हरतालिका तीज व्रत कथा Hartalika teej vrat katha in hindi
Hartalika teej vrat katha in hindi
दोस्तों आज हम लाए हैं आपके लिए एक बहुत ही बेहतरीन धार्मिक कथा
माता गौरी ने हिमालय के यहां पार्वती के रूप में जन्म लिया.पार्वती धीरे-धीरे बड़ी हुई वह शिव शंकर से विवाह करना चाहती थी इसलिए उन्होंने 12 वर्षों तक तपस्या की.उन्होंने बरसात के दिनों में जल में रहकर घोर तपस्या की, उन्होंने गर्मी में भी यज्ञ के सामने बैठकर तपस्या की यह सब देखकर भगवान विष्णु बहुत प्रसन्न हुए उन्होंने हिमालय की पुत्री पार्वती से शादी करने की बात हिमालय से कही.
हिमालय यह बात सुनकर प्रसन्न थे लेकिन जब यह बात पार्वती को पता लगी तो वह बहुत ही दुखी हूंई क्योंकि वह तो सिर्फ भगवान शिव से विवाह करना चाहती थी इसलिए वह अपनी सखी को लेकर जंगल में चली गई और वहां पर उन्होंने एक बार फिर से भगवान शिव की घोर तपस्या की.भगवान शिव प्रसन्न होकर उनके समक्ष प्रस्तुत हुए.
पार्वती ने शिव शंकर से शादी करने को कहा तब भगवान शिव ने ये वर दे दिया कि वह पति के रुप में उन्हें मिलेंगे.इधर हिमालय अपनी पुत्री पार्वती को खोजते खोजते वहां आ गए उन्होंने अपनी पुत्री से इस दुख का कारण पूछा तो उन्होंने अपने पिता हिमालय को बताया कि वह शिव शंकर से शादी करना चाहती हैं यह सुनकर हिमालय ने भगवान शिव से पार्वती की शादी करवा दी यही हरतालिका तीज की कथा है.
हरतालिका तीज हर साल भादो की शुक्ल तृतीया को मनाई जाती है
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