सेलोज मुखर्जी जीवन परिचय Sailoz mukherjee in hindi

Sailoz mukherjee in hindi

Sailoz mukherjee – दोस्तों आज हम आपको इस आर्टिकल के माध्यम से भारत के महान चित्रकार सेलोज मुखर्जी के जीवन परिचय के बारे में बताने जा रहे हैं । तो चलिए अब हम आगे बढ़ते हैं और इस आर्टिकल को पढ़कर सेलोज मुखर्जी के जीवन परिचय के बारे में विस्तृत जानकारी प्राप्त करते हैं ।

Sailoz mukherjee in hindi
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Image source – https://www.nationalheraldindia.com/topic/sailo

सेलोज मुखर्जी के जन्म व् मृत्यु के बारे में – सेलोज मुखर्जी भारत देश के महान पेंटर थे जिन्होंने कई पेंटिंग बनाकर सफलता प्राप्त की है । भारत के महान पेंटर सेलोज मुखर्जी का जन्म भारत देश के वेस्ट बंगाल में 1906 में हुआ था । सेलोज मुखर्जी के बारे में ऐसा कहा जाता है कि वह बचपन से ही चित्रकला की ओर अग्रसर थे । उनको सुंदर-सुंदर चित्र देखना बचपन से ही पसंद था । आज भारत देश के महान चित्रकार सेलोज मुखर्जी हमारे बीच में नहीं है । जब हम उनकी पेंटिंग को देखते हैं तब सेलोज मुखर्जी की कमी बहुत खलती है , कमी महसूस होती है ।

ऐसे महान पेंटर सेलोज मुखर्जी का निधन 1960 को हो गया था और वह हमसे बहुत दूर चले गए थे । परंतु सेलोज मुखर्जी के द्वारा जो पेंटिंग बनाई गई है जब हम उन सभी पेंटिंग को देखते हैं तब हमें उनके व्यक्तित्व की पहचान होती है कि वह किस विचार के व्यक्ति थे ।

सेलोज मुखर्जी के पेंटिंग कैरियर के बारे में – सेलोज मुखर्जी बचपन से ही एक पेंटर बनना चाहते थे इसके लिए वह निरंतर मेहनत करते थे । सेलोज मुखर्जी ने पेंटिंग सीखने के लिए काफी मेहनत की है । जब वह धीरे-धीरे बड़े होने लगे तब उन्होंने अच्छी पेंटिंग बनाने का संकल्प लिया और वह अच्छा पेंटर बनने के लिए मेहनत करने लगे थे । जैसे-जैसे उनकी उम्र बढ़ती गई वह पेंटिंग की दुनिया में अपने आप को सफल बनाने के लिए निरंतर आगे बढ़ते चले गए थे । पेंटिंग कला के क्षेत्र में उन्होंने अपनी मेहनत और लगन से सफलता प्राप्त की है ।

आज सेलोज मुखर्जी की मेहनत और कला को हम यदि देखना चाहते हैं तो सेलोज मुखर्जी के द्वारा बनाई गई पेंटिंग को हमें अवश्य देखना चाहिए । जब हम सेलोज मुखर्जी के द्वारा बनाई गई पेंटिंग को देखेंगे तब हमें पता चलेगा कि वाकई मे सेलोज मुखर्जी एक बेहतर पेंटर थे । जिन्होंने व्यक्ति के व्यक्तित्व को पेंटिंग के माध्यम से हम लोगों के समक्ष प्रस्तुत किया है । इस तरह से वह चित्रकला में निरंतर सफल व्यक्ति बनने के लिए मेहनत करते हुए  आगे बढ़ते चले गए थे ।

जब सेलोज मुखर्जी 1940 के समय में दिल्ली में रहते थे  तब वह दिल्ली में स्थित स्कूल जिस स्कूल का नाम बंगाल स्कूल ऑफ आर्ट था वहां पर वह अपना अधिक से अधिक समय व्यतीत करते थे क्योंकि वह जानते थे की यही वह मंदिर है जहां से उनको चित्रकला की प्रसिद्धि हासिल होगी । इस स्कूल के उन महान शिक्षकों से सेलोज मुखर्जी अक्सर मिला करते थे जो चित्र कला के क्षेत्र में काफी ज्ञान प्राप्त कर चुके थे । बंगाल स्कूल ऑफ आर्ट में सेलोज मुखर्जी की मुलाकात महान चित्रकार शांतनु उकील और मानुषी डे से हुई थी ।

इन सभी महान चित्रकारो से मिलकर चित्रकला के विषय में चर्चा किया करते थे ।  एक अच्छी चित्रकारी सीखने के लिए वह अक्सर उनके साथ में चित्र बनाया करते थे । इसके बाद जब सेलोज मुखर्जी चित्र कला के क्षेत्र में ज्ञान प्राप्त करते गए तब वह लोक कला और बसोहली  लघु चित्र बनाने लगे थे । सेलोज मुखर्जी ने चित्रकला के क्षेत्र में रहकर चित्रकला के माध्यम से प्रकृति के बारे में चित्र बनाकर लोगों को प्रकृति के प्रति जागरूक किया है । प्रकृति ही हमारे जीवन में खुशी का रंग भरती है ।

यह समझाने के लिए सेलोज मुखर्जी ने प्रकृति से संबंधित कई चित्र बनाए हैं जिन चित्रों को आज हम जब देखते हैं तब हमें पता चलता है कि सेलोज मुखर्जी प्रकृति की सुंदरता को लेकर कितने चिंतित थे । सेलोज मुखर्जी के द्वारा ग्रामीण क्षेत्रों के विकास और ग्रामीण क्षेत्र के लोगों के विकास को लेकर काफी चिंतित थे और उन्होंने ग्रामीण क्षेत्रों के लोगों की निर्धनता के बारे में भी चित्र बनाए हैं ।सेलोज मुखर्जी के द्वारा ग्रामीण क्षेत्र की सुंदरता , हरे भरे खेत और एक ग्रामीण के जीवन पर भी कई चित्र बनाए गए हैं जिन चित्रों को देखकर हम ग्रामीण इलाके और ग्रामीण लोगों के जीवन के बारे में पता चलता है ।

सेलोज मुखर्जी के द्वारा कुछ चित्र ऐसे भी बनाए गए हैं इन चित्रों को देखकर यह प्रतीत होता है कि हम सभी को शांति बनाए रखना चाहिए , जाति धर्म के नाम पर लड़ना नहीं चाहिए ।

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