रेडियोधर्मी प्रदूषण पर निबंध Radioactive pollution essay in hindi
Radioactive pollution essay in hindi
Radioactive pollution – दोस्तों आज हम आपको इस आर्टिकल के माध्यम से रेडियोधर्मी प्रदूषण के बारे में बताने जा रहे हैं । चलिए अब हम आगे बढ़ते हैं और इस बेहतरीन आर्टिकल के माध्यम से रेडियोधर्मी प्रदूषण के बारे में गहराई से पढ़ते हैं ।

रेडियोधर्मी प्रदूषण – रेडियोधर्मी प्रदूषण के कारण मनुष्य के जीवन को एवं जीव जंतु , पेड़ पौधों को काफी नुकसान का सामना करना पड़ता है । रेडियोधर्मी प्रदूषण के कारण मनुष्य की त्वचा , मनुष्य के शरीर को काफी नुकसान होता है । रेडियोधर्मी प्रदूषण के कारण कई तरह की बीमारी मनुष्य को हो जाती हैं । यह रेडियोधर्मी प्रदूषण मनुष्य के शरीर को अपाहिज बना देती है । कई तरह की बीमारियां रेडियोधर्मी प्रदूषण के कारण फैलती हैं । जैसे कि बोन मेरो , त्वचा कैंसर , महिलाओं में बांझपन , हृदय की बीमारी , ट्यूमर , आंखों की दृष्टि पर रेडियोधर्मी प्रदूषण के कारण काफी नुकसान होता है ।
जब प्रकृति के साथ किसी तरह की कोई छेड़ खानी की जाती है तब प्रकृति हमारा साथ छोड़ देती है क्योंकि वातावरण में कई हानिकारक विषैले तत्व होते है । उन हानिकारक विषैले तत्वों को पेड़ पौधे ग्रहण करते हैं और ऑक्सीजन हम सभी को देते हैं । जिस ऑक्सीजन को हम सभी ग्रहण करके जीवित रहते हैं । रेडियोधर्मी प्रदूषण के दो कारण होते हैं । पहला कारण मानव निर्मित विकिरण होता है ।यानी मानव के द्वारा ऐसे संसाधनों का उपयोग किया जाता है जिससे रेडियोधर्मी प्रदूषण उत्पन्न होता है । दूसरा कारण प्राकृतिक विकिरण होता है ।
प्राकृतिक विकिरण ब्रह्मांड से जो किरण आती है वह अंतरिक्ष से पृथ्वी की सतह पर पहुंचती है और बारिश की बूंदों के माध्यम से पृथ्वी पर आती है और जमीन में समाहित हो जाती है । इसमें हानिकारक रेडियोधर्मी तत्व मौजूद होते हैं जो रेडियोधर्मी तत्व पानी में घुलनशील हो जाते हैं । जब वह पानी पेड़ पौधों में पहुंचता है तो पेड़ पौधों को नष्ट कर देता है और जो खाद्य सामग्री के माध्यम से हमारे शरीर के अंदर रेडियोधर्मी तत्व पहुंच जाते हैं और हमारा शरीर कई घातक बीमारियों से ग्रसित हो जाता है ।
रेडियोधर्मी तत्व के कारण हमारे आसपास का वातावरण दूषित हो जाता है । जब हम रेडियोधर्मी तत्व युक्त खाद सामग्री का उपयोग करते हैं तब रेडियोधर्मी तत्व हमारे शरीर के अंदर पहुंच जाते हैं और हमारे शरीर को नुकसान पहुंचाते है । यह रेडियोधर्मी तत्व मनुष्य के जीवन एवं जानवरों के जीवन के लिए घातक साबित होते हैं । रेडियोधर्मी प्रदूषण में रेडियम 224 , थोरियम 232 , यूरेनियम 235 , कार्बन 14 , पोटेशियम 40 इस तरह के कई रेडियोधर्मी तत्व पाए जाते हैं जो घुलनशील होकर रेडियोधर्मी प्रदूषण फैलाते हैं ।
यह सभी तत्व मिट्टी , पानी एवं चट्टानों में पाए जाते हैं । प्रकृति का धीरे-धीरे विनाश होता जा रहा है । रेडियोधर्मी तत्व को सिर्फ प्रकृति ही नष्ट कर सकती है । परंतु आज का मनुष्य प्रकृति की सुंदरता पर ध्यान नहीं दे रहा है । उसको नष्ट करने में लगा हुआ है और धीरे-धीरे प्रकृति का विनाश होता जा रहा है । यदि प्रकृति का विनाश हुआ तो रेडियोधर्मी प्रदूषण धीरे धीरे फैलता जाएगा और हम सभी रेडियोधर्मी प्रदूषण की चपेट में आ जाएंगे और कई तरह की बीमारियां हमारे शरीर को लग जाएंगी ।
रेडियोधर्मी प्रदूषण के कारण causes of radioactive pollution in hindi – रेडियोधर्मी प्रदूषण के फैलने का सबसे बड़ा कारण ऐसी संसाधनों का उपयोग करना जिससे रेडियोधर्मी तत्व उत्पन्न होते हैं । आज मनुष्य सफलता की ऊंचाइयों तक पहुंचने के लिए , एक सफल इंसान बनने के लिए सभी तरह के हथकंडे अपना रहा है । मनुष्य के द्वारा थोरियम , प्लूटोनियम , परमाणु हथियार , परमाणु ईंधन , परमाणु ऊर्जा संयंत्र , रेडियोधर्मी आइसोटोप के विस्फोट खनन एवं शोधन करने से रेडियोधर्मी प्रदूषण फैलता है ।
जब परमाणु हथियार बनाए जाते हैं तब काफी मात्रा में रेडियोधर्मी प्रदूषण फैलता है । जब परमाणु हथियार बन के तैयार हो जाता है तब वैज्ञानिकों के द्वारा इसका परीक्षण किया जाता है । जब परमाणु हथियारों का परीक्षण किया जाता है तब वहां पर आसपास एवं दूर-दूर तक का क्षेत्र नष्ट हो जाता है , वहां के पेड़ पौधे नष्ट हो जाते हैं और वहां के आसपास में रहने वाले लोगों को कई तरह की बीमारियां उत्पन्न हो जाती है । क्योंकि परमाणु हथियार के परीक्षण से रेडियोधर्मी प्रदूषण काफी मात्रा में फैलता है ।
जब परमाणु परीक्षण किया जाता है तब कई तरह के रेडियोधर्मी तत्व वातावरण में फैल जाते हैं । जिसमें स्ट्रॉटीयम 90 , आयोडीन 131 एवं सीजियम 137 शामिल हैं । जब बारिश के कणों द्वारा रेडियोधर्मी धरती पर गिरते हैं तब प्रकृति दूषित होती है और रेडियोधर्मी तत्व वातावरण में घुल जाते हैं । रेडियोधर्मी तत्व पानी के माध्यम से हमारे शरीर में प्रवेश कर जाते हैं । जिससे कई तरह की बीमारियां हमारे शरीर को हो जाती हैं और हम बीमार पड़ जाते हैं ।
रेडियोधर्मी प्रदूषण जब हमारे आसपास में फैलता है तब हमें कई बीमारियों से ग्रसित कर देता है । परमाणु रिएक्टर एवं परमाणु ईंधन का उपयोग परमाणु ऊर्जा यंत्र के संचालन में बहुत अधिक मात्रा में ऊर्जा का उपयोग किया जा रहा है । परमाणु ईंधन का उपयोग , परमाणु रिएक्टर के द्वारा प्राप्त ऊर्जा का उपयोग बड़े-बड़े टर्बाइनो में किया जाता है जिसके माध्यम से बिजली का उत्पाद होता है । इस तरह के दोनों ईंधन तत्व विकिरण प्रदूषण में अपना योगदान देते हैं ।
सबसे बड़ी बात यह है कि परमाणु रिएक्टरों की जो बर्बादी हो रही है उसका सबसे बड़ा मुख्य कारण रेडियोधर्मी सामग्री है । जिसके उपयोग से परमाणु रिएक्टरों की बर्बादी होती है । सबसे बड़ी बात यह है कि इन रेडियोधर्मी अपशिष्टो को रोकना सबसे बड़ी मुसीबत है । यदि इनके द्वारा प्राप्त कचरे को कहीं पर भी फेंक दिया जाए तो आसपास में रहने वाले लोग एवं जीव जंतु पशु एवं इंसान के लिए बहुत घातक सिद्ध हो सकता है ।
इस कचरे के कारण व्यक्ति को कई तरह की बीमारी हो सकती है क्योंकि यह रेडियोधर्मी प्रदूषण वातावरण को दूषित करता है ।
रेडियो धर्मी प्रदूषण का प्रभाव effects of radioactive pollution in hindi – रेडियोधर्मी प्रदूषण का मनुष्य के जीवन पर बड़ा प्रभाव पड़ता है क्योंकि रेडियोधर्मी प्रदूषण से प्रकृति में काफी हानिकारक तत्व उत्पन्न होते हैं । जिसका दुष्प्रभाव मनुष्य के शरीर पर दिखाई पड़ता है । मनुष्य के शरीर को काफी बीमारियों का सामना करना पड़ता है । जब हम रेडियोधर्मी तत्व युक्त भोजन या पानी ग्रहण करते हैं तब रेडियोधर्मी तत्व हमारे शरीर के अंदर प्रवेश कर जाते हैं । जिसके कारण आयोडीन 131 से सफेद ब्लड कॉरप्यूसल्स की बीमारी हो जाती है और मनुष्य बीमार पड़ जाता है ।
रेडियोधर्मी प्रदूषण के कारण लिम्फ नोड्स एवं स्प्लीन जैसी बीमारियां वातावरण में फैलती हैं । यह बीमारियां धीरे-धीरे मनुष्य के शरीर को कमजोर करती हैं और जब मनुष्य के शरीर में पाचन क्रिया कमजोर हो जाती है , ब्लड का सरकुलेशन बंद हो जाता है तब व्यक्ति धीरे-धीरे बीमार पड़ने लगता है । जब यह बीमारी धीरे-धीरे बढ़ जाती है तब व्यक्ति को काफी परेशानी का सामना करना पड़ता है । इस बीमारी के घातक दुष्प्रभाव हम सभी के सामने आते हैं ।
रेडियो धर्मी प्रदूषण के कारण रेडियोधर्मी तत्व महिलाओं को बांझ बना देती हैं । जिसके कारण महिला के पेट में गर्भ नहीं ठहर पाता है और वह बांझपन का शिकार हो जाती है । रेडियोधर्मी प्रदूषण के कारण , रेडियोधर्मी तत्वों के कारण कई व्यक्तियों की आंखें तक चली जाती हैं क्योंकि रेडियोधर्मी तत्व आंखों पर अपना दुष्प्रभाव डालते हैं । जिसके कारण व्यक्ति अंधा हो जाता है । रेडियोधर्मी प्रदूषण के कारण फेफड़े में ट्यूमर की सबसे ज्यादा बीमारी उत्पन्न होती है ।
जिसके कारण व्यक्ति की मौत हो जाती है । यह सबसे बड़ा ट्यूमर है । जब रेडियोधर्मी तत्व व्यक्ति के शरीर में पहुंचते हैं तब वह फेफड़ों में अपना दुष्प्रभाव डालते हैं और फेफड़े में ट्यूमर की बीमारी हो जाती है । जिसके कारण व्यक्ति की मौत हो जाती है । उसका पूरा परिवार परेशान हो जाता है । रेडियोधर्मी तत्वों में स्ट्रोंटियम 90 पाया जाता है । जिसका दुष्प्रभाव मनुष्यों एवं जानवरों की हड्डियों पर दिखाई पड़ता है ।
जब स्ट्रोंटियम 90 खाद्य पदार्थों में घुलनशील होकर हमारे शरीर केेेेेेेे अंदर प्रवेश करता है तब वह हड्डियों हमारी हड्डियों पर जोर दिखाता है जिसके कारण हड्डियां कमजोर हो जाती हैं और हड्डियों के कैंसर मनुष्य एवं जानवर को हो जाता है । हमारे शरीर से ऊतको के नष्ट होने का सबसे बड़ा मुख्य कारण यही है । रेडियोधर्मी प्रदूषण व्यक्ति के जीवन का सबसे बड़ा विनाश है । ठोस द्रव्य एवं पदार्थों के रूप में रेडियोधर्मी तत्व उत्पन्न होकर जीव जंतु एवं मनुष्य के शरीर पर काफी प्रभाव डालते हैं ।
रेडियोधर्मी प्रदूषण के कारण सबसे ज्यादा नुकसान मनुष्य के शरीर को होता है । रेडियोधर्मी प्रदूषण के कारण मनुष्य को ब्रेन कैंसर , त्वचा कैंसर , म्यूटेशन जैसी घातक बीमारियां लग जाती हैं । जिस बीमारी के कारण मनुष्य को दुनिया छोड़नी पड़ती है ।रेडियोधर्मी प्रदूषण को हम हल्के में नहीं ले सकते हैं क्योंकि मनुष्य एवं जानवर की मौत का सबसे बड़ा कारण रेडियोधर्मी प्रदूषण है । प्राचीन समय में जब परमाणु विस्फोट , परमाणु हथियारों का उपयोग नहीं किया जाता था तब यह घातक बीमारियां प्रकृति में नहीं थी ।
परंतु जब से परमाणु हथियारों का उपयोग किया जाने लगा है , परमाणु हथियारों का परीक्षण किया जाने लगा है तब से इस तरह की घातक बीमारियां उत्पन्न हो गई है । कई लोगों की जान इस घातक बीमारी के कारण जा चुकी है । इस तरह से रेडियोधर्मी प्रदूषण का दुष्प्रभाव मनुष्य एवं जानवर के शरीर पर पड़ता है ।
रेडियोधर्मी प्रदूषण के नियंत्रण control of radioactive pollution in hindi – रेडियोधर्मी प्रदूषण के दुष्प्रभाव से बचने के लिए हमें सावधानियां रखनी चाहिए । नहीं तो हमको घातक बीमारियों का सामना करना पड़ सकता है । रेडियोधर्मी प्रदूषण से मानव शरीर को काफी हानि होती है । यदि हमें रेडियोधर्मी प्रदूषण से बचना है तो हम सभी को ऐसी जगह पर अपना घर नहीं बनाना चाहिए जहां पर परमाणु रिएक्टरों के उद्योग स्थापित हुए हैं । क्योंकि परमाणु उद्योग रिएक्टरों से रेडियोधर्मी सामग्रियों का रिसाव होता है और रेडियोधर्मी सामग्रियों के रिसाव के कारण हमें घातक बीमारी हो जाती है ।
रेडियोधर्मी प्रदूषण को पूरी तरह से रोकना है तो रेडियोधर्मी रिएक्टरों की प्रयोगशालाओं से निकलने वाले रेडियोधर्मी तत्वों का रिसाव एवं परमाणु रिएक्टरों से उत्पन्न गैस पानी एवं कचरे को बाहर जाने से रोकना होगा । नहीं तो मनुष्य को घातक बीमारियों का सामना करना पड़ सकता है । परमाणु हथियारों को बनाने वाली फैक्ट्रियों को यह दिशा निर्देश देना चाहिए की रेडियोधर्मी अपशिष्ट पदार्थों को एक सुरक्षित स्थान पर रखें ताकि अपशिष्ट पदार्थ आसानी से नष्ट हो सके , रेडियोधर्मी अपशिष्ट पदार्थों से किसी को नुकसान ना पहुंचे ।
रेडियोधर्मी प्रदूषण बहुत ही घातक प्रदूषण है । परमाणु उद्योगों में काम करने वाले लोगों को रेडियोधर्मी अपशिष्ट पदार्थों के बारे में ट्रेनिंग देना चाहिए और रेडियोधर्मी प्रदूषण के कारण होने वाली घटनाओं के बारे में उनको अवगत कराना चाहिए । जिससे कि वह परमाणु उद्योगों में काम करते समय सावधानी रख सकें । सभी को रेडियोधर्मी प्रदूषण कारण होने वाली दुर्घटनाओं के बारे में जानकारी अवश्य होना चाहिए और रेडियोधर्मी प्रदूषण से बचने के उपाय भी हम सभी को मालूम होना चाहिए ।
रेडियोधर्मी प्रदूषण से हमें बचने के लिए आयोडीन युक्त नमक का सेवन अवश्य करना चाहिए क्योंकि आयोडीन नमक रेडियोधर्मी प्रदूषण से होने बाली बीमारी से बचाता है , हमारे शरीर की रक्षा करता है । कई देशों में रेडियोधर्मी प्रदूषण से बचने के लिए वहां पर इस्तेमाल किए जाने वाले खाद्य पदार्थों की जांच की जाती है और वहां के नागरिकों के लिए आयोडीन की गोली भी दी जाती है । जिससे कि रेडियोधर्मी प्रदूषण से सभी को बचाया जा सके ।
हवा के माध्यम से जब रेडियोधर्मी तत्व हम सभी के शरीर में जाते हैं तब हमें काफी बड़ी बीमारियों का सामना करना पड़ता है । इस परेशानी से बचने के लिए हम सभी को हमेशा सुरक्षित स्थान पर रहना चाहिए और सुरक्षा उपकरणों का उपयोग करते रहना चाहिए । जिस स्थान पर हमें घुटन महसूस हो उस स्थान पर नोज मास्क लगाकर जाना चाहिए । जिससे हानिकारक रेडियोधर्मी तत्व हमारे शरीर के अंदर प्रवेश न कर सके ।
इसके साथ-साथ हमें इस बात का भी ध्यान रखना चाहिए कि हम जो भोजन , फल फ्रूट एवं खाने की सभी सामग्री का उपयोग कर रहे हैं उसमें कहीं रेडियोधर्मी तत्व तो नहीं है । हमें बाजारों से लाई गई सब्जियों को धोकर , साफ करके सेवन करना चाहिए क्योंकि रेडियोधर्मी तत्व बारिश की बूंदों के साथ जमीन के अंदर जाती हैं और जमीन के माध्यम से पानी में घुलनशील हो जाती हैं । पानी को हम सभी को गर्म करके , साफ करके पीना चाहिए क्योंकि पानी में ही अधिकतर रेडियोधर्मी तत्व घुलनशील होते हैं ।
जब रेडियोधर्मी तत्वों के कारण हमारी आंखों को नुकसान पहुंच रहा है , आंखों में जलन पड़ रही है , धुंधला सा दिखाई दे रहा है तब हमें डॉक्टर के पास अवश्य जाना चाहिए और हमारी आंखों को ठंडे पानी से धोते रहना चाहिए । जिससे कि हमारी आंखों से रेडियोधर्मी तत्व बाहर निकल सकें । रेडियोधर्मी तत्वों को हम देख नहीं सकते हैं लेकिन रेडियोधर्मी तत्वों के कारण होने वाली बीमारियों का अनुमान लगाया जा सकता है ।
जब हमारे शरीर में किसी तरह की जलन हो या फिर त्वचा पर जलन हो तो हमें तुरंत डॉक्टर के पास जाकर इलाज करवाना चाहिए । क्योंकि यह जलन हो सकता है कि रेडियोधर्मी प्रदूषण के कारण हो रही हो जो कि बाद में एक घातक बीमारी को जन्म दे सकती है ।
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