स्वामी विवेकानंद और एक नाकामयाब इन्सान swami vivekananda thoughts in hindi
तोह स्वामी विवेकानंद जी उससे कहते है की सबसे पहले तोह तुम मेरे कुत्ते को अपने साथ कही पर घुमा लाओ उसके बाद तुम्हारी बात पर विचार करेंगे .
तब वोह व्यक्ति उस कुत्ते को अपने साथ घुमाने के लिए ले जाता है ,और जब कुछ समय बाद बापस आता है तोह स्वामी विवेकानंद जी देखते है की कुत्ता हाफ रहा था जबकि वोह व्यक्ति बिलकुल सामान्य अवस्था में था.
इस पर स्वामी जी कहने लगे की तुम दोनों साथ में घूमने के लिए गए थे लेकिन ऐसा क्यों की तुम बिलकुल सामान्य अवस्था में हो और कुत्ता जोर जोर से हाफ रहा है तोह इस पर वोह व्यक्ति कहने लगा की स्वामी जी हम दोनों जब यहाँ से साथ में निकले तोह रास्ते में इस कुत्ते को कुछ कुत्ते मिल गए तोह ये कुत्ता उनके पीछे पीछे दोड़ने लगा,कुछ समय बाद ये बापिस मेरे पास आ गया.
फिर कुछ देर बाद ये दोवारा कुत्तो को देखकर उनके पीछे पीछे दोड़ने लगा और फिर मेरे पास बापिस आ गया,जिससे ये काफी थक चुका था ,इसलिए ये अभी हाफ रहा है.
स्वामी जी ने इस बात पर अपनी प्रेरणा देते हुए कहा की अगर तुम अपने जीवन(life) में सफल होना चाहते हो तोह इस कुत्ते की तरह फिजूल में समय मत बिताना,अगर तुम फिजूल के काम में समय बिताओगे तोह नाकामयाबी तोह मिलेगी ही,इसलिए आज से अगर तुम सफल होना चाहते हो तोह फिजूल के काम बिलकुल ही मत करना,फ़ालतू कामो के पीछे मत भागना,जिंदगी में लक्ष्य बनाना और हमेशा सच्चाई के मार्ग पर चलना,तुमको कामयाबी मिल जायेगी.
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