भारत का इतिहास पर निबंध bharat ka itihas essay in hindi

bharat ka itihas essay in hindi

दोस्तों आज मैं आप लोगों को भारत के इतिहास के बारे में बताने जा रहा हूं कि हमारे भारत में क्या क्या हुआ था और हमारे भारत देश को आजादी दिलाने के लिए किन-किन महापुरुषों ने अपना बलिदान दिया था। अंग्रेजों को देश से बाहर निकालने के लिए कौन कौन से आंदोलन किए गए थे ,कौन-कौन से युद्ध हमारे भारत में किए गए ,कौन कौन सी सभ्यता हमारे भारत में थी यह हम जानेंगे ।

bharat ka itihas essay in hindi
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हमारे देश का इतिहास बड़ा ही दिलचस्प रहा है । आज भी जब हम हमारे देश के इतिहास के बारे में पढ़ते हैं तो हमें गर्व होता है कि हम भारत के निवासी हैं । हमारे देश में कई सभ्यताये थी जैसे कि सिंधु घाटी की सभ्यता , वैदिक सभ्यता और मौर्य , गुप्तों का युग आदि । हमारे देश के इतिहास में कई ऐसे राजाओं ने जन्म लिया है जिनका नाम आज भी इतिहास मैं लिया जाता है । जब हम इन राजाओं की कहानी और दास्तां पढ़ते हैं तो हमें इतना गर्व महसूस होता है कि हम भारत के निवासी हैं । जब हमारे देश को अंग्रेजों ने गुलाम बनाने के लिए भारत में ब्रिटिश कंपनी का आगमन हुआ था और ब्रिटिश कंपनी में अपना साम्राज्य भारत के चारो तरफ फैला लिया तब हमारे देश को गुलाम बना लिया था । देश की गरीब जनता पर अत्याचार करना , देश की महिलाओं पर अत्याचार करना अंग्रेजों का प्रतिदिन का काम बन गया था । किसानों पर कई तरह के अत्याचार अंग्रेजो के द्वारा किए गए थे । अंग्रेजों का विरोध जताने के लिए हमारे देश में कई वीरों ने जन्म लिया जिन्होंने हमारे देश को आजाद कराने के लिए अपनी महत्वपूर्ण भूमिका निभाई थी । हमारे देश को आजाद कराने के लिए कई राजा महाराजा ने भी योगदान दिया था । अब मैं आपको कुछ ऐसे युद्ध बताने वाला हूं जो देश को आजाद कराने के लिए किए गए थे ।

दोस्तों 23 जून 1757 को हमारे भारत में अंग्रेजों के खिलाफ आवाज उठाने के लिए प्लासी का युद्ध किया गया और यह युद्ध बंगाल में प्लासी नामक जगह पर किया गया था । रॉबर्ट क्लाइव और बंगाल के राजा सिराजुद्दौला के बीच यह युद्ध हुआ था । इस युद्ध में बंगाल का विभाजन किया गया था । यह युद्ध इसलिए किया गया था क्योंकि बंगाल के नवाब सिराजुद्दौला को अंग्रेजों से नफरत थी और वह बंगाल को अंग्रेजों के शासन के हवाले नहीं करना चाहते थे । जब अंग्रेजों की कूटनीति को देख कर यह लगा कि अंग्रेज कोलकाता पर राज करना चाहते हैं तब वहां के नवाब सिराजुद्दौला ने अंग्रेजों के विरुद्ध आवाज उठाई , काल कोठरी कांड के विरुद्ध आवाज उठाई गई क्योंकि सिराजुद्दौला ब्रिटिश सरकार को स्वीकार नहीं करना चाहते थे ।

स्वदेशी आंदोलन एक ऐसा आंदोलन माना जाता है जिस आंदोलन ने अंग्रेजी सरकार की धज्जियां उड़ा दी थी । यह आंदोलन 1905 में बंगाल विभाजन के बाद किया गया था । इस आंदोलन का एक ही मकसद था अंग्रेजों का विरोध करना । इस आंदोलन में देश के सभी लोग ने विदेशी वस्तुओं का विरोध जता कर एवं अंग्रेजो के द्वारा जो काम दिया गया था उसका विरोध जता कर किया था । एवं खाने-पीने की जो वस्तुएं हैं उन वस्तुओं को अपने हाथों के द्वारा बनाकर उपयोग लिया जाने लगा था । स्वदेशी वस्तुओं को अपनाया जाने लगा और यह विरोध कामयाब भी रहा था इस विरोध से अंग्रेज घबरा गए थे ।

इसके बाद हमारे भारत में प्रथम स्वतंत्रता संग्राम किया गया और 1857 की क्रांति में देश के सभी लोगों ने हिस्सा लिया । 1857 की क्रांति में कई भारतीय स्वतंत्रता सेनानियों ने हिस्सा लिया था । जैसे कि मंगल पांडे , तात्या टोपे और रानी लक्ष्मी बाई आदि । इन लोगों ने 1857 की क्रांति में भाग लिया था । हमारे देश को आजाद कराने के लिए अनेक आंदोलन किए गए थे । काकोरी कांड मैं अंग्रेजी सरकार की एक रेलगाड़ी हथियार और सोना चांदी एवं खजाने को लेकर सहारनपुर से लखनऊ की ओर जा रही थी तभी इस रेल गाड़ी को लूट लिया गया और इस रेलगाड़ी को लूटने के लिए राम प्रसाद बिस्मिल , चंद्रशेखर आजाद, अशफाक उल्ला खान और कई क्रांतिकारी मौजूद थे। यह घटना 9 अगस्त 1925 को हुई थी । हमारे देश को आजाद कराने के लिए सविनय अवज्ञा आंदोलन किया गया एवं अंग्रेजो का विरोध किया गया था ।

हमारे देश को आजाद कराने के लिए सबसे बड़ा जो आंदोलन माना जाता है वह नमक सत्याग्रह आंदोलन हैं । इसमें महात्मा गांधी जी ने दांडी मार्च निकालकर अंग्रेजों का विरोध जताया था । यह आंदोलन 12 मार्च 1930 को प्रारंभ किया गया था । इस आंदोलन में गांधीजी के साथ साथ कई क्रांतिकारियों ने इस आंदोलन में भाग लिया था । 12 मार्च 1930 से यह आंदोलन प्रारंभ किया गया और 6 अप्रैल 1930 को नमक बनाकर अंग्रेजों का विरोध जताया गया । इस आंदोलन का मुख्य उद्देश्य था कि हम भारतीयों को नमक बनाने का अधिकार होना चाहिए ।

भारत छोड़ो आंदोलन भी जबरदस्त आंदोलन था जो कि 9 अगस्त 1942 को कई स्वतंत्रता सेनानियों के द्वारा किया गया था । इस आंदोलन से अंग्रेज घबराए हुए थे की यह भारत के लोग अब आजादी लेकर ही दम लेंगे । इस तरह से हमारा देश का इतिहास बड़ा ही दिलचस्प रहा है । हमारे देश के इतिहास को सारी दुनिया पसंद करती है क्योंकि हिंदुस्तान को आजाद कराने के लिए सभी स्वतंत्रता सेनानियों ने अपनी जान की परवाह ना कर के देश को आजाद कराने के लिए अपना महत्वपूर्ण योगदान दिया था ।

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