जागेश्वर मंदिर का इतिहास history of jageshwar temple almora in hindi

history of jageshwar temple almora in hindi

दोस्तों आज हम आपके लिए लाए हैं उत्तराखंड के जागेश्वर मंदिर के बारे में

जागेश्वर मंदिर जो की बहुत ही प्रसिद्ध मंदिर है जोकि आठवां ज्योतिर्लिंग माना जाता है तो चलिए जागेश्वर मंदिर के बारे में विस्तृत जानकारी पढ़ते हैं-
भगवान सदाशिव के 12 ज्योतिर्लिंग में से आठवां ज्योतिर्लिंग जागेश्वर भगवान का यह ज्योतिर्लिंग माना जाता है।

history of jageshwar temple almora in hindi
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image source-https://commons.wikimedia.org/wiki/File:Jageshwar_Mandir.jpg

जागेश्वर मंदिर कहां स्थित है– जागेश्वर मंदिर उत्तराखंड के तीर्थ स्थलों में से एक है, यह देवदार के जंगलों के बीच में है। देवदार के जंगल अल्मोड़ा जिले से करीब 38 किलोमीटर दूर हैं।

जागेश्वर मंदिर के बारे में– जागेश्वर मंदिर 125 मंदिरों का समूह है, इन 125 मंदिरों में कुछ मंदिर ऐसे हैं जो काफी प्रमुख हैं इन मंदिरों में कुबेर मंदिर, सूर्य मंदिर, महादेव मंदिर, चंडीका मंदिर, नौ दुर्गा मंदिर, महामंडल मंदिर आदि हैं। जागेश्वर मंदिर में जिस तरह की वास्तुकला हमें देखने को मिलती है वास्तव में वह प्रशंसनीय है। मंदिर की सुंदरता हम सभी को एक बार देखने के लिए जरूर जाना चाहिए।

यह मंदिर बड़े-बड़े पत्थरों से बना हुआ है इस मंदिर के बारे में लोगों का मानना है कि यह मंदिर पांडवों ने बनवाया था लेकिन कई लोग ऐसा भी मानते हैं कि इस मंदिर का निर्माण चंद शासकों एवं कत्यूरी राजाओं ने करवाया था। इन मंदिरों के निर्माण की अवधि को कई भागों में बांटा गया है इन भागों में कत्यरी काल, उत्तर कत्यूरी काल औऱ चंद्रकाल हैं। इस जागेश्वर मंदिर में गुप्त साम्राज्य की झलक भी देखने को मिलती है।

पहले के समय में वहां के राजाओं ने जागेश्वर मंदिर में तो कई मंदिरों का निर्माण किया ही था साथ में उन्होंने अल्मोड़ा जिले मैं भी कई मंदिरों का निर्माण किया जो काफी प्रसिद्ध हैं।

मनोकामना पुरी करने वाला मंदिर– जागेश्वर मंदिर एक ऐसा मंदिर माना जाता है जहां पर मनोकामनाएं पूरी की जाती हैं जिसकी वजह से इसका दुरुपयोग किया जाता था। आठवीं शताब्दी में आदि शंकराचार्य जी इस स्थान पर आए और उन्होंने इस स्थान का इस तरह से दुरुपयोग करने पर रोक लगाई। अब इस स्थान पर केवल उन्हीं लोगों की मनोकामना पूरी होती हैं जो यज्ञ एवं अनुष्ठान करते हैं एवं दूसरों के प्रति अच्छे विचार रखते हैं। जो व्यक्ति दूसरों के प्रति बुरे भाव रखता है ऐसे लोगों की मनोकामना पूरी नहीं होती है।

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