धनतेरस की कथा dhanteras ki katha
हेलो फ्रेंड्स कैसे हैं आप सभी दोस्तों आज का दिन बहुत ही खास है क्योंकि आज धनतेरस है,धनतेरस हमेशा दीपावली से 2 दिन पहले मनाया जाता है और इस दिन सभी का मानना है की लक्ष्मी जी की पूजा करने से घर में धन की कोई भी कमी नहीं होती है इस धनतेरस के दिन हम अपने घरों के द्वार पर दीपक रखते हैं और शाम को विधि पूर्वक पूजा करते हैं
आज हम आपको धन तेरस के इस पावन अवसर पर एक बहुत ही रोचक कथा सुनाने वाले हैं,पौराणिक कथा है एक बार विष्णु जी के मन में उत्सुकता हुई की धरती लोक के दर्शन करने के लिए जाए और उन्होंने अकेले ही धरती पर जाने का निर्णय लिया लेकिन लक्ष्मी जी को यह बात पता चली तो साथ चलने की जिद करने लगी.
भगवान विष्णु ने उन से मना किया लेकिन लक्ष्मी जी ने भगवान से कहां कि मुझे भी धरती के दर्शन करना है कृपया कर आप मुझे भी साथ ले चलो तो विष्णु जी ने एक शर्त लगाई की तुम मेरे साथ तो चलो लेकिन मैं जैसा कहूं वह बात मानना मेरी बात पर बिलकुल भी सवाल मत करना लक्ष्मी जी ने इस पर सहमति जताई है और भगवान विष्णु लक्ष्मी जी के साथ पृथ्वी लोक की ओर आगे बढ़ने लगे
अब वोह दोनों धरती पर जा पहुंचे तो विष्णु भगवान ने उनसे कहा कि अब तुम इस स्थान पर ही रुको मैं अभी आता हूं,विष्णु भगवान कहीं जाने लगे लक्ष्मीजी ने देखा कि जिस और वह जा रहे थे वहां पर बहुत ही हरे हरे वृक्ष लगे हुए हैं उनसे रहा नहीं गया वह भगवान विष्णु के पीछे पीछे जाने लगी तो उन्हें रास्ते में एक खेत दिखाई दिया माता लक्ष्मी ने उस खेत में से कुछ फल और भुट्टे तोड़ लिए,जब भगवान विष्णु ने पीछे मुड़कर देखा तो उन्हें पता चला की लक्ष्मी जी ने इस खेत में से फल तोड़ लिए हैं,तो वह माता लक्ष्मी से कहने लगे कि तुम ने इस किसान के खेत में से चोरी की है
इसलिए मैं तुम्हें 12 साल तक इस किसान की झोपड़ी में रुकने का आदेश देता हूं तब से लक्ष्मी जी 12 साल तक उस किसान की झोंपड़ी में रुकी उसके बाद जब 12 साल पूरे हुए तो विष्णु भगवान उनको लेने के लिए आये और जब बात उस किसान को पता चली तो उसने लक्ष्मी जी को जाने से रोका तो भगवान विष्णु कहने लगे कि ये तोह प्रायश्चित के कारण यहाँ पर रुकी थी,इनके 12 साल पूरे हो चुके है,अब इन्हें जाने दो.
जब किसान नहीं माना तोह लक्ष्मी मैया कहने लगी की अगर मनुष्य प्रत्येक कार्तिक कृष्ण पक्ष की तेरस को घर को स्बस्छ करके,दीपक जलाये और शाम को मेरी पूजा करे तोह में साल भर उनके घर में निवास करुँगी.
इसके बाद भगवन विष्णु और माँ लक्ष्मी वहा से चले गए,तब से हम सभी लक्ष्मी जी की इस दिन पूजा करते है.
दोस्तों आज का दिन हम सब के लिए बहुत ही पावन दिन है,हम सभी को पूरे मन से माँ लक्ष्मी जी की पूजा करनी चाहिए.
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