हरिवंश राय बच्चन की जीवनी harivansh rai bachchan biography in hindi
harivansh rai bachchan biography in hindi
दोस्तों अब हम आपको भारत के ऐसे कवि, लेखक के बारे में बताने जा रहा हूं जिन्होने कई कविताएं , निबंध लिखे हैं । उनकी कविताओं को पढ़कर हम ज्ञान प्राप्त करते हैं । उनकी कविताओं में मानव के जीवन को दर्शाया गया है । मैं बात कर रहा हूं हरिवंश राय बच्चन जी के बारे में जिन्होंने अपनी कविताओं से हम भारतीयों का दिल जीता है । वह बहुत ही सच्चे और अच्छे इंसान थे । अब मैं आपको उनके जीवन के बारे में बताने जा रहा हूं ।
जीवन परिचय – हरिवंश राय बच्चन जी का जन्म 27 नवंबर 1907 को उत्तर प्रदेश के इलाहाबाद में हुआ था । उनके पिता का नाम प्रताप नारायण श्रीवास्तव एवं माता का नाम सरस्वती देवी था । जब वह छोटे थे तब से ही उनको लोग बच्चन के नाम से पुकारते थे और वह इसी नाम से मशहूर भी हो गए थे ।
उन्होंने इलाहाबाद के पाठशाला में उर्दू से शिक्षा ली और कॉलेज से एलएलबी की डिग्री प्राप्त की । सन 1938 में इलाहाबाद के एक विश्वविद्यालय से m.a. किया और यह भी कहा जाता है कि 1952 में वे उसी विश्वविद्यालय में प्रवक्ता का काम किया करते थे । हरिवंश राय बच्चन जी अपने माता पिता से बहुत प्रेम करते थे ।
वह अपने पिता के द्वारा पढ़ाई किया करते थे और वह जब खेलने जाया करते थे तो अपने पिताजी को साथ लेकर जाते थे । हरिवंश राय बच्चन जी को बचपन से ही कविताएं लिखने और सुनने का शौक था । वह अपनी मां से कहते थे कि मुझे कविताएं सुनने का बड़ा शौक है और अपनी मां को कविताएं सुनाने के लिए कहते रहते थे ।
विवाह- हरिवंश राय बच्चन जी का विवाह श्यामा से हुआ था 1926 में हरिवंश राय जी की शादी उनके साथ कर दी गई थी यह कहा जाता है कि शादी के 10 साल बाद उनकी पत्नी का निधन हो गया था ।
कुछ लोग यह कहते हैं कि उनकी पत्नी को टीवी की बीमारी थी और कई लंबे समय तक यह चलती रही उन्होंने उनका बहुत इलाज करवाया लेकिन वह नहीं बच सकी और 1936 में उनका निधन हो गया था । उनकी पत्नी के निधन के बाद वह अकेले पड़ गए थे । इसके बाद उन्होंने अपनी दूसरी शादी करने का विचार बनाया और तेजी बच्चन से उन्होंने शादी कर ली थी और उनका एक पुत्र भी है जिसका नाम अमिताभ बच्चन है ।
शिक्षा – यह कहा जाता है की उन्होंने अपनी प्रारंभिक शिक्षा इलाहाबाद के ही एक विश्वविद्यालय से की थी जहां से उन्होंने एम ए पास किया और यह भी कहा जाता है कि उन्होंने कैंब्रिज विश्वविद्यालय से पीएचडी मैं सफलता प्राप्त की थी । इसके बाद उन्होंने इंग्लैंड में जाकर पढ़ाई करने का फैसला किया और वहां से अंग्रेजी में कविताओं का संवाद करने लगे और इसके बाद वह हिंदुस्तान में आकर हिंदी भाषा में कविताएं, कहानियां लिखने लगे थे । आज हम सभी उनको जानते हैं।
मृत्यु – हरिवंश राय बच्चन जी की मृत्यु 18 जनवरी 2003 को हुई थी जब उनकी उम्र 95 वर्ष की थी। उनका निधन महाराष्ट्र के मुंबई में हुआ था । उनके निधन के बाद हम सभी को हमारे देश के महान कवि की कमी हमेशा महसूस होती रहेगी और हम सभी उन को तहे दिल से याद करते रहेंगे ।
हरिवंश राय बच्चन जी की प्रमुख कविताएं – हरिवंश राय बच्चन जी की प्रमुख कविताएं निम्न प्रकार से हैं जैसे कि जाल समेटा, बहुत दिन बीते, उभरते प्रतिमाओं के रूप, करती प्रतिमाओं की आवाज, दो चट्टानें , बुद्ध और नाच घर , धार के इधर उधर , आरती और अंगारे , तेरा हार , मधुबाला , मधुशाला , एकांत संगीत , निशा निमंत्रण , मधु कलश आदि ।
हरिवंश राय बच्चन जी की प्रमुख रचनाएं – आ रही रवि की सवारी , सोहन हंस , मेरी श्रेष्ठ कविताएं , आठवें दशक की प्रतिनिधि श्रेष्ठ कविताएं , मेरी कविताएं की आधी सदी , टूटी छूटी कड़ियां , किंग लियर , भाषा अपनी बात पराए , प्रवास की डायरी , पंथ के सौ पुत्र , बचपन के लोकप्रिय गीत , हेलमेट , नागर गीत , अभिनव सोपान , नेहरू राजनीतिक जीवन चित्र , नए पुराने झरोखे , आधुनिक कवि , उमर खय्याम की रुबाइयां , जन गीता , ओखेलो , मैकबेथ , बचपन के साथ क्षण भर , सोपान , खय्याम की मधुशाला आदि ।
हम सभी इनकी कविताएं पढ़कर खुश होते हैं और उनकी कविताओं के माध्यम से हम सभी ज्ञान प्राप्त करते हैं आज हमारे बीच में हमारे देश के महान कवि हरिवंश राय बच्चन जी नहीं रहे हैं उनकी कमी हमें हमेशा खलती रहेगी और हम उनको याद करते रहेंगे जब हम उनकी कविता पढ़ते हैं तो हमें उनकी बहुत याद आती है ऐसे महान कवि को हम बहुत ही सम्मान देते हैं ।
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