गुना जिले का इतिहास History of guna district in hindi
History of guna district in hindi
guna – दोस्तों आज हम आपको इस आर्टिकल के माध्यम से मध्य प्रदेश राज्य के गुना जिले के बारे में बताने जा रहे हैं । चलिए अब हम आगे बढ़ते हैं और मध्य प्रदेश राज्य के गुना के इतिहास के बारे में गहराई से पढ़ते हैं ।
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guna ki history in hindi – गुना जिले का इतिहास बड़ा दिलचस्प एवं रोचक रहा है । गुना जिले में हिंदू-मुस्लिम , पंजाबी एवं सभी धर्म के लोग निवास करते हैं । गुना जिले के इतिहास के बारे में यदि हम बात करें तो जब भारत देश पर अंग्रेजों की हुकूमत थी तब महाराज सिंधिया के सेनापति जॉन बैरेस्टर फिलोर्स ने खींची के राजा से ईसागढ़ जीता था क्योंकि 19 वी सदी से पहले गुना जिला ईसागढ़ का एक छोटा सा गांव हुआ करता था ।
जब सिंधिया के सेनापति ने ईसागढ़ पर अपना राज्य स्थापित कर लिया था तब गुना जिले को ईसागढ़ से अलग कर दिया गया था और ग्वालियर में स्थानांतरित कर दिया गया था । 19 वी सदी में ईसागढ़ के नाम से गुना की पहचान थी । 5 नवंबर 1922 को गुना जिले को मुख्यालय बनाया गया था । 1922 में गुना से छावनी को ग्वालियर संभाग में स्थानांतरित कर दिया गया था । इसके बाद 5 नवंबर 1922 को गुना मुख्यालय को बजरंगढ़ से गुना में स्थानांतरित कर दिया गया था ।
सन 1937 से 1984 तक गुना के बारे में – जब गुना को ईसागढ़ से अलग कर दिया गया था तब 1937 को गुना का नाम ईसागढ़ के स्थान पर गुना कर दिया गया था । इसके बाद बजरंगढ़ और ईसागढ़ को गुना की तहसील नियुक्त की गई थी । 1984 के समय गुना में ग्वालियर संभाग की फौज रहती थी जिनके विद्रोह के कारण सन 1950 में छावनी को गुना से अलग करके ग्वालियर में स्थानांतरित कर दिया गया था । 1948 में गुना जिले में राधौगढ़ तहसील को जोड़ दिया गया था ।
समय बीतने के साथ-साथ गुना के आसपास के इलाकों का विकास होता गया और जनसंख्या बढ़ती गई । इसके बाद 2003 में गुना जिले से अशोकनगर को अलग कर दिया गया था और अशोकनगर को अलग से जिला बना दिया गया था । गुना जिला मध्य प्रदेश का सबसे सुंदर जिला है । गुना जिले के लोग बहुत शांतप्रिय हैं । गुना जिले की जनसंख्या 2011 की जनगणना के अनुसार 1,80,978 है । गुना जिले के उत्तर भाग में तकरीबन 35 किलोमीटर दूर राजस्थान की सीमा लगी हुई है ।
गुना जिला के आसपास की सुंदरता बहुत अच्छी है । गुना जिले को प्राचीन समय में मालवा का प्रवेश द्वार माना जाता था । गुना जिले का संभाग ग्वालियर लगता है । गुना जिला राष्ट्रीय राजमार्ग 3 पर स्थित है । गुना जिले का मुख्य कार्य खेती है । जब 1 नवंबर 1956 को मध्य भारत में मध्य प्रदेश राज्य का गठन किया गया था तब मध्य प्रदेश राज्य में गुना जिले का विलय कर दिया गया था । मध्य प्रदेश के पश्चिम में राजस्थान की सीमा स्थित है । उत्तर में उत्तर प्रदेश की सीमा स्थित है ।
पूर्व में छत्तीसगढ़ की सीमा स्थित है । दक्षिण में महाराष्ट्र की सीमा स्थित है । गुना जिले का क्षेत्रफल 6485 वर्ग किलोमीटर है । गुना जिले में लगने वाली तहसीलों के नाम इस प्रकार से हैं आरोन , गुना , राधौगढ़ , कुंभराज , चाचौड़ा आदि । गुना जिले में लोकसभा की 2 सीटें आती हैं । एक सीट राजगढ़ की और दूसरी सीट गुना की । विधानसभा क्षेत्र में आने वाली गुना की सीटें राधौगढ़ , बमोरी , चाचौड़ा और गुना आदि सीटें हैं । गुना जिले से गुजरने वाली नदियां पार्वती , कूनो , सिंध , घोड़ा पछाड़ आदि नदियां गुना जिले से होकर निकलती है ।
गुना जिले में रेल लाइन स्थापना के बारे में – गुना जिले में जब से रेल लाइन डली है तब से गुना जिले के एवं गुना जिले के आसपास रहने वाले लोगों को बहुत फायदा मिला है । गुना जिले में 1899 को बीना से राजस्थान राज्य के बारां तक रेल लाइन बिछाने का काम प्रारंभ हुआ था । जब रेल लाइन को डाल कर तैयार कर लिया गया था तब उस रेल लाइन पर रेलगाड़ियां चलना प्रारंभ हो गई थी । बाद में इस रेल लाइन को कोटा तक बढ़ा दिया गया था और बीना से राजस्थान के कोटा तक रेल चलने लगी थी ।
जिसका फायदा गुना एवं गुना के आसपास में रहने वाले लोगों को हुआ था । यह गुना जिले के लिए बहुत अच्छी खुशखबरी थी क्योंकि गुना जिले के आसपास में रहने वाले लोगों को दूसरे शहर जाने में परेशानियों का सामना करना पड़ता था । गुना जिले में रेल लाइन डालने का काम सिंधिया स्टैंप द्वारा करवाया गया था । सिंधिया के अथक प्रयासों के बाद गुना में रेलवे स्टेशन एवं रेल लाइन डली थी । यदि आज हम गुना के रेल लाइन की बात करें तो 114 साल से भी ज्यादा समय हो चुका है और गुना रूट पर डबल लाइन रेलवे की ओर से डलवाई जा रही है ।
जिससे रेलगाड़ी के माध्यम से यातायात करने में सुविधा गुना जिले के आसपास रहने वाले लोगों को होगी । बिना कोटा की लाइन ढल जाने के बाद सिंधिया जी ने मध्य प्रदेश स्टेट द्वारा ग्वालियर शिवपुरी नैरोगेज लाइन डलवाने का काम प्रारंभ किया था । कई समय तक इस रेल लाइन पर रेल गाड़ियां चलती रही परंतु बाद में इस रेल लाइन को बंद कर दिया गया था और रेल की पटरियों को हटा दिया गया था । इस तरह से गुना जिले के रेल लाइन का इतिहास रहा है ।
गुना के मन्दिर guna ke mandir – गुना जिले की सुंदरता देखने के लायक है । गुना जिले में कई दार्शनिक मंदिर है । गुना जिले के जयस्तंभ चौराहे का मंदिर प्राचीन समय का है । यह मंदिर सिटी की सुंदरता को दर्शाती है । गुना जिले के जयस्तंभ चौराहे का मंदिर राम जानकी का मंदिर एवं हनुमान जी का मंदिर है । इस मंदिर के दर्शन के लिए गुना जिले में रहने वाले लोग आते हैं । गुना जिले में रहने वाले हिंदू धर्म के लोग जयस्तंभ चौराहे के मंदिर में दर्शनों के लिए अवश्य आते हैं क्योंकि जयस्तंभ चौराहे का मंदिर बहुत ही अच्छा एवं दार्शनिक है । गुना जिले में रहने वाले लोगों की आस्था जयस्तंभ चौराहे के मंदिर से जुड़ी हुई है ।
गुना जिले के हनुमान चौराहे मंदिर के बारे में – गुना जिले के हनुमान चौराहे पर एक मंदिर स्थित है । वह मंदिर शहर की सुंदरता में चार चांद लगाता है । हनुमान चौराहे का मंदिर बीच जिले में स्थित है । हनुमान चौराहे के मंदिर पर शहर में रहने वाले हिंदू धर्म के लोग एवं अन्य धर्म के लोग दर्शनों के लिए आते हैं । हनुमान चौराहे के मंदिर पर नवरात्रि में शेरावाली माता की झांकी भी लगती है और दिवाली के बाद हनुमान चौराहे के मंदिर पर अंकूट भंडारा भी होता है । जिसमें शहर के आसपास रहने वाले लोग प्रसाद ग्रहण करने के लिए आते हैं ।
मंगलवार एवं शनिवार के दिन हनुमान चौराहे के मंदिर पर दर्शन करने के लिए भक्तों की काफी भीड़ देखी जाती है । हनुमान चौराहे के मंदिर में शंकर भगवान का मंदिर एवं हनुमान जी का मंदिर स्थित है । जिनके दर्शनों के लिए गुना जिले में रहने वाले लोग आते हैं । यह मंदिर प्राचीन समय का है ।इस मंदिर की जितनी प्रशंसा की जाए उतनी कम है ।
गुना जिले का सबसे प्राचीन मंदिर उदासी आश्रम मंदिर के बारे में एवं गुना जिले के बीचो बीच में स्थित मंदिर घाट के बारे में – गुना जिले के बीच में स्थित उदासी आश्रम का मंदिर प्राचीन समय का है । इस मंदिर पर प्राचीन समय में साधु महात्मा निवास करते थे । इस मंदिर से काफी लोगों की आस्था जुड़ी हुई है । उदासी आश्रम के मंदिर में दर्शनों के लिए बड़े-बड़े लोग दर्शनों के लिए आते हैं क्योंकि यह गुना जिले का सबसे प्राचीन मंदिर है । इस मंदिर की सुंदरता देखने के लायक है । जब इस मंदिर का निर्माण कार्य शुरू किया गया था और जब निर्माण कार्य पूरा हो गया था तब इस मंदिर की सुंदरता देखने के लायक थी ।
इस मंदिर में हनुमान जी की सबसे पुरानी मूर्ति स्थित है ।इस मंदिर में भैरव बाबा की मूर्ति स्थित है । उदासी आश्रम के मंदिर के सामने दुर्गा जी का मंदिर भी स्थित है । जहां पर दर्शनों के लिए दूर-दूर से लोग आते हैं । इस मंदिर पर शनिवार और मंगलवार के रोज काफी भीड़ देखने को मिलती है । गुना जिले के बीचो बीच में स्थित जाट मोहल्ले में मंदिर घाट स्थित है । इस मंदिर में शंकर भगवान की सबसे पुरानी शिवलिंग स्थित है । इस मंदिर में एक हवन कुंड भी है जिसकी आग कभी भी नहीं बुझती है ।
यह मंदिर गुना जिले का सबसे पुराना मंदिर है । इस मंदिर से काफी लोगों की आस्था जुड़ी हुई है । इस मंदिर में कई धार्मिक कार्यक्रम होते रहते हैं । इस मंदिर में अन्नकूट भंडारा भी होता है । इस मंदिर की सुंदरता देखने के लायक है । गुना शहर के आसपास एवं दूर-दूर से लोग इस मंदिर के दर्शन के लिए सुबह के समय आते हैं और भगवान से प्रार्थना करते हैं ।
गुना जिले का सबसे प्राचीनतम मंदिर साईं मंदिर के बारे में – गुना जिले का सबसे प्राचीनतम मंदिर साईं मंदिर जोकि गुना जिले के चिंता हरण के पास स्थित है । यह मंदिर साईं बाबा का मंदिर है । इस मंदिर पर काफी भक्तगण दर्शनों के लिए आते हैं । गुरुवार के दिन इस मंदिर के दर्शनों के लिए गुना शहर के आसपास के लोग दर्शनों के लिए आते हैं । इस मंदिर से काफी लोगों की आस्था जुड़ी हुई है । गुना जिले का यह सबसे प्राचीनतम मंदिर है । इस मंदिर की सुंदरता देखने के लायक है । इस मंदिर में काफी स्वच्छता देखी जाती है ।
गुना शहर का सबसे प्राचीन मंदिर बूढ़े बालाजी के मंदिर के बारे में – गुना शहर का सबसे प्राचीन मंदिर बूढ़े बालाजी का मंदिर सबसे प्रसिद्ध मंदिर है । इस मंदिर की सुंदरता देखने के लायक है । इस मंदिर में राम लक्ष्मण एवं सीता मैया का मंदिर स्थित है । इस मंदिर में हनुमान जी का मंदिर स्थित है और गुना जिले के काफी लोगों की आस्था इस मंदिर से जुड़ी हुई है । इस मंदिर पर अन्नकूट भंडारा भी होता है जो कि दिवाली के बाद होता है । हनुमान जयंती के दिन इस मंदिर को सजाया जाता है ।
हनुमान जयंती के दिन काफी लोग इस मंदिर के दर्शनों के लिए आते हैं । हनुमान जयंती पर फूलों से इस मंदिर को सजाया जाता है । बूढ़ा बालाजी का मंदिर एक भव्य मंदिर है । इसे और भी सुंदर बनाने के लिए कार्य प्रगति पर है ।काफी लोग इस मंदिर की सुंदरता को और भी बढ़ाने के लिए बहुत सारा धन दान करते हैं क्योंकि गुना जिले में रहने वाले लोगों की आस्था धर्म से जुड़ी हुई है । गुना जिले के लोग हिंदू धर्म को मानते हैं ।
इसीलिए जब धर्म की बात आती है तो गुना जिले के लोग दान करने में पीछे नहीं हटते हैं ।
गुना जिले का इकलौता मंदिर मोती महाराज मंदिर के बारे में – गुना जिले का इकलौता मंदिर मोती महाराज का मंदिर गुना शहर के बीचों-बीच घोसीपुरा में स्थित है । इस मंदिर के बारे में ऐसा कहा जाता है कि यह मंदिर काफी पुराना है , 145 साल पुराना है । इस मंदिर से काफी लोगों की आस्था जुड़ी हुई है । यह मंदिर घोसीपुरा में रहने वाले मंगलिया ग्वाल के द्वारा बनवाया गया था । मंगलिया ग्वाल के बारे में ऐसा कहा जाता है कि यह जन्म से ही अंधे थे ।जब शहर में रहने वाले व्यक्ति को मोती महाराज निकलते हैं या टाइट फाइट होता है तब लोग इस मंदिर में जाते हैं ।
इस मंदिर के बारे में ऐसा कहा जाता है कि जब किसी व्यक्ति को मोती महाराज निकलते हैं तब वह इस मंदिर में दर्शन के लिए जाता हैं और उसकी यह बीमारी दूर हो जाती है । इस मंदिर के निर्माण के बारे में ऐसा कहा जाता है कि एक बार रेलवे डिपार्टमेंट के सबसे बड़े अधिकारी के पुत्र को मोती महाराज निकले थे । जब वह अपने पुत्र को मोती महाराज के मंदिर पर दर्शन के लिए लाया तब दर्शन के बाद उसके बच्चे की बीमारी दूर हो गई थी और उन्होंने इस मंदिर के निर्माण के लिए पैसा दान दिया था ।
हनुमान टेकरी मन्दिर गुना hanuman tekri mandir guna – गुना जिले का सबसे सुंदर एवं प्राचीन मंदिर हनुमान टेकरी का मंदिर बहुत प्रसिद्ध प्राचीन मंदिर है । इस मंदिर पर गुना जिले के आसपास से लोग दर्शनों के लिए आते हैं । यह हनुमान टेकरी का मंदिर गुना जिले का सबसे प्राचीन मंदिर है । यह मंदिर गुना जिला मुख्यालय से तकरीबन 5 किलोमीटर दूरी पर स्थित है । इस मंदिर में बजरंगबली महाराज की प्राचीन दक्षिणमुखी प्रतिमा स्थित है । इस मंदिर की जो बजरंगबली महाराज की प्रतिमा है वह बहुत ही सुंदर एवं अद्भुत चमत्कारी प्रतिमा है ।
इस मंदिर के बारे में ऐसा कहा जाता है कि गुना जिले से 5 किलोमीटर दूर ऊंची पहाड़ी पर यह हनुमान टेकरी का मंदिर सातवीं शताब्दी में बनाया गया था । प्राचीन समय में हनुमान टेकरी मंदिर पर साधु संतों का जमावड़ा लगा रहता था ।इसलिए इस मंदिर को साधु-संतों की तपोभूमि भी कहा जाता है । यह गुना जिले का सबसे सुंदर प्राचीन मंदिर है ।आज से तकरीबन 10 से 12 साल पहले इस मंदिर का निर्माण कार्य प्रारंभ किया गया था ।
निर्माण कार्य प्रारंभ करने से पहले इस मंदिर के निर्माण के लिए 30 करोड़ रुपए की राशि सुनिश्चित की गई थी और आज यह मंदिर गुना जिले का सबसे सुंदर अद्भुत मंदिर है । इस मंदिर के दर्शन के लिए काफी लोग जाते हैं । उस मंदिर का इतिहास भी बड़ा दिलचस्प रहा है । इस मंदिर में जाने से हमें सुख शांति समृद्धि प्राप्त होती है । मंदिर के ट्रस्ट के द्वारा इस मंदिर को बनाने के लिए 100 करोड़ रुपए खर्च करने की योजना बनाई है और ट्रस्ट के द्वारा मंदिर के निर्माण का प्रोजेक्ट बनाकर सरकार को भेज दिया गया है ।
जब मध्य प्रदेश शासन के द्वारा राशि स्वीकृत हो जाएगी तब इस मंदिर को और भी भव्य बना दिया जाएगा । शनिवार और मंगलवार के दिन इस मंदिर पर दर्शन के लिए काफी लोग जाते हैं । क्योंकि गुना जिले के सभी लोगों की आस्था इस मंदिर से जुड़ी हुई है । यह सबसे प्राचीन मंदिर है । इस मंदिर पर जो भी सीढ़ियां चढ़कर टेकरी सरकार के दरबार में जाता है उसकी सभी मुरादें पूरी हो जाती है । यह मंदिर प्राचीन समय से ही गुना जिले के रहने वाले लोगों के लिए आस्था का केंद्र रहा है ।
इस हनुमान टेकरी मंदिर पर अन्नकूट भंडारा भी किया जाता हैं ।
गुना के पर्यटन स्थल guna ke paryatan sthal – गुना शहर का सबसे सुंदर और अद्भुत पर्यटक स्थल निहाल देवी एवं 20 भुजी माता के बारे में – गुना शहर से तकरीबन 50 से 60 किलोमीटर दूर पर स्थित निहाल देवी का मंदिर पहाड़ों पर स्थित है । यह सबसे सुंदर मंदिर है ।यहां के आसपास की सुंदरता बहुत अच्छी है । काफी पर्यटक यहां पर घूमने के लिए आते हैं । जब कोई विदेश से कोई अंग्रेज घूमते हुए गुना जिले में आता है वह निहाल देवी के मंदिर के दर्शनों के लिए अवश्य जाता है । क्योंकि निहाल देवी का मंदिर पहाड़ी पर स्थित है । यह मंदिर जंगल में स्थित है ।
जब गुना से कई पर्यटक निहाल देवी मंदिर के दर्शनों के लिए जाता है वह जंगलों से होते हुए पहाड़ पर चढ़कर निहाल देवी के मंदिर पर जाता है । क्योंकि यह गुना जिले का सबसे सुंदर पर्यटक स्थल है । गुना शहर से तकरीबन 10 किलोमीटर दूर स्थित आरोन रोड पर 20 भुजी माता का सबसे भव्य मंदिर स्थित है । इस मंदिर पर कई पर्यटक घूमने के लिए आते हैं । इस मंदिर के आसपास की सुंदरता देखने के लायक है । यह मंदिर काफी पुराना है । इस मंदिर के बारे में दूर-दूर तक चर्चे होते हैं ।
इसलिए दूर दूर से कई पर्यटक इस मंदिर के दर्शनों के लिए आते हैं । नवरात्रि के दिन गुना जिले से एवं आसपास से लोग इस पर्यटक स्थल पर घूमने के लिए जाते हैं ।
गुना शहर का सबसे प्रसिद्ध पर्यटक स्थल गोपी सागर डैम के बारे में – गोपी सागर डैम गुना का सबसे प्रसिद्ध पर्यटक स्थल है । जब भी गुना शहर के लोगों को घूमने का समय मिलता है वह गोपी सागर डैम पर घूमने के लिए अवश्य जाते हैं । दूर-दूर से लोग गुना शहर के सबसे प्रसिद्ध पर्यटक स्थल गोपी सागर डैम पर पिकनिक मनाने के लिए जाते हैं । क्योंकि वहां की सुंदरता बहुत अच्छी है । गोपी सागर डैम में पानी भरा रहता है । गोपी सागर डैम पर्यटक स्थल पर एक भव्य पार्क भी है । जिसकी सुंदरता देखने के लायक है ।
गोपी सागर डैम में नाव भी चलती है । जिस नाव में कई पर्यटक घूम कर आनंद की अनुभूति करते हैं ।
गुना शहर का सबसे सुंदर पर्यटक स्थल बजरंगगढ़ के किले के बारे में – गुना शहर से तकरीबन 8 किलोमीटर दूर स्थित बजरंगढ़ में बजरंगढ़ का किला स्थित है । यह किला काफी प्राचीन समय का है । इस किले की सुंदरता देखने के लायक है । इस बजरंगढ़ किले को विक्रमादित्य ने बनवाया था । इस किले में बहुत सुंदर पार्क बना हुआ है ।उस पार्क में हरी दूबा लगी हुई है । पार्क में पानी के कुंड भी बनाए गए हैं जिसमें कमल के फूल लगे हुए हैं । यह बजरंगढ़ का किला काफी प्राचीन समय से गुना शहर के लोगों के लिए आस्था का केंद्र रहा है ।
यहां पर लोग घूमने के लिए जाते हैं । कई पर्यटक दूर-दूर से इस किले में घूमने के लिए आते हैं । इस बजरंगढ़ के किले में राम जानकी का मंदिर भी बना हुआ है । जिसकी सुंदरता देखने के लायक है । बजरंगढ़ किले की सुंदरता को और भी सुंदर बनाने के लिए निर्माण कार्य चालू है । जिसका और भी भव्य निर्माण किया जा रहा है ।
गुना शहर का सबसे प्रसिद्ध पर्यटक स्थल गादेर की गुफा के बारे में – गुना शहर का सबसे प्रसिद्ध पर्यटक स्थल गादेर की गुफा काफी सुंदर है । जब गादेर की गुफा मंदिर में शिवरात्रि पर मेला लगता है तब गुना शहर एवं आसपास के लोग गादेर गुफा के दर्शनों के लिए जाते हैं और मेला में घूम घूम कर आनंद की अनुभूति करते हैं । कई लोग पिकनिक मनाने के लिए गादेर गुफा में जाते हैं । वहां पर पानी की अच्छी व्यवस्था है । वहां पर खाना बनाने के लिए भी जगह स्थित है ।
गादेर गुफा गुना शहर का सबसे प्राचीन पर्यटक स्थल है । इस पर्यटक स्थल पर शंकर जी का मंदिर है । इसकी सुंदरता देखने के लायक है ।
गुना शहर का सबसे प्रसिद्ध पर्यटक स्थल मालपुर की गुफा के बारे में – गुना शहर से 8 किलोमीटर दूर स्थित मालपुर की गुफा बहुत ही सुंदर और प्राचीन जगह है । यहां पर दूर-दूर से पर्यटक घूमने के लिए आते हैं और आनंद की अनुभूति करते हैं । सक्रांति के दिन मालपुर गुफा में मेला लगता है और काफी लोग इस मेले में घूमने के लिए आते हैं । मालपुर गुफा प्राचीन समय के साधु-संतों की भूमि मानी जाती है । प्राचीन समय में वहां पर साधु संत निवास करते थे ।
प्राचीन समय की बनी हुई गुफाएं आज भी वहां पर हम सभी को देखने को मिलती हैं । उन गुफाओं को देखने के लिए दूर-दूर से लोग आते हैं और आनंद की अनुभूति करते हैं ।
गुना शहर का सबसे प्रसिद्ध पर्यटक स्थल केदारनाथ के बारे में – गुना शहर से तकरीबन 60 किलोमीटर दूर स्थित केदारनाथ का मंदिर प्रसिद्ध पर्यटक स्थल है । यहां पर घूमने के लिए लोग आते हैं । केदारनाथ मंदिर की पहाड़ियों से पानी का झरना टपकता है । जिससे केदारनाथ की सुंदरता और भी अच्छी लगने लगती है ।काफी पर्यटक दूर-दूर से केदारनाथ पर्यटन स्थल पर घूमने के लिए आते हैं और आनंद की अनुभूति करते हैं ।केदारनाथ मंदिर प्राचीन समय से ही लोगों के लिए आस्था का केंद्र रहा है ।
गुना शहर एवं आसपास के लोग इस मंदिर के दर्शनों के लिए जाते हैं । जब भी कोई व्यक्ति इस पर्यटक स्थल पर जाता है वह आनंद की अनुभूति प्राप्त करता है । क्योंकि केदारनाथ मंदिर के आसपास की सुंदरता बहुत सुंदर है । केदारनाथ मंदिर को और भी भव्य बनाने के लिए निर्माण कार्य चालू है । पर्यटन विभाग के द्वारा काफी धन केदारनाथ के भव्य निर्माण के लिए दिया जा रहा है । जिससे कि केदारनाथ मंदिर का भव्य निर्माण पूरा हो सके ।
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