सिनेमा का युवा पीढ़ी पर प्रभाव cinema ke labh aur hani in hindi

सिनेमा का युवा पीढ़ी पर प्रभाव

हेलो दोस्तों कैसे हैं आप सभी,दोस्तों आज का हमारा आर्टिकल सिनेमा का युवा पीढ़ी पर प्रभाव आप सभी के लिए बड़ा ही हेल्पफुल है क्योंकि आज कल सिनेमा युवा पीढ़ी के सिर पर चढ़ा हुआ है युवा पीढ़ी इससे सबसे ज्यादा प्रभावित होती है आज के हमारे इस आर्टिकल से आप अपने स्कूल,कॉलेज की परीक्षा में निबंध लिखने के लिए यहां से जानकारी लीजिए और साथ में समझिए की सिनेमा के युवा पीढ़ी पर प्रभाव क्या-क्या हैं चलिए पढ़ते हैं हमारे आज के इस निबंध को

सिनेमा का युवा पीढ़ी पर प्रभाव
सिनेमा का युवा पीढ़ी पर प्रभाव

आजकल के युग में सिनेमा का बहुत बड़ा प्रभाव है क्योंकि आज सिनेमा मनोरंजन के साधनों का सबसे बड़ा साधन है.हर वर्ग के लोग सिनेमा के जरिए अपना मनोरंजन करते हैं और जहां बात की जाए युवा पीढ़ी की तो सिनेमा का प्रभाव उन पर सबसे ज्यादा पड़ रहा है आज हम देखें तो हमारे देश में सिनेमा की बदलती तस्वीर है.पहले के जमाने में जहां दिलीप कुमार, राजेश खन्ना,जैकी श्रॉफ जैसे सुपरस्टार थे और बहुत सी अभिनेत्रियां जैसे मधुबाला,नरगिस,हेमा मालिनी,रेखा आदि थी जो अपनी एक्टिंग से हर एक को प्रभावित करती थी.

पहले जहां इन सभी का पहनावा अलग था Hero कुर्ता पजामा और हीरोइन साड़ी में फिल्में बनाती थी वही बदलते जमाने के साथ बॉलीवुड के एक्टर एक्ट्रेस के पहनावे में भी बड़ा ही बदलाव आया है इसके अलावा भी सिनेमा में कई सारे बदलाव आए हैं.सिनेमा बड़े-बड़े शहरों से लेकर छोटे-छोटे शहरों मैं भी हो गए हैं जिससे युवा पीढ़ी सबसे ज्यादा प्रभावित होती हम देखें तो सिनेमा के बहुत सारे प्रभाव हैं सिनेमा एक तरफ जहां हर किसी के जीवन पर अच्छा प्रभाव डालती है वहीं दूसरी ओर इसका बुरा प्रभाव भी होता है आज हम सिनेमा के इन दोनों ही प्रभाव को जानेंगे.

सिनेमा से होने वाले लाभ cinema ke labh –

आज हम देखें तो पहले के मुकाबले इंसान की प्रवृत्ति में अंतर आया है इंसान बदल गया है उसके जीवन में भी परिवर्तन आया है.

सिनेमा के जरिए वास्तव में कुछ लोगों को बहुत सी ऐसी सीख भी मिलती हैं जिससे उनका जीवन सच में परिवर्तित हो जाता है.कभी कभी सिनेमा में कुछ ऐसी फिल्में प्रदर्शित होती हैं जो किसी संत महात्मा या सज्जन पुरुष पर आधारित होते हैं जब लोग इन फिल्मों को देखते हैं तो वह अपने आपको भी उनकी तरह बदलना चाहते हैं क्योंकि अगर एक इंसान कुछ देखता है या सुनता है तो उसके मस्तिष्क पर बहुत ज्यादा प्रभाव पड़ता है इसी तरह अगर कोई युवा पुरुष किसी अच्छी फिल्मों को देखें तो वास्तव में उनके जीवन में परिवर्तन आ सकता है.

आज हम देखें तो हमारे देश में कई समस्याएं हैं बहुत से लोग ऐसे हैं जिनको सही ज्ञान नहीं होता सिनेमा के जरिए उन्हें अगर एक फिल्म के द्वारा सही ज्ञान दिया जाए तो वास्तव में लोगों पर वह फिल्म बहुत ज्यादा प्रभाव डालती है.हमारे देश में पहले से ही बहुत सारी प्रथाएं चली आ रही है जैसे कि दहेज प्रथा, बाल विवाह प्रथा आदि.

ये पुराने जमाने से चली आ रही कुप्रथाएं हमारे समाज को नुकसान पहुंचाती हैं इन प्रथाओं की वजह से बहुत सारी बहु,बेटियों और कम उम्र के बच्चों पर बहुत ही बुरा प्रभाव पड़ता है लेकिन सिनेमा में प्रदर्शित होने वाली कुछ अच्छी फिल्में हमें ज्ञान कराती हैं की हमें क्यों इन कुप्रथाओं को हमेशा हमेशा के लिए हमारे समाज से निकाल देना चाहिए या दूर कर देना चाहिए क्योंकि वास्तव में यह प्रथा हमारे समाज को नुकसान पहुंचाती हैं वास्तव में सिनेमा के इस तरह के बहुत से फायदे हैं.

सिनेमा से हानि cinema se hani in hindi-

लाभ के साथ में सिनेमा से बहुत सारी हानिया या नुकसान है जैसे की हम सभी जानते हैं कि हम जो देखते हैं या सुनते हैं उसका प्रभाव हमारे जीवन पर,हमारे मस्तिष्क पर अधिक होता है पहले जहां बहुत सी अच्छी फिल्में प्रदर्शित होती हैं वही आजकल के आधुनिक जमाने में ज्यादातर कुछ ऐसी फिल्में रिलीज होती हैं कि जब दर्शक सिनेमाघरों में जाते हैं तो वास्तव में उनके जीवन पर बहुत ही दुष्प्रभाव पड़ता है क्योंकि सिनेमा में बहुत सी फिल्में ऐसी होती हैं जिनमें नए नए फैशन दर्शकों को दिखाए जाते हैं.

जो आजकल की युवा पीढ़ी अपनाती है चाहे फैशन दिखने में कैसा भी हो चाहे जींस फटा भी हो लेकिन आजकल की युवा पीढ़ी सिनेमा के सुपरस्टार को देखकर उस फ़टे जींस को भी पहनती है.सिनेमा की वजह से इस तरह की अंधाधुन फैशन बहुत से नौजवान और युवतिया अपनाती हैं जिसका बहुत ही दुष्प्रभाव या हानि होती है जिससे पैसे की बर्बादी होती है और साथ में समाज में प्राचीन संस्कृति और सभ्यता को नुकसान पहुंचता है.

सिनेमा में दिखाए गए बहुत से ऐसे फैशन भी होते हैं जिनसे शरीर प्रदर्शन होता और आजकल के नए युवक-युवतियों पर इसका बहुत ज्यादा बुरा प्रभाव पड़ता है और हमारे समाज में बहुत सारी विकृतियां जन्म लेती हैं.फिल्मों में दिखाए गए चोरी,डकैती,बलात्कार से युवा पीढ़ी पर बहुत ज्यादा नकारात्मक प्रभाव पड़ता है और देश की संस्कृति इससे प्रभावित होती है.

सिनेमा में दिखाई जाने वाली बहुत सी ऐसी बातें भी होती हैं जो हम वास्तव में नहीं कर सकते इस तरह की बातों से युवा पीढ़ी की मानसिकता खराब होती है और कभी-कभी तो वह सिनेमा की बातों से अपने आपको खतरे में भी डाल लेता है और अपने पूरे जीवन को बर्बाद कर डालता है वास्तव में सिनेमा के कुछ फायदे हैं तो बहुत ज्यादा नुकसान भी हैं.

उपसंहार-

सिनेमा के बहुत सारे फायदे के साथ में नुकसान है इस कारण फिल्म निर्माताओं को इस ओर विशेष ध्यान देना चाहिए कि वह ऐसी फिल्मों का निर्माण ना करे जिससे समाज की सोच को,समाज को नुकसान पहुंचता है.हमारे देश के नौजवानों को भी इस तरह की फिल्में देखने से बचना चाहिए जिससे उन्हें नुकसान ना हो और हमें हमेशा यह बात याद रखना चाहिए कि हमारा देश सबसे अच्छा देश है.

हमारे देश की संस्कृति, सभ्यता,धार्मिक रीति रिवाज हर एक देश से ऊंचे हैं इसलिए हमें दूसरे देशों की तरह नहीं बदलना चाहिए बल्कि अपने आपकी तरह दूसरे देश वासियों को बदलना चाहिए लेकिन हम बिल्कुल ऐसा नहीं करते हम बस पश्चिमी देशों की तरह अपने आप को बदल रहे हैं यह बिल्कुल सही नहीं है.हमें हमारे देश को आगे बढ़ाना चाहिए, देश की संस्कृति,सभ्यता को आगे बढ़ाना चाहिए और फिल्म निर्माताओं को भी कोशिश करना चाहिए कि ऐसी फिल्मों का प्रदर्शन करें जिससे देश के पहनावे, देश की संस्कृति आगे बढ़े और देश का विकास हो.

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