कबीर के जन्म से संबंधित कथाएं और घटनाओं का वर्णन kabir ke janm ke bare me story in hindi

कबीर के जन्म से संबंधित कथाएं और घटनाओं का वर्णन

दोस्तों कैसे हैं आप सभी, आज हम आपके लिए लाए हैं कबीरदास के जन्म से संबंधित कथा। आप इसे जरूर पढ़ें दोस्तों कबीर दास जी जो एक कवि थे जिन्होंने अपनी कविताओं के जरिए हमें काफी शिक्षा दी है। कबीर दास जी के जन्म से संबंधित कई भ्रांतियां हैं कुछ लोगों का मानना है कि इनका जन्म 1398 में हुआ वहीं कुछ लोग इनकी जन्म की तारीख 1440 में बताते हैं।

 

 

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कबीर दास जी किस जाति के थे इस संबंध में भी लोगों के मन में कई कंफ्यूजन है। शिक्षाविदों के अनुसार इनका जन्म एक ब्राह्मण परिवार में वाराणसी में हुआ था जन्म के बाद इनकी मां ने लोक लाज की वजह से इन्हें एक नदी के किनारे छोड़ दिया था दरअसल इनकी मां एक विधवा थी शायद इसी वजह से  कबीर दास जी की  मां ने  इन्हें छोड़ना उचित समझा।

जब नदी के किनारे एक जुलाहे ने कबीर को देखा तो उन्होंने उस बच्चे कबीर को अपने साथ ले जाना उचित समझा। उस जुलाहे ने ही कबीर दास जी का भरण पोषण किया इस तरह से कबीर दास जी का एक मुसलमान ने पालन पोषण किया था लेकिन कबीर दास जी जैसे-जैसे बड़े होते गए तो इनका मन ब्राह्मणों की संगति करने का होता था वह हिंदू भक्ति के गुरु रामानंद के शिष्य बनना चाहते थे।

बाद में अपनी कोशिश के बाद वह रामानंद जी के शिष्य बने। ऐसा भी कहा जाता है कि कबीर दास जी राम राम का नाम जपते थे। कबीर दास जी ने अपने बचपन में कई समस्याओं का सामना किया था।

कबीर दास जी अपने समय के काफी विख्यात कवि एवं संत थे। दोस्तों मेरे द्वारा लिखी कबीर दास जी के जन्म पर कथा आपको कैसी लगी हमें जरूर बताएं।

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