धारी देवी मंदिर का इतिहास dhari devi temple history in hindi
dhari devi temple history in hindi
दोस्तों आज हम आपके लिए लाए हैं धारी देवी मंदिर के इतिहास को । चलिए अब हम इस लेख के माध्यम से धारी देवी मंदिर के इतिहास को पढ़ेंगे । धारी देवी का मंदिर उत्तराखंड राज्य में स्थित है । धारी देवी को काली माता का रूप भी कहा जाता है. इस मंदिर में काली माता की मूर्ति विराजमान है । ऐसा कहा जाता है कि इस मंदिर में माता काली जी दिन में तीन बार अपना रूप बदलती हैं । सुबह उनका रूप बाल अवस्था में दिखाई देता है तो दोपाहर में वह कन्या रूप में दिखाई देती हैं और रात के समय वह बूढ़ी मां के रूप में दिखाई देती हैं ।
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वैसे तो सभी काली जी की मूर्ति में गुस्सा दिखाई देता है लेकिन धारी देवी हमेशा शांत अवस्था में दिखाई देती हैं । ऐसा कहा जाता है कि जब धारी देवी को गुस्सा आ जाता है तब वह अपने गुस्से से तहस-नहस का माहौल बना देती हैं । जब 16 जून 2013 को एक प्रोजेक्ट के तहत उत्तराखंड की सरकार ने धारा देवी की मूर्ति को हटाया था तब वहां पर बहुत ही खतरनाक प्रलय आया था । ऐसा कहा जाता है कि यह सब माता के प्रकोप के कारण हुआ था ।
इस मंदिर के इतिहास के बारे में यह कहा जाता है कि एक बार बहुत ही भयंकर बाढ़ आई थी और उस बाढ़ में कालीमठ मंदिर बह गया था लेकिन मूर्ति धारो गांव में बहकर आ गई थी और उसी जगह पर माता धारा देवी की स्थापना करा दी गई थी । तभी से वह मूर्ति वहीं पर स्थित है । वहां के कुछ पंडितों का यह कहना है कि यह मूर्तियां द्वापर युग से यही पर हैं । माता धारी देवी की उपासना करने से सभी संकट दूर हो जाते हैं । ऐसा कहा जाता है कि धारी देवी उत्तराखंड की रक्षा करती हैं । वहां के लोग माता धारी देवी की पूजा अर्चना में कोई कमी नहीं रखते हैं ।
उनका मानना है कि यदि माता धारी देवी को गुस्सा आ गया तो उनके प्रकोप से हमें कोई भी नहीं बचा पाएगा । भारत के सभी काली जी के मंदिर की मूर्ति गुस्से जैसी दिखाई देती हैं । मूर्ति को देख कर ऐसा लगता है की माता काली को बहुत क्रोध आ रहा है लेकिन धारी देवी की मूर्ति बहुत ही शांत दिखती है । इस मंदिर के दर्शन के लिए दूर-दूर से लोग आते हैं और धारी देवी से प्रार्थना करते हैं की वह हमेशा शांत रहे और उत्तराखंड की रक्षा करती रहे ।
जब उत्तराखंड में बाढ़ आई थी तब आसपास का पूरा इलाका जलमग्न हो गया था लेकिन धारा देवी की मूर्ति जहां स्थापित थी वहीं पर रही और धारी देवी की मूर्ति को किसी तरह की क्षति नहीं हुई थी , पूरे मंदिर को भी किसी तरह की कोई भी नुकसान नहीं हुआ था । यह बहुत बड़ा चमत्कार था । इसीलिए सभी लोगों की आस्था धारी देवी से जुड़ी हुई है । लाखों भक्त माता धारी देवी के दर्शन के लिए उत्तराखंड जाते हैं । वहां के पुजारियों का यह मानना है कि माता धारा देवी दिन में तीन बार अपना रूप बदलती है ।
यह चमत्कार बहुत प्राचीन समय से होता आया है ।ऐसा कहा जाता है कि जब तक धारी देवी की मूर्ति शांत अवस्था में रहती है तब तक उत्तराखंड में किसी तरह की कोई भी आपदा नहीं आती है लेकिन जैसे ही धारी देवी मूर्ति क्रोधित अवस्था में आ जाती है तब उत्तराखंड पर कोई ना कोई मुसीबत अवश्य आती है ।
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