लॉकडाउन में बच्चो का अनुभव पर निबंध Lockdown mein bacchon ka anubhav essay in hindi

lockdown mein bacchon ka anubhav essay in hindi

आज के हमारे इस आर्टिकल में हम पढ़ेंगे लॉकडाउन में बच्चों का अनुभव पर निबंध। तो चलिए पढ़ते हैं आज के हमारे इस लेख को। कोरोनावायरस तेजी से फैल रहा है कोरोनावायरस को दूर करने के लिए सरकार ने लॉकडाउन लगाया है।

Lockdown mein bacchon ka anubhav essay in hindi
Lockdown mein bacchon ka anubhav essay in hindi

कुछ समय तक सरकार ने लॉकडाउन में काफी प्रतिबंध लगाए थे लेकिन धीरे-धीरे लॉकडाउन में सरकार ने कुछ छूट देना शुरू कर दिया। इस लॉकडाउन के समय में बच्चों का बहुत ही अच्छा अनुभव रहा। अक्सर बच्चे चाहते हैं कि उनके साथ घर में खेलने वाले सदस्य ज्यादा हो, उनके माता-पिता उनके साथ घर में रहे, उनके साथ समय बिताएं, उनके साथ खेल खेलें।

यह सब उन्हें बहुत ही अच्छा लगता है लेकिन इस आधुनिक जमाने में बहुत से माता-पिता ऐसे होते हैं जो अपने बच्चों को समय नहीं दे पाते जिस वजह से बच्चे काफी दुखी भी होते हैं और कभी-कभी इसी वजह से वह मानसिक रूप से बीमार भी हो जाते हैं। लॉकडाउन के समय में माता पिता घर पर रहे।

बच्चों के साथ उन्होंने काफी समय बिताया तो इस समय कई बच्चे ऐसे थे जो काफी खुश थे लेकिन दूसरी ओर देखें तो कुछ बच्चों का अनुभव बुरा भी रहा कुछ बच्चे जो आस पड़ोस में अपने अन्य साथियों के साथ खेलने जाते थे लेकिन लॉकडाउन की वजह से वह खेलने नहीं जा पाए और उन्हें कई तरह की समस्याओं का सामना करना पड़ा।

जब वह घर से जाते थे तो माता-पिता उन्हें रोक देते थे जब लॉकडाउन में छूट दी गई तब भी सरकार ने बच्चों और बड़ों को घर मैं ही रहने की सलाह दी गई। जब बच्चे घर से बाहर जाकर नहीं खेल पाए तो उन्हें अच्छा नहीं लगा कुछ बच्चे ऐसे भी देखे गए जो घर में ही तरह-तरह के खेल खेल रहे थे। उनके साथ में उनके परिवार के सदस्य जैसे कि माता-पिता, दादा दादी भी उनका साथ देते थे।

परिवार के साथ समय बिताना एक तरह से देखा जाए तो बहुत ही अच्छा है। कुछ बच्चों को इन दिनों में स्कूल जाने से कुछ दिनों तक निजात मिली जिस वजह से कुछ बच्चे काफी खुश भी हुए। कुछ बच्चों को पढ़ाई करना और स्कूल जाना बहुत ही अच्छा लगता था लेकिन इस लॉकडाउन के समय में वह अपने स्कूल नहीं जा पाए क्योंकि स्कूल बंद थे।

तो ऐसे बच्चों को थोड़ा दुख भी हुआ लेकिन बड़े बच्चों ने ऑनलाइन के द्वारा या टीवी के जरिए भी पढ़ाई की। कुछ बच्चों को लॉकडाउन के समय में ज्यादा टीवी देखने का मौका मिला इस वजह से वह काफी खुश रहे  लेकिन कुछ बच्चे निरंतर घर पर रहते रहते बोर हुए। इस तरह से हम देखें तो अलग-अलग बच्चों के लॉकडाउन के समय में अलग अलग अनुभव है।

दोस्तों मेरे द्वारा लिखा लॉकडाउन में बच्चों का अनुभव पर निबंध। आपको कैसा लगा हमें जरूर बताएं और इसे ज्यादा से ज्यादा शेयर करना ना भूले।

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