सर्वेश्वर दयाल सक्सेना पर जीवनी Sarveshwar dayal saxena biography in hindi

Sarveshwar dayal saxena biography in hindi

दोस्तों नमस्कार कैसे हैं आप सभी, दोस्तों आज हम सर्वेश्वर दयाल सक्सेना जी के जीवन के बारे में पढ़ने वाले हैं। सर्वेश्वर दयाल सक्सेना एक कवि एवं लेखक हैं जो काफी प्रसिद्ध भी हैं तो चलिए पढ़ते हैं इन पर लिखे लेख को

जन्म और परिवार

सर्वेश्वर दयाल सक्सेना का जन्म 15 सितंबर 1927 को उत्तर प्रदेश में हुआ था, उनके पिता का नाम श्री विश्लेश्वर दयाल सक्सेना एवं उनकी माता जी का नाम श्रीमती शांति देवी था।

उनकी शिक्षा

इन्होंने शुरुआती शिक्षा अपने जिले बस्ती से की इसके बाद जब यह बड़े हुए तो उन्होंने ma किया, ma की पढ़ाई करने के कुछ समय बाद इन्होंने आकाशवाणी में कार्य किया और उसके बाद इन्होंने 1957 में दिनमान पत्रिका में कार्य किया इसके बाद उन्होंने नवभारत टाइम्स में भी काम किया।

इनके द्वारा लिखे लेख

इन्होंने अपने जीवन में कई लेख लिखे जो काफी प्रसिद्ध हैं, इन्होंने कई कविताएं, नाटक भी लिखे। इन्होंने कहानी एवं निबंध भी लिखे वास्तव में साहित्य में इनका काफी महत्वपूर्ण योगदान है, उनकी कविताओं मे आजकल, खुशियों पर टंगे लोग, कठपुतली, भिखारी, अंधेरे में आदि काफी प्रसिद्ध है।

उनकी कहानी भी काफी प्रसिद्ध हैं उनकी कहानियों में बूढ़ा आदमी, अंतिम दर्शन, आत्महत्या, मां , भाई, दोस्त, शिक्षक आदि हैं इन्होंने कहानी, नाटक भी लिखे

उनके नाटको मैं कर्मवीर, शहिद, क्रांतिवीर, सत्याग्रह आदि शामिल है इन्होंने कई निबंध भी लिखें जो काफी महत्वपूर्ण है, उनके निबंधों में युवा पीढ़ी, शिक्षा,कला आदि शामिल है वास्तव में सर्वेश्वर दयाल सक्सेना जी एक बहुत ही अच्छे लेखक रहे हैं जिन्होंने अपने लेखों के जरिए कम शब्दों में काफी ख्याति पाई है।

उन्होंने भारत टाइम्स के साथ कार्य करके उसको आगे बढ़ाया है और देश-विदेश में प्रसिद्ध हुए हैं वास्तव में साहित्य में सर्वेश्वर दयाल सक्सेना जी का काफी महत्वपूर्ण स्थान है।

दोस्तों सर्वेश्वर दयाल सक्सेना जी पर हमारे द्वारा लिखा यह लेख आपको कैसा लगा हमें जरूर बताएं इसी तरह के बेहतरीन लेख पढ़ने के लिए हमें सब्सक्राइब करें धन्यवाद।

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