स्वरोजगार पर निबंध Essay on self employment in hindi
swarojgar pragati ki aur essay in hindi
स्वरोजगार का अर्थ है की हम सभी अपना उद्योग लगाकर अपना विकास कर सकें। हमारे देश की सबसे बड़ी समस्या महंगाई और बेरोजगारी है बढ़ती हुई जनसंख्या के कारण हमारे देश में सरकारी नौकरियां कम होती जा रही हैं जिससे बेरोजगारी का मुद्दा सबसे बड़ा मुद्दा बन गया है इस मुद्दे को खत्म करने के लिए हमको स्वयं का उद्योग लगाकर अपने साथ साथ कई लोगों को रोजगार देकर अपने देश की बेरोजगारी को खत्म करना है ।

हम अगर चाहे तो अपना खुद का उद्योग लगा सकते हैं जैसे कि पापड़ उद्योग , अचार उद्योग ऐसे कई प्रकार के उद्योग हैं जिसमें हम थोड़ी लागत लगा कर उद्योग चालू कर सकते हैं और अपने साथ साथ कई लोगों को भी रोजगार दे सकते हैं । जब तक हम सिर्फ नौकरियों के भरोसे पर रहेंगे तब तक हमारा जीवन अंधकारमय रहेगा क्योंकि सरकारी नौकरियां कम होती जा रही है । सरकार इस बढ़ती हुई जनसंख्या के कारण सभी को सरकारी नौकरियां नहीं दे सकती और हमारे देश में बेरोजगारी की समस्या दिन प्रतिदिन बढ़ती जा रही है अगर बेरोजगारी की समस्या को खत्म करना है तो हम सभी को अपना खुद का उद्योग लगाकर रोजगार करना चाहिए ।
देश में कई लोग ऐसे भी हैं जिन्होंने स्वयं का रोजगार करके अपने जीवन को बड़े पैमाने पर ले जाकर विकास का परचम लहराया है और वह व्यक्ति आज तरक्की की ऊंचाइयों पर पहुंच गए हैं । स्वयं का रोजगार छोटा या बड़ा नहीं होता बस उसको करने का हुनर हमारे पास होना चाहिए और उसको पूरी मेहनत के साथ और पूरी योजना के साथ करना चाहिए ।
जब हम खुद का उद्योग लगाकर काम करते हैं तो हमारे बाद हमारे बच्चों को भी उद्योग के माध्यम से रोजगार मिलता है क्योंकि उद्योग लगाकर हम कई सारी समस्याओं को खत्म कर सकते हैं। अगर हमको हमारा और हमारे परिवार का विकास करना है तो स्वयं का रोजगार करने की आवश्यकता है । जब तक हम स्वयं का रोजगार नहीं करेंगे तब तक हम अपने सपनों को पूरा नहीं कर सकते ।
हमारे देश में कई योजनाएं भी स्वरोजगार को बढ़ावा देने के लिए चलाई जा रही है जिसमें सरकार लोन देकर सहायता करती है उस लोन के माध्यम से हम अपना स्वयं का कोई रोजगार कर सकते हैं और राज्य की सरकार उस लोन का ब्याज भरती है । हम लोन के माध्यम से अपने व्यवसाय को सफलता की ओर ले जा सकते हैं और हमको लोन के माध्यम से सफलता पाने का मौका मिलता है । कई लोग इस योजना के माध्यम से लाभ ले भी रहे हैं.
गांवों मैं कई लोग इस योजना के माध्यम से मत्स्य पालन , मुर्गी पालन करके अपने और अपने परिवार का जीवन यापन कर रहे हैं । जिंदगी में अगर सफल होना है तो हमको पूरी योजना के साथ स्वयं का कुछ काम करना आवश्यक है जब तक हम स्वयं का कोई काम नहीं करेंगे तब तक दूसरों के भरोसे हमारी जिंदगी को बर्बाद करते रहेंगे ।
कुछ लोग स्वयं का कार्य करने के लिए चाय का ठेला लगाकर 200 से ₹300 प्रतिदिन कमाकर अपने और अपने परिवार का जीवन यापन करते हैं तो कुछ लोग समोसा , कचोरी , पकौड़ी का ठेला लगाकर अपना जीवन यापन करते है और कुछ लोग बाजार में कई तरह की दुकानें भी खोल कर अपना कार्य शुरू करते हैं यह लोग दूसरों के ऊपर निर्भर ना रहके अपना स्वयं का रोजगार करके रोजी रोटी कमाकर अपने और अपने परिवार की जरूरतों को पूरा करते हैं ।
स्वरोजगार के लिए हमारे देश में सरकार की तरफ से प्रशिक्षण भी दिया जाता है जिससे हम रोजगार करने के तरीके सीख सकते हैं और अपना रोजगार लगा सकते हैं । जो व्यक्ति स्वरोजगार की ट्रेनिंग लेकर व्यवसाय करता है वह अपनी जिंदगी में बहुत तरक्की करता है और उस व्यक्ति को दूसरों के सहारे की आवश्यकता नहीं होती है क्योंकि वह स्वयं का कुछ रोजगार करता है । सरकार के माध्यम से ट्रेनिंग देकर बैंक के माध्यम से लोन दिलाकर युवाओं की मदद की जाती है जिससे वह आगे बढ़ सके ।
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