ब्रह्मगुप्त की जीवनी Brahmagupta biography in hindi

Brahmagupta biography in hindi

आज हम आपको ऐसे महान गणितज्ञ के बारे में बताने वाले हैं जिन्होंने गणित के क्षेत्र में एक महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है वैसे तो इन्होंने गणित से संबंधित बहुत सारे नियम बनाए थे लेकिन विशेषकर चक्रीय चतुर्भुज में इनका महत्वपूर्ण योगदान रहा है वास्तव में ये एक गणितज्ञ के साथ में एक ज्योतिष भी थे चलिए जानते हैं महान गणितज्ञ ब्रह्मगुप्त के बारे में

Brahmagupta biography in hindi
Brahmagupta biography in hindi

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जन्म और परिवार-

इनका जन्म भीनमाल नामक ग्राम में हुआ था लेकिन कुछ लोगो ने इनका जन्म स्थान पंजाब का भिल्नाल्का भी बताया है.इनके पिता का नाम विष्णु था ये एक वेश्य परिवार से थे.भास्कराचार्य के अनुसार वह चांप वंशी राजा के राज्य में रहते थे.ये राजा व्याघ्रमुख के समकालीन थे.ये उज्जैन में स्थित अन्तरिक्ष वैश्यशाला के प्रमुख थे.

दो ग्रंथों की रचना-

उस समय कई ग्रन्थ थे लेकिन कुछ ग्रन्थ नए ज्ञान से मेल रही रखते थे लेकिन ब्रह्मगुप्त ने अपने ग्रंथो में नवीनतम ज्ञान प्रदान किया है इनकी दो रचनाये ज्ञात है जो निम्नलिखित है
ब्रह्मगुप्त ने अपने जीवन में दो बहुत ही प्रसिद्ध ग्रंथों की रचना की थी इनमें से एक ग्रंथ का नाम ब्रह्म स्फुट सिद्धांत एवं दुसरे ग्रन्थ का नाम खंड खाघ है.

ब्रह्मस्फुट सिद्धांत इनका सबसे पहला ग्रन्थ है इस ग्रंथ में गणित के बारे में विस्तारपूर्वक बताया गया है साथ में ज्योतिष ज्ञान की भी इसमें जानकारी दी गई है इसमे अंकगणित,बीजगणित के बारे में बताया गया है. साथ में इन्होने शून्य को एक अलग अंक के रूप में प्रयोग किया है.इन्होने ऋणात्मक अंको से भी गणित करने का नियम इस ग्रन्थ में वर्णित किया है जिससे हर किसी की मदद हुयी है.

इन्होने चक्रीय चतुर्भुज का क्षेत्रफल निकालने के लिए दो सूत्र हम सभी को दिए है इनमे से एक सूत्र सन्निकट है,एवं दूसरा सूत्र यथातथ है.
इन्होने पृथ्वी की परिधि का भी ज्ञान कराया है.

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