अपने लिए जिए तो क्या जिए पर निबंध Apne liye jiye to kya jiye essay in hindi

Apne liye jiye to kya jiye essay in hindi

दोस्तों कैसे हैं आप सभी, आज का हमारा आर्टिकल अपने लिए जिए तो क्या जिए पर निबंध है। हमारा यह लेख काफी प्रेरणादायक है जो इंसान को एक सही रास्ते पर चलने का तरीका बताता है। आप हमारा यह आर्टिकल पढ़कर अपने विषय की अच्छी तैयारी कर सकते हैं तो चलिए पढ़ते हैं इस निबंध को

Apne liye jiye to kya jiye essay in hindi
Apne liye jiye to kya jiye essay in hindi

हममें से ज्यादातर लोग अपने लिए जीते हैं लेकिन वास्तव में सिर्फ अपने लिए जीना सही नहीं है हम इंसान हैं हमें दूसरों के लिए जीवन जीना चाहिए। सिर्फ अपने लिए जीना कोई जीना नहीं है हमें कुछ समय दूसरों के लिए भी देना चाहिए तभी हम जीवन के उद्देश्य को पूरा कर सकते हैं। आज हम देखें तो हमारे इस वातावरण में कई पेड़ पौधे हैं जो निस्वार्थ भाव से दूसरों को छाया प्रदान करते हैं, दूसरों को ऑक्सीजन देते हैं। ऑक्सीजन की वजह से हम जीवित रहते हैं इसी तरह बादल भी हमें निस्वार्थ भाव से पानी बरसाते है, नदियों के द्वारा पानी प्राप्त होता है।

नदी निस्वार्थ भाव से दूसरों की मदद करती है, वह दूसरों के लिए ही होती है। हम सभी को निस्वार्थ भाव से दूसरों की मदद करनी चाहिए यही एक सच्चे इंसान का कर्तव्य है। आजकल के इस आधुनिक युग में पर्यावरण में कई तरह की विकृतियां देखने को मिलती हैं कभी कभी गर्मी इतनी तेज पड़ती है जिस वजह से पशु पक्षी पानी के बगैर रहते हैं और तड़पते रहते हैं ऐसे पशु पक्षियों की हमें मदद करना चाहिए। हमें अपने घर के बहार या अपने घर की छतों पर पशु पक्षियों के लिए पानी की व्यवस्था करनी चाहिए यह हमारा कर्तव्य है ताकि पशु पक्षी अपने जीवन को सही तरह से जीवन जी सकें।

हमारे भारत देश की इस भूमि पर कई ऐसे महान लोग हुए हैं जिन्होंने अपना जीवन अपने लिए नहीं बल्कि दूसरों के लिए जिया है उन्होंने यह कहा है कि अपने लिए जिए तो क्या जिए। उनके हिसाब से सिर्फ अपने लिए जीवन जीना कोई जीवन नहीं होता।कई ऐसे महान लोग जैसे कि महात्मा गांधी, सरदार वल्लभ भाई पटेल जी जिन्होंने अपने भारत देश को स्वतंत्र करवाने के लिए जीवन जिया, उनका पूरा जीवन दूसरों के लिए समर्पित था इसके अलावा हमारे भारत देश में कई महान हस्तियों ने दूसरों के लिए अपना जीवन कुर्बान कर दिया है।

महादानी कर्ण जिनको हम दानवीर कर्ण कहते हैं वह हमेशा दूसरों की मदद किया करते थे, अपना कुछ भी दान करने से नहीं चूकते थे, दूसरों की मदद करना वह अपना सबसे बड़ा कर्तव्य समझते थे। हम सभी मनुष्य हैं भगवान ने हमें सोचने समझने की क्षमता दी है। हम सभी को जीव-जंतुओं एवं अन्य की मदद करना चाहिए। जीव जंतु तो ऐसे होते हैं जिनमें ज्यादा सोचने समझने की क्षमता नहीं होती जिससे वह दूसरों की मदद नहीं कर पाते लेकिन वास्तव में मनुष्य दूसरों की मदद कर सकता है वह दूसरों के काफी काम आ सकता है।

जो भी दूसरों की मदद करता है, दूसरों की मदद के लिए हमेशा तैयार रहता है वह इंसान देश दुनिया में काफी कुुुछ करता है, लोग उनका बड़ा सम्मान करते हैं इसलिए हम सभी को समझने की जरूरत है कि हम सिर्फ अपने लिए नहीं हम दूसरों के लिए भी जीवन जिए, दूसरों के लिए ही कुछ काम करें तभी हमारा जीवन सार्थक सिद्ध हो सकता है।

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