जगदीश चंद्र बोस की जीवनी jagadish chandra bose biography in hindi
jagadish chandra bose biography in hindi
दोस्तों आज हम आपको भारत के वैज्ञानिक जगदीश चंद्र बोस के बारे में बताने जा रहे है कि उन्होंने अपने जीवन में कौन-कौन सी खोजें की हैं? वह किस तरह के व्यक्ति थे? उन्होंने वैज्ञानिक बनने के लिए क्या-क्या किया था? यह सब हम आज पढ़ेंगे। जगदीश चंद्र बोस एक अच्छे और सच्चे इंसान थे । उन्होंने अपनी पढ़ाई के दम पर विज्ञान के क्षेत्र में सफलता हासिल की थी एवं वह अच्छे वैज्ञानिक भी बने । उन्होंने मानव कल्याण के लिए तरह-तरह की खोज की थी । उन्होंने कभी भी किसी भी क्षेत्र में हार नहीं मानी थी । आज हम उनके बारे में और भी जानने वाले है ।
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जीवन परिचय – जगदीश चंद्र बोस का जन्म 30 नवंबर 1818 को बंगाल के फरीदपुर ढाका जिले में हुआ था जो अब बंगला देश में स्थित है । उनके पिता का नाम भगवान चंद्र बोस था एवं माता का नाम बामासुंदरी बोस था । उनके पिता ब्राह्मण समाज के बहुत अच्छे नेता थे। यह भी कहा जाता है कि उनके पिता उस समय उप मजिस्ट्रेट की नौकरी भी करते थे। जगदीश चंद्र बोस अपने माता पिता से बहुत प्रेम करते थे । उनके द्वारा बताए गए रास्ते पर चलते थे । वह अपने माता पिता की बात को कभी भी नहीं टालते थे। उनका विवाह अबला बोस से हुआ था ।
उन्होंने अपने जीवन में शिक्षा प्राप्त की ओर देश को विकासशील बनाने के लिए उन्होंने बहू शास्त्र ज्ञान, भौतिक शास्त्र, जीव विज्ञान और वनस्पति विज्ञान की शिक्षा प्राप्त की थी । इसके बाद वह एक सफल वैज्ञानिक बने और उन्होंने सबसे पहले रेडियो एवं तरंगों की खोज करना प्रारंभ कर दिया था । उनकी यह खोज सफल भी रही थी । उन्होंने वनस्पति विज्ञान में भी कई खोजों को अंजाम दिया है । ऐसे महान वैज्ञानिक हमारे भारत में जन्मे हैं और उन्होंने हमारे देश का नाम रोशन किया था । उनके रेडियो विज्ञान की खोज के लिए उन्हें रेडियो का पिता भी कहा जाता था । वह एक अच्छे वैज्ञानिक के साथ साथ विज्ञान की कथाएं भी लिखते थे । उन्हें विज्ञान की कथाएं लिखने में बड़ा आनंद आता था । उन्होंने एक क्रेस्कोग्राफ यंत्र का भी आविष्कार किया था । कुछ लोगों का कहना है कि जब वह किसी चीज की खोज करते थे तो वह महंगे उपकरणों का उपयोग नहीं करते थे और खोज करते समय वह अपना पूरा ध्यान सिर्फ खोज पर ही लगाते थे ।
शिक्षा – उनके पिता ने उनको शिक्षा दिलाने के लिए वेर्नाकुलर स्कूल में भेजा क्योंकि उनके पिताजी का मानना था कि शिक्षा प्राप्त करने के लिए सबसे पहले अपने क्षेत्र की भाषा को सीखना सबसे ज्यादा आवश्यक है । उन्होंने सेंट जेवियर महाविद्यालय कोलकाता से स्नातक की डिग्री हासिल की थी । इसके बाद उन्होंने लंदन में चिकित्सा की डिग्री हासिल करने के विचार बनाए और वह लंदन चले भी गए लेकिन उनका स्वास्थ्य खराब होने के कारण वह बीच से ही वहां से वापस चले आए । फिर वह भारत में भौतिक विज्ञान प्राध्यापक के रूप में एक कॉलेज में विद्यार्थियों को शिक्षा देने लगे थे । वह अपने जीवन में कभी भी हार नहीं मानने वाले व्यक्ति थे । उन्होंने पढ़ाई के हर क्षेत्र में सफलता प्राप्त की है । जब वह कॉलेज में पढ़ते थे तब उन्होंने कॉलेज में टॉप भी किया था । वह बचपन से ही एक अच्छे वैज्ञानिक के रूप में अपने आप को देखना चाहते थे । उनका यही सपना था कि मैं 1 दिन बहुत बड़ा विज्ञानिक बनूंगा और उन्होंने अपनी मेहनत और शिक्षा प्राप्त करके अपने उस सपने को भी पूरा किया था । सतीश चंद्र बसु को उनके कई अविष्कारों के लिए पुरस्कार भी मिले थे ।
मृत्यु – जगदीश चंद्र बोस का निधन 23 नवंबर 1937 को हुआ था । जब उनकी उम्र 78 वर्ष की थी । आज हम ऐसे वैज्ञानिक को याद करते हैं और उनकी कमी हमें हमेशा महसूस होती रहेगी और हम उनके द्वारा किए गए आविष्कार को हमेशा याद करते रहेंगे ।
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