बरगद के पेड़ की आत्मकथा Bargad ke ped ki atmakatha
Bargad ke ped ki atmakatha
दोस्तों आज हम आपके लिए लाए हैं बरगद के पेड़ की आत्मकथा, आप इसे जरूर पढ़ें और अपने दोस्तों में शेयर करें।
बरगद का पेड़ जो कि विशालकाय पेड़ होता है, इसकी कई शाखाएं होती हैं तो चलिए शुरू करते हैं बरगद के पेड़ की आत्मकथा को
मैं एक बरगद का पेड़ हूं। मैं बहुत ही विशालकाय हूं, मेरी विशालकाय शाखा है, मेरी जड़ें चारों ओर फैली हुई है। मैं काफी प्रसिद्ध भी हूं और काफी लंबे समय तक इस दुनिया में रहता हूं, लोग मुझे अमर भी कहते हैं क्योंकि मैं बहुत ज्यादा बरसों तक इस दुनिया में रहता हूं। मनुष्य की कई पीढ़ियां मुझे लगातार देखती रहती हैं। मुझे आप कई फिल्मों में भी देखते होंगे, कई सारे लोग फिल्मों में मेरे आस-पास बैठे हुए देखे जाते हैं।
मैं विशाल होने के कारण काफी उपयोगी हूं। अक्सर कई जीव जंतु, मनुष्य, पशु पक्षियों को मैं छाया प्रदान करता हूं। मुझे गर्व है अपने आप पर कि मैं इतना उपयोगी वृक्ष हु। में अपने आसपास के पेड़ पौधे को भी अपना सा बना लेता हूं, आसपास के पेड़ से मेरी शाखाएं जुड़ जाती हैं। मेरी पूजा औरते करती हैं, हिंदू धर्म में मैं पवित्र वृक्ष माना जाता हूं और काफी पुराने समय से औरतें मेरे नीचे पूजा करके पति की उम्र लंबी पाने की प्रार्थना करती हैं।
वास्तव में मैं अपने जीवन से काफी खुश हूं क्योंकि मनुष्य के अलावा बहुत सारे पशु पक्षी मुझसे खुश हैं कई पशु पक्षी मुझमें अपना घर बना कर रहते हैं। मुझे काफी खुशी है कि मैं सभी की मदद कर पाता हूं, मेरे पत्ते भी बड़े बड़े होते हैं।
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