पर्वतारोहण पर निबंध parvatarohan in hindi
parvatarohan ka mahatva in hindi
पर्वतारोहण एक खेल बन गया है जिस खेल को खेलने के लिए लोग पर्वतों पर चढ़ते हैं । पुराने समय से ही पर्वतों पर चढ़ने की परंपरा रही है पहले जब लोग पर्वतों पर चढ़ते थे तब उन लोगों के पास ऐसे उपकरण मौजूद नहीं थे जिससे कि उनको पर्वतों पर चढ़ने में आसानी हो लेकिन आज कई तरह के उपकरण पर्वतारोहण के समय मौजूद होते हैं । इन उपकरणों का उपयोग करके हम आसानी से बड़ी से-बड़ी चट्टानों पर चढ़ सकते हैं ।
दोस्तों अब हम आपको पर्वतों पर चढ़ने के लिए क्या करना पड़ता है और कौन कौन से उपकरणों का उपयोग हम कर सकते हैं इस बारे में कुछ जानकारी देकर समझाना चाहते हैं कि पर्वतों को चढ़ने से पहले हम सभी को पूरी तैयारी के साथ योजना बनानी चाहिए । पर्वतों पर चढ़ने से पहले हमें क्या क्या सावधानियां रखनी चाहिए यह भी हम लोगों को पता होना चाहिए । पर्वतों पर चढ़ने से पहले हम सभी को इसकी ट्रेनिंग लेना चाहिए , जब हम ट्रेनिंग लेकर इन पहाड़ों पर चढ़ते हैं तो हमें किसी तरह की कोई भी परेशानी नहीं होती हैं और हम आसानी से इस सफर को पूरा कर लेते है ।
विश्व में पहाड़ों पर चढ़ने के लिए , ट्रेनिंग देने के लिए एक इंटरनेशनल संस्था है जिसका नाम यू .आई .ए .ए है और दूसरी संस्था यूनियन इंटरनेशनल डेस एसोसिएशन डी है । यह संस्थाएं उन सभी लोगों को ट्रेनिंग देती है जो पहाड़ों पर चढ़ने के लिए जाते हैं । इन संस्थाओं के माध्यम से उनको यह सिखाया जाता है कि आपको पर्वतों पर चढ़ने के लिए कौन कौन से उपकरणों का उपयोग करना चाहिए और उनको उपकरणों के बारे में पूरी जानकारी दी जाती है । इन संस्थाओं के माध्यम से उन पर्वतारोही को भी सिखाया जाता है कि आपको किस तरह से पर्वतों पर चढ़ना है और कौन कौन सी सावधानियां रखनी है । इन संस्थाओं के माध्यम से यह सिखाया जाता है कि आपको मौसम के हिसाब से और जगह के हिसाब से पर्वतों पर चढ़ना है ।
पर्वतों पर चढ़ने के लिए क्रेम्पोंन और जूतों का उपयोग किया जाता है । क्रेम्पोंन जो जूतों के साथ लगा रहता है ,क्रेम्पोंन मैं 14 दांत होते हैं इन दातों के माध्यम से हम पहाड़ों पर रास्ते बनाते हैं । जब हम बर्फ वाली पहाड़ियों पर चढ़ते हैं तो हम हिम जूतों का उपयोग करते हैं । स्की करने के लिए हमें काफी अभ्यास करने की आवश्यकता होती है बिना अभ्यास के हम स्की नहीं कर सकते ।
पर्वतों पर चढ़ते समय हमें कई समस्याओं का सामना करना पड़ सकता है कई बार तो पर्वतों पर चढ़ते समय मौसम खराब हो जाता है तो कई बार चट्टानों के टूटने का भी खतरा बढ़ जाता है । इन खतरों से बचने के लिए हमें कई प्रकार की सावधानियां रखने की आवश्यकता होती है जैसे कि हम जिन उपकरणों का उपयोग कर रहे हैं क्या वह उपकरण सही है । जिन उपकरणों का उपयोग चढ़ाई के लिए करते हैं उन उपकरणों की ठीक तरह से जांच कर लेनी चाहिए ।मौसम विभाग के माध्यम से हमें यह जानकारी ले लेना चाहिए कि जिस समय हम चढ़ाई कर रहे हैं उस समय का मौसम किस तरह का है । पहाड़ों पर चढ़ाई प्रारंभ करने से पहले हमें हमारा शरीर स्वस्थ रखना चाहिए और शरीर की जांच भी करवा लेनी चाहिए कि हमें किसी तरह की कोई बीमारी तो नहीं है । जब हम पर्वतों पर चढ़ाई प्रारंभ करते हैं तो हमें अपना ध्यान सिर्फ चढ़ाई के ऊपर रखना चाहिए अगर हमारा ध्यान एक सेकेंड के लिए भी भटकता है तो हमें मौत का सामना करना पड़ सकता है । जब हम ऊंचे ऊंचे पर्वतों पर चढ़ जाते हैं तो वहां पर रुकने के लिए सही केम्प , तंबू लगाना चाहिए । हमें ऐसे बिस्तर ले जाना चाहिए जिनका वजन कम हो और खाने के लिए ऐसा भोजन ले जाना चाहिए जिसे हम वहां पर पका सकें। चढ़ाई करते समय हमें बिल्कुल भी आलस नहीं करना चाहिए उस समय हमारा एक ही लक्ष्य होना चाहिए कि हमें इस पहाड़ की चोटी पर चढ़ना है ।
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