बीसलपुर बांध का इतिहास Bisalpur dam history in hindi

Bisalpur dam history in hindi

Bisalpur dam – दोस्तों आज हम आपको इस बेहतरीन आर्टिकल के माध्यम से बीसलपुर बांध के इतिहास के बारे में बताने जा रहे हैं । चलिए अब हम आगे बढ़ते हैं और इस लेख को पढ़कर बिलसपुर बांध के बारे में जानते हैं ।

Bisalpur dam history in hindi
Bisalpur dam history in hindi

Image source – https://en.m.wikipedia.org/wiki/Bisalpur_Dam

बिलसपुर बांध के बारे about bisalpur dam in hindi- भारत देश के राजस्थान राज्य के टोंक जिले में यह बिलसपुर बांध स्थित है । यह बीसलपुर बांध टोंक जिले की बनास नदी पर बनाया गया है । इस बीसलपुर बांध के निर्माण के पीछे दो महत्वपूर्ण तथ्य थे ।पहला तथ्य यह था कि वहां के आसपास के जिलों एवं गांव में पीने के पानी की समस्या को खत्म करना एवं दूसरा तथ्य यह था कि वहां के आसपास के किसानों को भूमि सिंचित करने के लिए पानी की पूर्ण रूप से व्यवस्था करना  इसीलिए बीसलपुर बांध का निर्माण किया गया था ।

बीसलपुर बांध का निर्माण कार्य शुरू करने का विचार राजस्थान राज्य की सरकार को आया था । राजस्थान राज्य की सरकार ने यह सोचा था कि यदि बीसलपुर बांध का निर्माण करा दिया जाए तो आसपास के जिलों एवं पूरे राज्य के लोगों को पानी की व्यवस्था की जा सकती है ।इसी उद्देश्य से राजस्थान के मुख्यमंत्री  शिवचरण माथुर के द्वारा एवं वहां के सिंचाई मंत्री परसराम मदेरणा जी के द्वारा सन 1985 को बीसलपुर बांध का निर्माण कार्य शुरू करने से पहले शिलान्यास किया गया था ।

राजस्थान की सरकार के द्वारा इस बीसलपुर बांध के निर्माण कार्य को जल्दी से जल्दी पूरा किया जाए इसके लिए राजस्थान सरकार निरंतर काम कर रही थी । राजस्थान की सरकार ने जब उत्साहीकता दिखाई तब 1987 को बीसलपुर बांध का निर्माण कार्य शुरू कर दिया गया था । राजस्थान की सरकार के द्वारा इस बांध को बनाने के लिए साधु सिंह एवं पीसीपीएल कंपनी को ठेका दे दिया था ।  इन्हीं के द्वारा बीसलपुर बांध का निर्माण कार्य पूरा किया गया था ।

राजस्थान के बीसलपुर बांध का निर्माण कार्य 1996 में पूरा हो गया था । जिस बीसलपुर बांध के निर्माण में तकरीबन 825 करो रुपए का खर्चा आया था । जब इस बीसलपुर बांध का निर्माण कार्य पूरा हो गया था तब वहां के आसपास के गांवों एवं शहरों में रहने वाले लोगों को बहुत खुशी हुई थी क्योंकि उनको बीसलपुर  बांध के माध्यम से पानी मिलने वाला था । जो किसान खेतों की सिंचाई के लिए परेशानियों का सामना करता था आज वह अपने खेतों की सिंचाई के लिए बीसलपुर  बांध के माध्यम से पानी प्राप्त करता है ।

बीसलपुर बांध से पानी शहर वासियों को पीने के लिए दिया जाता है । जब इस बीसलपुर बांध का निर्माण कार्य पूरा कर लिया गया था तब वहां के आसपास के शहरों में इस बीसलपुर बांध के माध्यम से पीने के लिए पानी दिया गया था । इस बांध के निर्माण में राजस्थान की सरकार का सबसे महत्वपूर्ण योगदान रहा है क्योंकि राजस्थान सरकार ने  इस बांध को बनाने में जागरूकता दिखाई थी । जब राजस्थान सरकार ने इस बीसलपुर बांध को बनाने में जागरूकता दिखाई तब निरंतर बीसलपुर बांध का निर्माण कार्य चलता रहा और अंत में इस बांध का निर्माण कार्य पूरा कर लिया गया था ।

इस बिलसपुर बांध के निर्माण के बाद वहां के लोगों में खुशी की लहर देखी गई थी ।

बीसलपुर बांध की लंबाई व चौड़ाई के बारे में – बीसलपुर बांध की लंबाई के बारे में यदि हम बात करें तो बीसलपुर बांध की लंबाई तकरीबन 574 मीटर है । इस बीसलपुर बांध की ऊंचाई 39.5 मीटर  है । इस बीसलपुर बांध को ईतना लंबा चौड़ा इसलिए बनाया गया था जिससे कि आसपास के पानी को नदियों के माध्यम से एकत्रित किया जा सके और नदियों से पानी को बीसलपुर बांध के अंदर एकत्रित करके रखा जा सके । जिससे कि जब सिंचाई के लिए वहां के आसपास के लोगों को पानी की आवश्यकता होगी तब इस बीसलपुर बांध के माध्यम से खेती की सिंचाई करने के लिए पानी दिया जा सके ।

जिससे कि किसान बर्बाद ना हो सके और उनकी फसल अच्छी तरह से आबाद हो सके । इसी उद्देश्य से राजस्थान की सरकार ने राजस्थान के टोंक जिले में बीसलपुर बांध बनाने का निर्णय लिया था । राजस्थान सरकार के अथक प्रयासों से इस बीसलपुर बांध का निर्माण हो चुका है और काफी लोगों को इस बीसलपुर बांध के पानी के माध्यम से मदद प्राप्त हुई है ।

बीसलपुर बांध मे बने गेट के बारे में bisalpur dam gate- बीसलपुर बांध में निर्माण के समय तकरीबन 18 गेट बनाए गए थे । जिसके द्वारा बीसलपुर बांध को ओवरफ्लो होने से रोका जाता है । जब अधिक मात्रा में बीसलपुर बांध में पानी एकत्रित हो जाता है तब इन गेटों को खोल दिया जाता है और पानी आगे की ओर बढ़ जाता है । यदि यह गेट नहीं बनाए जाते तो आसपास का क्षेत्र जलमग्न हो जाता और वहां के लोग पानी में डूब जाते , कई घर पानी में डूब जाते जिससे कई लोगों का काफी नुकसान हो जाता ।

इसीलिए बिलासपुर बांध में 18 गेट बनाए गए थे । यदि बीसलपुर बांध के गेटो के साइज की बात करें तो इन गेटो का साइज 15/14 मीटर है जो बहुत ही मजबूत हैं । यह गेट पानी के बहाव को पूरी तरह से रोक कर रखते हैं । जब तक इन गेटों को खोला नहीं जाता तब तक बांध से बाहर पानी नहीं जा सकता है । यह गेट जब खोले जाते हैं तब बीसलपुर बांध में पानी का जलभराव बहुत अधिक हो जाता है और बीसलपुर बांध से पानी बाहर निकलने के कगार पर आ जाता है ।

इन गेटों की लंबाई के बारे में बात करें तो 576 मीटर इन गेटों की लंबाई है । इन गेटों की ऊंचाई समुद्र तल से 322.50 की है जो कि बहुत मजबूत गेट माने जाते हैं ।

बीसलपुर बांध में पानी के जलभराव के बारे में Bisalpur Dam flow of water- बीसलपुर बांध में आसपास से पानी एकत्रित करके रखा जाता है । इस बीसलपुर बांध में तकरीबन 38.708 टीएमसी पानी का जलभराव किया जा सकता है । बरसात के समय में चारों तरफ से पानी इस बीसलपुर बांध में आता है । जब पूरा बीसलपुर बांध पानी से लबालब भर जाता है तब इस बीसलपुर बांध के गेटो को खोल दिया जाता है जिससे कि बांध को खाली किया जा सके । बीसलपुर बांध में गेट की सुविधा उपलब्ध है । यह गेट इसलिए बनाए गए हैं जिससे कि जब आवश्यकता पड़े बांध से पानी आगे की ओर बढ़ा दिया जा सके ।

बीसलपुर बांध के गेट अधिकतर बरसात के समय में खोले जाते हैं क्योंकि अधिक मात्रा में पानी का  जलभराव इस बीसलपुर बांध मे हो जाता हैं जिसके कारण गेट को खोलना पड़ता है जिससे कि बीसलपुर बांध को खाली किया जा सके । यदि बीसलपुर बांध में गेट नहीं लगाए जाते तो पानी के जलभराव के कारण बीसलपुर बांध में से पानी ओवरफ्लो हो जाता और आसपास का एरिया जलमग्न हो जाता । जिससे वहां के आसपास के खेत खलियान पानी से जलमग्न हो जाते और किसानों को काफी नुकसान का सामना करना पड़ता ।

कब-कब बीसलपुर बांध के गेट खोले गए इसके बारे में – जब इस बीसलपुर बांध का निर्माण कार्य पूरा कर लिया गया था तब इस बीसलपुर बांध को भरने की तैयारी की गई थी । आसपास की नदियों को इस बीसलपुर बांध से जोड़ दिया गया था । जिससे कि नदियों के माध्यम से बांध में पानी एकत्रित हो सके । 2004 में जब बीसलपुर बांध पूरी तरह से जलमग्न हो गया था तब इस बिलसपुर बांध को खाली करने के लिए  गेट खोले गए थे । बीसलपुर बांध में जलभराव की जितनी क्षमता है उससे अधिक पानी एकत्रित हो जाने के बाद 2004 में पहली बार बीसलपुर  बांध के गेट खोले गए थे और बांध में से पानी आगे की ओर निकाल दिया गया था ।

इसके बाद 2006 में भी बीसलपुर बांध में अधिक पानी एकत्रित हो जाने पर बीसलपुर बांध के गेट खोले गए थे और इस बीसलपुर बांध में से पानी बाहर निकाल दिया गया था । 2006 के बाद तकरीबन 2014 में बीसलपुर बांध के गेट एक बार फिर से खोले गए थे । इसके बाद 2016 में भी बीसलपुर बांध के गेट खोले गए थे । इस तरह से चार बार बीसलपुर बांध में पानी अधिक मात्रा में एकत्रित हो जाने के कारण बीसलपुर बांध के गेट खोले गए थे और आसपास के इलाकों को जलमग्न होने से बचाया गया था ।

बीसलपुर बांध की नहरों के बारे में About Bisalpur Dam Canals- बीसलपुर बांध में दो मुख्य नहरें भी बनाई गई हैं । एक नहर दाएं तरफ एवं दूसरी नहर बाएं तरफ बनाई गई है । बीसलपुर बांध में दोनों नेहरों को सन 2004 में बना करके पूरा कर लिया गया था । बीसलपुर बांध में स्थित दाएं तरफ की नहर की लंबाई 51 किलोमीटर रखी गई है एवं बाएं तरफ की नहर की लंबाई 18.65 किलोमीटर रखी गई है । इस तरह से बीसलपुर बांध के दोनों तरफ नेहरों का निर्माण कराया गया है ।

बीसलपुर बांध की इन नहरों के माध्यम से पानी किसानों को सिंचाई के लिए  दिया जाता है और किसान इस नहर के माध्यम से पानी लेकर अपने खेतों की सिंचाई करते हैं । बीसलपुर बांध के आसपास के स्थानों का सुंदरीकरण किया गया है । जहां पर कई लोग घूमने के लिए जाते हैं ।

बीसलपुर बांध पर स्थित गोकर्णेश्वर मंदिर के बारे में About Gokarneshwar Temple on Bisalpur Dam- राजस्थान राज्य के टोंक जिले के बनास नदी पर स्थित बांध बिलसपुर बांध पर गोकर्णेश्वर मंदिर स्थित है । जहां पर काफी भक्तगण मंदिर के दर्शनों के लिए जाते हैं और बांध की सुंदरता को देखकर अपने जीवन में आनंद महसूस करते हैं । यदि हम गोकर्णेश्वर मंदिर के निर्माण की बात करें तो इस मंदिर का निर्माण प्राचीन समय में किया गया था । यदि हम इस मंदिर में स्थित शिवलिंग की बात करें तो भारतीय हिंदू ग्रंथों के अनुसार इस शिवलिंग के बारे में ऐसा कहा जाता है की इस शिवलिंग की स्थापना भगवान शिव के परम भक्त दशानन ने की थी ।

रावण ने इस शिवलिंग की स्थापना करके कई समय तक वहां भगवान शिव की पूजा आराधना की थी और भगवान शिव को प्रसन्न किया था । भगवान शिव ने रावण को दर्शन दिए थे और रावण ने भगवान शिव जी से वरदान मांगा था । जब रावण ने भगवान शिव जी से वरदान मांगा तब भगवान शिव जी ने रावण को वरदान दिया था । इसीलिए वहां पर गोकर्णेश्वर मंदिर का निर्माण कराया गया था और काफी भक्ति गण वहां पर भगवान शिव जी के दर्शनों के लिए जाते हैं ।

वहां के आसपास के लोगों का यह कहना है कि जो भी व्यक्ति इस गोकर्णेश्वर मंदिर के दर्शनों के लिए आता है वह भगवान शिव जी से सुख शांति और समृद्धि प्राप्त करता है । सबसे प्राचीन मंदिर होने के कारण काफी दूर-दूर से पर्यटक वहां पर मंदिर के दर्शनों के लिए जाते हैं । यह गोकर्णेश्वर मंदिर बिलसपुर बांध की सुंदरता को और भी चार चांद लगा देता है । यह बिलसपुर बांध  त्रिवेणी संगम पर बनाया गया है । जिससे इस बिलसपुर बांध की सुंदरता  और भी अच्छी लगने लगती है ।

काफी पर्यटक इस बिलसपुर बांध को देखने के लिए , इस गोकर्णेश्वर मंदिर के दर्शनों के लिए आते हैं और अपने जीवन में आनंद ही आनंद प्राप्त करते हैं ।

बीसलपुर बांध के माध्यम से राजस्थान राज्य की पानी की समस्या के निराकरण के बारे में – राजस्थान की राज्य सरकार ने इस बिलसपुर बांध के माध्यम से पूरे प्रदेश में पानी की समस्या का निराकरण करने का विचार बनाया था । इसी उद्देश्य से राज्य की सरकार ने तकरीबन 77 प्रोजेक्ट इस बांध को लेकर के शुरू किए हैं और जल्द से जल्द यह सभी प्रोजेक्ट पूरे हो जाएंगे । राजस्थान राज्य की जनता को इन सभी प्रोजेक्ट की सहायता से मदद प्राप्त हो सकेगी ।

राजस्थान की जनता पानी की समस्या से पूरी तरह से बाहर निकले इसके लिए राजस्थान की सरकार ने बिलसपुर बांध पर 77 प्रोजेक्ट पूरे करने का संकल्प लिया है । यह सभी प्रोजेक्ट जल्द से जल्द पूरे हो इसके लिए राजस्थान की सरकार ने केंद्र की सरकार के पास तकरीबन 58 हजार करोड़ रुपए का प्रोजेक्ट तैयार करके केंद्र सरकार के पास भेजा है । जिससे कि केंद्र सरकार इस प्रोजेक्ट को पास करें और इस बांध के सभी प्रोजेक्ट पूरे किए जाएं । जिससे कि राजस्थान राज्य के लोगों की पानी की समस्या हल हो सके और राजस्थान के कई जिलों एवं गांव में रहने वाले किसानों को सिंचाई के लिए पानी की उचित व्यवस्था की जाए ।

इस प्रोजेक्ट में राजस्थान एवं देश के कई राज्यों से नदियों को इस बांध से जोड़ने का प्रोजेक्ट भी राज्य की सरकार के द्वारा बनाया गया है । जिससे कि आसपास के क्षेत्रों से पानी एकत्रित करके इस बांध में जलभराव किया जाएगा । जब किसानों को , जनता को इस पानी की आवश्यकता होगी तब नेहरो के माध्यम से उन सभी लोगों तक इस पानी को पहुंचाया जाएगा । इस तरह से राजस्थान राज्य की सरकार ने लोगों की भलाई के लिए , लोगों की पानी की समस्या को हल करने के लिए बिलसपुर बांध का निर्माण कराया था ।

बिलसपुर बांध मे अधिक सुविधा के माध्यम से पानी एकत्रित करके लोगों को पानी की समस्या से निजात दिलाने के लिए सरकार के द्वारा यह कदम उठाए गए हैं और यह सही भी है । जब पानी की कमी के कारण राजस्थान राज्य के किसानों की फसल बर्बाद होती है तब किसानों की मेहनत बेकार चली जाती है और वह बर्बाद हो जाते हैं जिसके कारण किसान को आत्महत्या करना पड़ता है ।

इसी उद्देश्य से राज्य की सरकार ने वहां पर बिलसपुर बांध बनाने का निर्णय लिया था । जिससे कि किसानों की मदद की जाए , वहां पर रहने वाले लोगों की मदद की जाए । जब बिलसपुर बांध का निर्माण नहीं हुआ था तब वहां के लोग पीने के पानी को भरने के लिए काफी दूर तक पैदल चलकर जाते थे और बड़ी कठिनाइयों के साथ पानी भर कर लाते थे । 1996 में जब इस बिलसपुर बांध का निर्माण कार्य पूरा कर लिया गया था तब पाइप लाइनों के माध्यम से सभी जिलों एवं आसपास के इलाकों में इस बांध के माध्यम से पानी लोगों तक पहुंचाया गया था ।

जब किसानों को खेती की सिंचाई के लिए पानी की आवश्यकता होती हैं तब इस बिलसपुर बांध के माध्यम से किसानों के खेतों तक पानी पहुंचाया जाता हैं । इस तरह से किसानों के लिए एवं राज्य की जनता को पानी पीने के लिए बिलसपुर बांध बनाया गया था । सरकार के अथक प्रयासों के बाद , केंद्र सरकार के अथक प्रयासों के बाद बिलसपुर बांध का निर्माण कार्य पूरा कर लिया गया था और सभी लोगों की पानी की समस्या को पूरी तरह से खत्म कर दिया गया था ।

इस बिलसपुर बांध के माध्यम से  तकरीबन जिले की 81800 हेक्टेयर भूमि  पानी से सिंचित की जाती है । पहले जब यह बांध नहीं था तब सूखा पड़ जाने के कारण किसानों की फसलें नष्ट हो जाती थी और वह आत्महत्या करने के लिए मजबूर हो जाते थे ।बिलसपुर बांध के निर्माण के बाद किसानों की समस्या का समाधान हुआ है । किसानों ने अपनी फसल के माध्यम से काफी धन कमाया है । पहले किसान नुकसान में जाते थे अब किसान खेती के माध्यम से अपनी रोजी-रोटी प्राप्त करके अपना जीवन खुशी के साथ जीते हैं ।

यह सब बिलसपुर बांध के निर्माण के बाद ही हुआ है । जब केंद्र की सरकार 58000 करोड़ रुपए का प्रोजेक्ट मंजूर कर देगी तब  राजस्थान ही नहीं बल्कि आसपास के राज्यों की भी पानी की समस्या हल हो जाएगी । जो लोग पानी की समस्या से जूझ रहे हैं , पानी की समस्या के कारण दूर-दूर तक भटकते रहते हैं  उनको अब भटकने की आवश्यकता नहीं है क्योंकि बिलसपुर बांध के माध्यम से सभी को पानी दिया जा रहा है ।

राजस्थान के टोंक जिले में स्थित बिलसपुर बांध सूखने की कगार पर – राजस्थान के टोंक जिले में स्थित बिलसपुर बांध पानी की कमी के कारण सूखने की कगार पर आ गया है । सन 2010 में बिलसपुर बांध पानी की कमी के कारण पूरी तरह से सूख गया था क्योंकि इस बिलसपुर बांध में इतना पानी एकत्रित नहीं हो पाता हैं जितने पानी की आवश्यकता होती है । लोगों को प्रतिदिन पीने के लिए पानी इस बांध के माध्यम से दिया जाता है । खेती के समय इस बांध से पानी किसानों को सिंचाई करने के लिए दिया जाता है ।

जब गर्मियों के समय में पानी की कमी होती है तब यह बांध पूरी तरह से सूख जाता है । यह बांध सन 2010 में पूरी तरह से सूख गया था । जब भी इस बांध के सूखने की नौबत आती है तब तकरीबन 3116 गांव के लोगों की मुसीबत बड़  जाती है क्योंकि 3116 गांव एवं कई जिलों में इस बांध के माध्यम से पीने के लिए पानी दिया जाता है ।

बांध के सूखने की समस्या का समाधान करने के लिए राजस्थान राज्य की सरकार ने वहां के आसपास के नदियों , तालाबों को बांध से जोड़ने का निर्णय लिया है जिससे कि बरसात के समय तालाबों , नदियों से पानी बहकर इस बांध में आ जाए और पानी को एकत्रित करके रख लिया जाए । जब किसानों को खेतों की सिंचाई के लिए पानी की आवश्यकता हो तब इस बांध के माध्यम से किसानों को पानी दे दिया जाए और वह खेतों की सिंचाई करके अपनी फसल को बर्बाद होने से बचा सकें ।

इस बांध के निर्माण के बाद राजस्थान राज्य की सरकार ने चैन की सांस ली है क्योंकि प्रतिवर्ष की यही समस्या थी पीने के लिए लोगों को दर-दर भटकना पड़ता था , किसानों को फसलों की सिंचाई के लिए बारिश पर निर्भर रहना पड़ता था । यदि बारिश नहीं होती थी तो किसानों की फसलें पूरी तरह से बर्बाद हो जाती थी जिससे किसान दुखी हो जाता था । कई बार तो किसान को भूखा भी रहना पड़ जाता था ।

राजस्थान की सरकार ने किसानों के लिए , लोगों के लिए यह महत्वपूर्ण फैसला लिया इसकी हमें सराहना करनी चाहिए क्योंकि राजस्थान की सरकार के द्वारा यह सबसे अच्छा और महत्वपूर्ण फैसला लिया गया था । जिस फैसले के कारण राजस्थान सरकार के द्वारा राजस्थान राज्य के लोगों की पानी की समस्या हल की गई थी , राजस्थान के किसानों की समस्या हल की गई थी ।

राजस्थान के टोंक जिले में बनास नदी पर स्थित बीसलपुर बांध पर्यटकों के लिए मन मोह लेने वाला बांध – राजस्थान राज्य के टोंक जिले की बनास नदी पर स्थित बिलसपुर बांध दर्शनीय है । यहां पर काफी पर्यटक घूमने के लिए आते हैं , पिकनिक मनाने के लिए आते हैं । इस बिलसपुर बांध पर शंकर भगवान का एक प्राचीन मंदिर भी है । जहां पर लोग दर्शनों के लिए आते हैं । देश से ही नहीं बल्कि विदेशों से भी कई पर्यटक इस बिलसपुर बांध की सुंदरता को देखने के लिए आते हैं । राजस्थान में स्थित बिलसपुर बांध की सुंदरता देखने के लायक है ।

इस बिलसपुर बांध के आसपास की सुंदरता भी देखने के लायक है । मंदिर के कारण इस बिलासपुर बांध की सुंदरता में चार चांद लग जाते हैं । कई पर्यटक अपनी फैमिली के साथ वहां पर आकर पिकनिक मनाते हैं क्योंकि यह बांध शांत इलाके में बनाया गया है । वहां पर जाकर पिकनिक मनाने पर शांति प्राप्त होती है और हमारे जीवन में आनंद ही आनंद आता है । बांध का निर्माण पानी की समस्या का समाधान करने के लिए किया गया था लेकिन बांध के निर्माण के बाद कई तरह की समस्याओं का निराकरण हुआ है ।

पानी की समस्या का समाधान तो हुआ ही है इसके साथ साथ वहां पर पर्यटकों को  घूमने का एक सुंदर स्थान प्राप्त हुआ है । जो भी पर्यटक बिलसपुर बांध घूमने के लिए जाता है वह शंकर भगवान के मंदिर के दर्शनों के लिए अवश्य जाता है । बिलसपुर बांध पर स्थित शंकर भगवान का मंदिर सबसे प्राचीनतम मंदिर है और इस मंदिर से वहां के आसपास के लोगों की आस्था जुड़ी हुई है ।

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