फूल और पत्ता inspirational story in hindi for students
फूल और पत्ता inspirational story in hindi for students
हेलो फ्रेंड्स कैसे हैं आप सभी,दोस्तों कभी-कभी कुछ ऐसा होता है कि हम सोचते हैं कि भगवान ने हमें कुछ कम दिया है हम सोचते हैं कि भगवान ने हमको कुछ भी नहीं दिया है या हम सोचते है की काश हमें भी दूसरो की तरह कुछ और मिल सकता,लोग हमसे खुश नहीं हैं हम सोचते हैं कि काश मुझमे भी कुछ ऐसे गुण होते जिससे लोग हमारी तारीफ करते हैं लेकिन दोस्तो आप सभी लोगों को मैं बताना चाहूंगा
कि अलग-अलग लोगों में अलग-अलग तरह के अच्छे गुण होते हैं वह अपने अलग अलग गुणों के द्वारा अपनी तारीफ करवा सकते हैं जैसे की ये स्टोरी आज मैं आप सभी लोगों के साथ शेयर करने वाला हूं।
कुछ समय पहले एक नदी के किनारे पर काफी सारे पेड़ थे वहा का वातावरण बहुत ही अच्छा था लोग वहां पर घूमने के लिए आते थे दोस्तों जब भी वहां पर कोई भी व्यक्ति हैं घूमने के लिए आता तो वहां पर पेड़ पर लग रहे फलो की लोग बड़ी तारीफ किया करते थे।
इस वजह से पत्तों को जलन होती पत्ता सोचता कि काश मैं भी एक फूल होता तो लोग मेरी भी तारीफ करते,लोग मुझे भी घर पर ले जाते लेकिन ना तो उन्हें कोई घर पर ले जाता ना उनकी तारीफ करता,पत्ते को दुख होता,वह भगवान से भी शिकायत करता कि भगवान क्यों तूने मुझे पत्ते का जन्म दिया।
अगर मैं फूल होता तो मुझे कितना अच्छा लगता लोग मेरी तारीफ किया करते दोस्तों इस तरह से काफी समय गुजरता गया,1 दिन वहां पर बहुत तेजी से हवा चली जिस वजह से पेड़ पौधे गिर गए थे और बहुत सारे फूल पेड़ के नीचे गिरे हुए थे और वह पत्ता हवा के झोंके के साथ नदी में जा गिरा.
वोह नदी में तैरता हुआ जा रहा था तो उसी नदी में एक चींटी जा गिरी,चींटी बहुत ही तड़प रही थी और सोच रही थी कि काश मैं इस नदी में से बाहर निकल कर किसी अच्छे स्थान पर पहुंच सकूं तभी एकदम वोह चींटी बहती हुई पानी की धार के साथ उस पत्ते के ऊपर जा गिरी,वह पत्थर पानी में बहता हुआ नदी के किनारे पर जा पंहुचा और चींटी की जान बचाई।
इसके बाद उस चीटी ने उस पत्ते को धन्यवाद कहा और कहां कि आज तुम्हारे वजह से ही मेरी जान बची है आज तुम नहीं होते तो मैं जीवित नहीं होती तुम एक पत्ते हो वाकई में तुम काबिले तारीफ हो उसकी स्थिति की इस तरह से कही हुई बात से बहुत ही खुश हुआ उसने सोचा चलो किसी ने तो मेरी तारीफ की।
दोस्तों वाकई में जिंदगी में हर इंसान अपनी जगह सही होता है,भले ही चलते हुए लोग उस पत्ते की तारीफ नहीं करते थे लेकिन वह पत्ता भी किसी के काम आया और उस चींटी ने उसको धन्यवाद दिया तो उस पत्ते का मस्तक गर्व से ऊंचा हो गया उसने सोचा कि मैं भी तारीफ के काबिल हु.
दोस्त जीवन में वाकई में हर इंसान किसी न किसी के काम में आ सकता है और कोई भी इंसान किसी से भी कम नहीं है इसलिए हमें जीवन में कभी भी किसी से कमजोर नहीं समझना चाहिए क्योंकि अगर किसी दूसरे व्यक्ति में कुछ अच्छी बात है तो हममें भी कोई ना कोई खूबी ज़रूर होगी
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