आंगनवाड़ी बाल विकास परियोजना anganwadi bal vikas pariyojna

anganwadi bal vikas pariyojna

दोस्तों आज हम आपके लिए लाए हैं आंगनबाड़ी बाल विकास परियोजना । चलिए अब हम पढ़ेंगे आंगनबाड़ी बाल विकास परियोजना को । आंगनबाड़ी बाल विकास परियोजना के द्वारा गर्भवती महिलाओं एवं प्रसव के बाद बच्चों को पोषण आहार प्राप्त कराने के लिए बाल विकास परियोजना के तहत शहरों एवं गावों में आंगनबाड़ी का निर्माण किया गया है । इस योजना के तहत 313 विकास खंडों में 278 ग्रामीण एवं 102 आदिवासी परियोजना संचालित है । शहरों में 73 एवं पूरे प्रदेश में 453 बाल विकास परियोजना प्रारंभ की गई है । परियोजना के माध्यम से प्रदेश के कई हितग्राहियों को फायदा प्राप्त हो रहा है । बाल विकास परियोजना के तहत डिलीवरी के बाद जब बच्चे की उम्र 6 माह होती है तब गर्भवती एवं दूध पिलाने वाली माता का चयन किया जाता है और उसको पोषण आहार की जानकारी दी जाती है ।

anganwadi bal vikas pariyojna
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आंगनबाड़ी के सहायता से गर्भवती महिला एवं दूध पिलाती मां को सरकारी योजनाओं का लाभ दिया जाता है । साल में 300 दिन तक उसे पूरक पोषण आहार सरकार की तरफ से दिया जाता है । आंगनबाड़ियों के द्वारा जब बच्चा 6 माह का हो जाता है तब से 6 वर्ष तक बच्चे को ₹4 प्रतिदिन के हिसाब से 12 ग्राम प्रोटीन 500 कैलोरी युक्त पोषण आहार दिए जाने का प्रावधान सरकार ने किया है । जो बच्चा कुपोषण का शिकार है उसको 20 से 25 ग्राम प्रोटीन एवं 800 कैलोरी युक्त पोषण आहार दिया जाता है। इस परियोजना के तहत गर्भवती महिला एवं दूध पिलाने वाली माता का स्वास्थ्य परीक्षण भी किया जाता है । आंगनवाड़ी पर बच्चे को टीके लगाए जाते हैं । दूध पिलाने वाली माता को प्रोटीन की गोलियां एवं पोषण आहार सरकार की तरफ से दिया जाता है। आंगनबाड़ी में स्वास्थ्य परीक्षण करके उनको सलाह दी जाती है कि उसे किन सावधानियों का सामना करना है और बच्चे की कैसे देखभाल करना है ।

यदि बच्चे एवं दूध पिलाने वाली मां को किसी तरह की कोई बीमारी होती है तो उसको इस परियोजना के तहत जिला के विकासखंड जिला स्तरीय चिकित्सालय में डॉक्टर की देखरेख में इलाज कराया जाता है । इस परियोजना के तहत आंगनवाड़ी के द्वारा हर महीने के 1 सप्ताह में बच्चे को टीका लगाया जाता है एवं जो महिला गर्भवती है उसको भी टीका लगाया जाता है । इस परियोजना के तहत आंगनबाड़ियों में बच्चों को पढ़ना लिखना सिखाया जाता है ,बच्चों को प्रारंभिक ज्ञान दिया जाता है । बच्चों को खेलकूद सिखाया जाता है । उनके दिमाग को पढ़ाई की ओर केंद्रित किया जाता है जिससे बच्चे का मानसिक विकास हो सके । बाल विकास परियोजना के तहत आज सरकार के द्वारा गर्भवती महिला एवं 6 माह के बच्चे को हर तरह की सुविधा दी जा रही है जिससे कि वह बच्चा तंदुरुस्त हो सके, किसी बीमारी का शिकार ना हो । उस बच्चे की मां को किसी तरह की कोई बीमारी ना हो , वह कमजोर ना हो इसके लिए सरकार के द्वारा आंगनवाड़ी केंद्रों पर तरह तरह की सुविधाएं दी जाती हैं ।

इस परियोजना को प्रारंभ करने का एक ही उद्देश्य था कि देश के बच्चों को कुपोषण से बचाना एवं गर्भवती महिला को बीमारियों से बचाना । यह परियोजना बहुत सफल हो रही है इस पर योजना का लाभ शहरी एवं ग्रामीणों में दिया जा रहा है । इस योजना का लाभ हर गर्भवती महिला को प्राप्त हो रहा है । इस परियोजना के तहत मध्य प्रदेश की सरकार ने गर्भवती महिला को प्रसव के बाद ₹12000 देने की भी घोषणा की है । ₹12000 से वह अपने लिए पोषक तत्व एवं विटामिंस वाला भोजन ले सकती है एवं उन पैसों का उपयोग वह अपने शरीर को तंदुरुस्त बनाने के लिए कर सकती है । इस योजना से निम्न वर्ग के लोगों को बड़ा लाभ प्राप्त हुआ है । प्राचीन समय में जब महिला की डिलीवरी होती थी तब वह महिला कमजोरी के कारण बीमार पड़ जाती थी उसके घर में पैसा ना होने के कारण वह कमजोरी से मर भी जाती थी लेकिन इस योजना के द्वारा वह अपनी कमजोरी को दूर कर सकती है ।

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