अंतरिक्ष पर कविता Poem on space in hindi
Poem on space in hindi
poem on antriksh in hindi-दोस्तों अंतरिक्ष का स्वरुप ही बहुत लुभावना होता है जब भी बच्चे अंतरिक्ष की ओर देखते हैं तो कई तरह की कल्पनाएं करते रहते हैं। हर एक मौसम में अंतरिक्ष का एक अलग सा दृश्य दिखता है अंतरिक्ष के बारे में आज हम लाए हैं त्रिलोक सिंह ठकुरेला जी द्वारा लिखित हिंदी कविता। आप हमारी आज की इस कविता को जरूर पढ़ें तो चलिए पढ़ते हैं हमारी आज की इस कविता को
नभ के तारे कई देखकर
एक दिन बब्लू बोला
अंतरिक्ष की सैर करें मां
ले आ उड़न खटोला
कितने प्यारे लगते हैं
आसमान के तारे
कोतूहल पैदा करते हैं
मन में रोज हमारे
झिलमिल झिलमिल करते रहते
हर दिन हमें इशारे
रोज भेज देते हैं हम तक
किरणों के हरकारे
कोई ग्रह तो होगा ऐसा
जिस पर होगी बस्ती
मां बच्चों के साथ वहां
मैं खूब करूंगा मस्ती
वहाँ नये बच्चों से मिलकर
कितना सुख पाऊंगा
नए खेल सीखूंगा मैं
कुछ उनको सिखलाऊंगा
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