय के लिए या हद से ज्यादा आराम नहीं करेगा वह अपने जीवन में हमेशा प्रयत्नशील होगा और जीवन में सफलता की नई-नई ऊंचाइयों को छूता जाएगा.जीवन वास्तव में निरंतर चलने को ही कहते हैं यह जीवन रुकता नहीं निरंतर चलता रहता है लेकिन आराम करके आप एक ही जगह पर रुक जाते हैं तो यह वास्तव में आपको दुख देता है. हमें जीवन में आराम करना चाहिए लेकिन हद से ज्यादा आराम हमें बहुत सारी परेशानियों में जकड़ सकता है और हमारे जीवन के लिए घातक सिद्ध हो सकता है.
aaram haram hai slogan
आराम हराम है का नारा पंडित जवाहरलाल नेहरू जी ने दिया था दरअसल इस नारे के जरिए उनका उद्देश्य भारत के लोगों को कर्मठ बनाने का था दरअसल वह जानते थे कि देश का विकास तभी हो सकेगा,देश आगे तभी बढ़ सकेगा जब भारत के नागरिक कठिन परिश्रम करेंगे और लगातार प्रयत्न करेंगे,आराम को हराम समझेंगे और लगातार अपने और अपने देश के लिए कार्य करेंगे.
पंडित जवाहरलाल नेहरू देश के महान लोगों में से एक थे जिन्होंने देश की स्वतंत्रता के लिए संघर्ष किया इनका जन्म 14 नवंबर 1889 को उत्तर प्रदेश के इलाहाबाद में हुआ था.इनका जन्म एक समृद्ध परिवार में हुआ था इन्होंने अपनी शिक्षा दुनिया के बेहतरीन शिक्षण संस्थानों से की थी. इनके पिता मोतीलाल नेहरू जी एक वकील थे.
जवाहरलाल नेहरु जी के पिता ने इनके पालन पोषण में बिल्कुल भी कमी नहीं की.जवाहरलाल नेहरू विदेश से पढ़ाई करके अपने देश में वकालत करते थे लेकिन जब वो महात्मा गांधी जी से मिले तो उनसे बहुत ही प्रभावित हुए और देश की आजादी के लिए हमेशा तत्पर उनके साथ खड़े हुए. जब हमारा देश स्वतंत्र हुआ तब पंडित जवाहरलाल नेहरु ही देश के पहले प्रधानमंत्री बने इसके बाद भी वह कई बार देश के प्रधानमंत्री बने.
वह देश को स्वतंत्रता दिलवाने के बाद अपने देश को निरंतर विकास करते हुए देखना चाहते थे इसलिए उन्होंने आराम हराम है का नारा दिया.हम सभी को पंडित जवाहरलाल नेहरू जी के नारे से प्रेरणा लेनी चाहिए और हमेशा जीवन में कठिन परिश्रम करना चाहिए क्योंकि कठिन परिश्रम करने वाले हमेशा जीवन में तरक्की करते हैं।
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