आरक्षण कितना उचित कितना अनुचित पर निबंध aarakshan kitna uchit kitna anuchit essay in hindi

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दोस्तों आज हम आपको इस आर्टिकल के माध्यम से यह बताने जा रहे हैं कि आरक्षण कितना उचित है और कितना अनुचित है । चलिए अब हम आगे बढ़ते हैं और आरक्षण के बारे में पढ़ते हैं । आरक्षण को कई भागों में विभाजित किया गया है । आरक्षण जाति के आधार पर दिया जाता है तो कहीं धर्म के आधार पर । अब हम सबसे पहले यह जानते हैं की जाति के आधार पर आरक्षण देना कितना सही है और कितना गलत है ।

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सबसे पहले हमें यह जानने की आवश्यकता है कि जाति के आधार पर आरक्षण कब प्रारंभ किया गया था और यह क्यों किया गया था । प्राचीन समय में जाति एवं धर्म को चार भागों में विभाजित किया गया था । जिसका प्रमाण ग्रंथों में भी किया गया है।  अब यह 4 भाग कौन-कौन से हैं यह हम जानते हैं । प्राचीन समय की ब्राह्मण , वैश्य , क्षत्रिय और शूद्र यह 4 व्यवहारिक रूप से जातियां होती थी । अब हम चार जातियों के बारे में बात करें तो प्रथम श्रेणी से लेकर तृतीय श्रेणी की जो जातियां थी वह अपना जीवन सुरक्षित और सही ढंग से जीते थे ।

उनको सभी अधिकार प्राप्त थे  लेकिन शूद्र जाति में दलित मजदूर व्यक्ति होते थे । जिनको शिक्षा प्राप्त करने का अधिकार नहीं होता था । जब यह देखा गया कि दलित वर्ग के लोगों के साथ अन्याय किया जा रहा है , उनको अधिकार नहीं दिए जा रहे हैं तब भारत सरकार के द्वारा जाति के आधार पर आरक्षण दिया जाने लगा था । वह दलित लोग जो पिछड़ रहे थे उनको सामान्य वर्ग के व्यक्ति तक लाया गया है ।आज दलितों की बात करें तो पिछले समय में इनको आरक्षण देना उचित था ।

जिससे दलितों के ऊपर जो अत्याचार किए जा रहे थे उनमें कमी आए । आरक्षण के बाद  दलित  के ऊपर  जो अत्याचार किए जाते थे उसने कमी हुई है , दलित वर्ग के लोग आगे बढ़े हैं । मैं यह कहना चाहता हूं कि जाति के आधार पर आरक्षण देना आज के समय में ठीक नहीं है , अनुचित है । आज सभी लोग आगे बढ़ना चाहते हैं और सभी को मौका मिलना चाहिए । सभी को अच्छा जीवन जीने का समान अधिकार होना चाहिए । आज के समय में आरक्षण जाति के आधार पर नहीं होना चाहिए ।

अब हम बात करें शिक्षा की तो शिक्षा के क्षेत्र में जो आरक्षण दिया जाता है वह बहुत ही अनुचित है क्योंकि शिक्षा एक ऐसा साधन है जिससे देश का विकास  होता है ।  शिक्षा के क्षेत्र में भी जाति धर्म के आधार पर आरक्षण दिया जाता है । जिससे जो व्यक्ति देश के विकास में अपना योगदान दे सकता है आरक्षण के कारण पिछड़ जाता है और जो व्यक्ति अपना योगदान देने में समर्थ नहीं होता है आरक्षण के आधार पर आगे आ जाता है । जिससे देश के विकास में बाधाएं उत्पन्न होती है ।

शिक्षा के क्षेत्र में आरक्षण नहीं होना चाहिए क्योंकि शिक्षा प्राप्त करने का सभी को  समान अधिकार होता है । मैं यह कहना चाहता हूं कि जो विकलांग होते हैं उनको आरक्षण देना उचित है ।अब हम बात करते हैं महिलाओं के लिए जो आरक्षण दिया जाता है वह कितना उचित है और कितना अनुचित है । हम प्राचीन समय से देखते आ रहे हैं कि महिला का सम्मान किया जाता रहा है । ग्रंथों में भी महिलाओं का सम्मान किया जाता रहा है । जैसे जैसे समय बीतता गया महिलाओं पर अत्याचार बढ़ते चले गए ।

कई प्रथाएं महिलाओं के ऊपर लाद दी गई थी । जैसे कि पर्दा प्रथा , सती प्रथा , बाल विवाह , महिला को मारना , महिलाओं पर अत्याचार करना , महिलाओं से गलत शब्द बोलना यह सब देखते हुए भारत सरकार ने महिलाओं के पक्ष में एक आरक्षण देने की बात की गई थी और महिलाओं के हित में यह आरक्षण प्रारंभ किया गया था ।

महिलाओं के हित में यह आरक्षण प्रारंभ करके महिलाओं के जीवन को सफल बनाया है । महिलाओं को ऊंचाइयों तक पहुंचाने के लिए जो आरक्षण बनाया था वह आरक्षण सफल रहा है । मैं तो यही कहूंगा कि कुछ आरक्षण उचित हैं तो कुछ अनुचित इसमें बदलाव सरकार के द्वारा किया जाना चाहिए ।

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