भारतीय मुद्रा पर निबंध essay on indian currency in hindi

essay on indian currency in hindi

दोस्तों आज हम आपको भारतीय रुपया के बारे में बताने जा रहे हैं . चलिए अब हम इस लेख के माध्यम से भारतीय मुद्रा के बारे में पढ़ेंगे .

भारतीय रुपया भारत की राष्ट्रीय मुद्रा होती है . भारत में भारतीय मुद्रा को रिजर्व बैंक जारी करता है . भारतीय मुद्रा में पहले ‘रु’ , Re , Rs ,RP  अंको के आगे अंकित किया जाता था लेकिन 15 जुलाई 2010 को यह चिन्ह बदल दिया गया और नया चिन्ह भारतीय करेंसी में  ₹ आने लगा है . भारत के सभी नोटों पर ₹ यही चिन्ह आता है . इस चिन्ह की डिजाइन आई आई टी गुवाहाटी के प्रोफेसर उदय कुमार ने की थी . भारत के राष्ट्रीय मुद्राओं में रुपया शब्द संस्कृत से लिया गया है . रुपया का अर्थ होता है चांदी  .

essay on indian currency in hindi
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हमारे भारत देश में रुपया का प्रचलन शेर शाह सूरी के शासनकाल से किया जा रहा है . यह कहा जाता है कि शेरशाह सूरी ने अपने शासनकाल में रुपयों का प्रचलन चालू किया था . शेरशाह सूरी ने 1540 को एक सिक्का बनाया था . वह सिक्का चांदी का बनाया था जिसका नाम रुपया रखा था . इस सिक्के का बजन  178 ग्रेन था . शेरशाह सूरी ने दूसरा सिक्का तांबे का बनाया था जिस सिक्के का नाम दाम रखा था . शेरशाह सूरी ने तीसरा सिक्का सोने का बनाया था जिस सिक्के का नाम मोहर रखा था . यह तीनों सिक्के शेरशाह सूरी के शासन काल में प्रारंभ हुए थे . रुपया शेरशाह सूरी के शासनकाल से आज तक भारत में  प्रचलन है .

प्राचीन समय में भारत में पैसों को नया पैसे के नाम से भी जानते थे . हमारे देश में करेंसी का इतिहास बहुत पुराना माना जाता है . यह कहा जाता है कि भारत में 2500  साल से करेंसी चल रही है . राजा महाराजाओं के राज में भी यह करेंसीया चलती थी . 1917 में भारतीय ₹1 = $13 के बराबर था . जब हमारा देश अंग्रेजो की गुलामी से आजाद हुआ तब 1947 में ₹1 = $1 के बराबर कर दिया गया था  जिसके कारण भारत पर अधिक कर्ज बढ़ने लगा था . इंदिरा गांधी ने भारत पर बढ़ते हुए कर्ज को कम करने के लिए रुपए की कीमत को घटाने का फैसला किया था .

जब रुपए की कीमत घटाई गई तब से आज तक रुपए की कीमत में निरंतर गिरावट आती रहती है . हमारे भारत में एक रुपए को 100 पैसे से आंका जाता है . पुराने समय में एक रुपए को सोलह आने से आंका जाता था . हमारे भारत देश कि आरबीआई ने 1938 को ₹5 की पेपर करेंसी पहली बार छापी थी . 1947 को हमारा देश अंग्रेजों से आजाद हुआ था आजाद होने के बाद सिक्के तांबे के बनाए गए थे . यह कहा जाता है कि 1964 में सिक्के  एल्युमीनियम के छपने लगे थे . इसके बाद 1988 को भारतीय सिक्के stainless-steel के छपने लगे  थे . भारत में आरबीआई के द्वारा 500 का नोट 1987 को प्रचलन में लाया गया था .

भारत में आरबीआई के द्वारा 1000 का नोट सन 2000 में लाया गया था . भारतीय करेंसी के पुराने 500 और 1000 के नोट  2016 में बंद कर दिए गए थे  और 500 का नोट , 2000 का नया नोट प्रचलन में लाया गया था . भारत के रिजर्व बैंक ने ₹75 का सिक्का , ₹100 का सिक्का और एक  हजार रुपए का सिक्का भी छाप  लिया है लेकिन अभी इन सिक्कों को प्रचलन में नहीं लाया गया है . भारतीय करंसी में 10 के सिक्के को बनाने के लिए 6.10 रुपए का खर्चा आता है . भारत के अलावा यह रुपया नेपाल , श्रीलंका , पाकिस्तान , इंडोनेशिया , मॉरीशस आदि देशों में भी प्रचलन में हैं . भारत देश में प्रतिवर्ष आरबीआई दो हजार करोड़ रुपए  की करेंसी छापती है .

₹10 का नोट छापने में 1.01 रुपए का खर्चा आता है  , ₹20 का नोट छापने में ₹1 का खर्चा आता है , ₹50 का नोट छापने में 1.01 रुपए का खर्चा आता है . ₹100 का नोट छापने में 1.05 रुपए का खर्चा आता है . ₹500 का नोट छापने में 2.57 रुपए का खर्चा आता है . ₹2000 का नोट छापने में 4.18 रुपए का खर्चा आता है .

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