विद्यालय में पढने से ज्यादा आनंद किसी में नहीं पर निबंध Essay on vidyalaya mein padhne se jyada anand kisi mein nahi in hindi

Essay on vidyalaya mein padhne se jyada anand kisi mein nahi in hindi

दोस्तों आज हम आपको इस आर्टिकल के माध्यम से विद्यालय में पढ़ने से ज्यादा आनंद किसी में नहीं पर लिखें निबंध के बारे में बताने जा रहे हैं तो चलिए अब हम आगे बढ़ते हैं और इस आर्टिकल को पढ़कर विद्यालय में पढ़ने से ज्यादा आनंद किसी में नहीं पर लिखे निबंध के बारे में विस्तृत जानकारी प्राप्त करते हैं ।

Essay on vidyalaya mein padhne se jyada anand kisi mein nahi in hindi
Essay on vidyalaya mein padhne se jyada anand kisi mein nahi in hindi

विद्यालय में पढ़ने से ज्यादा आनंद किसी में नहीं के बारे में – जब बच्चे को पढ़ने के लिए स्कूल भेजा जाता है तब उसे बड़ा आनंद आता है क्योंकि वहां पर उसके नए मित्र बनते हैं और उन सभी मित्रों के साथ मिलकर वह पढ़ने के साथ साथ खेलते भी हैं । विद्यालय ही वह स्थान है जहां विद्यार्थी को ज्ञान के साथ-साथ एक ऊर्जा प्राप्त होती है ।विद्यालय से ही व्यक्ति के जीवन में खुशियां ही खुशियां आती हैं । विद्यालय से ही ज्ञान प्राप्त होता है और उस ज्ञान को प्राप्त करने में जो आनंद आता है वह आनंद और कहीं पर भी नहीं आता है ।

विद्यालय में पढ़ाई करते समय नए विचार व्यक्ति के मन में आते हैं और वह ज्ञान प्राप्त कर अपना और अपने परिवार का विकास करता है । ज्ञान ही व्यक्ति के जीवन की सबसे बड़ी पूंजी होती है जो पूंजी हमें विद्यालय में पढ़ने से ही प्राप्त होती है । जब विद्यालय में हम अपने मित्रों के साथ एक क्लास में बैठकर शिक्षा प्राप्त करते हैं तब बड़ा आनंद आता है । विद्यालय में पढ़ाई करते समय  हमारा पूरा ध्यान शिक्षक की ओर रहता है । जब शिक्षक किसी सवाल का जवाब पूछता है तब बड़ा डर लगता है कि यदि शिक्षक के सवाल का जवाब सही नहीं दिया तो सजा मिल सकती है ।

जब क्लास में किसी विद्यार्थी को सजा दी जाती है तब बड़ा आनंद आता है । जब हमें सजा दी जाती है तब बड़ा दुख होता है ।विद्यालय से जो आनंद व्यक्ति को प्राप्त होता है वह आनंद कहीं पर भी प्राप्त नहीं होता है । विद्यालय से हम सभी क्षेत्र का ज्ञान प्राप्त करते हैं जो ज्ञान प्राप्त करते समय हमें बड़ा आनंद आता है । विद्यालय में जब खेल का पीरियड आता है तब उस पीरियड में हम सभी एक साथ मिलकर खेलते हैं और आनंद प्राप्त करते हैं । जब पहली बार बच्चे को स्कूल पढ़ने के लिए भेजा जाता है तब उस बच्चे की देख रेख शिक्षक के द्वारा की जाती है ।

जब शिक्षिका के द्वारा बच्चे की देखरेख की जाती है तब वह शिक्षिका उस बच्चे को अपने बच्चे की सामान प्यार करती है और उसको स्कूल में पढ़ाई करना सिखाती है । जब हम विद्यालय की क्लास में बोर्ड पर अपने हाथों से लिखते हैं तब हमें बड़ा आनंद आता है । विद्यालय में जब इतिहास , टेक्नोलॉजी और जनरल नॉलेज की पढ़ाई कराई जाती है तब उस पढ़ाई को करते समय जो आनंद प्राप्त होता है वह आनंद कहीं पर भी प्राप्त नहीं होता है । विद्यालय में कहानी , कविता की किताब को पढ़ते समय बहुत आनंद प्राप्त होता है । कहानी , कविता की किताब पढ़ते समय ऐसा प्रतीत होता है जैसा कि मानो कि दिल खुशी से गदगद होने लगा हो ।

जब हम पुस्तक से कविता पढ़ते हैं और उस कविता को याद करके सभी को सुनाते हैं तब जो आनंद प्राप्त होता है वह आनंद कहीं पर भी प्राप्त नहीं हो सकता है । जब हम विद्यालय की क्लास में अपनी कॉपी में किसी सवाल को हल करते हैं और वह सवाल हम हल कर लेते हैं तब हमें बड़ा आनंद आता है । विद्यालय में पढ़ते समय हमारा ध्यान सिर्फ और सिर्फ ज्ञान प्राप्त करने में लगता है और हमें बड़ा आनंद प्राप्त होता है जो आनंद किसी भी क्षेत्र में प्राप्त नहीं हो सकता है । विद्यालयों का निर्माण व्यक्ति के जीवन में ज्ञान का उजाला करने के उद्देश्य किया गया है ।

जब हम ज्ञान प्राप्त करने के उद्देश्य से विद्यालय जाते हैं तब विद्यालय में जो पढ़ाई करते हैं उस पढ़ाई से हमें ज्ञान प्राप्त होता है और हम उस ज्ञान का उपयोग जीवन को सफल बनाने के लिए करते हैं । ज्ञान ही व्यक्ति के जीवन का पहला पड़ाव होता है । ज्ञान से हम हर सफलता की ऊंचाई को छू सकते हैं इसलिए विद्यार्थी को विद्यालय में पढ़ते समय जो आनंद आता है वह आनंद कहीं से भी प्राप्त नहीं हो सकता है ।

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