भारत की धार्मिक समस्याये और उनका समाधान कैसे निकालें?

दोस्तों नमस्कार, मैं कमलेश कुशवाह आप सभी का इस आर्टिकल में स्वागत करता हूं। दोस्तों आज का मेरा विषय अभी हाल ही में भारत में हुई कुछ एक्टिविटी के खिलाफ और देश को एक नई राह पर चलाने के बारे में है

आप सभी जानते हैं कि दिल्ली और लखनऊ में हजारों लोगों ने हिंदू धर्म को त्याग कर बौद् धर्म को अपनाया है क्या यह सही है?

हम सभी को मिलकर क्या करना चाहिए क्या इसके खिलाफ आवाज उठानी चाहिए या नहीं, इन सभी सवालों के जवाब आपको जरूर ही इस आर्टिकल में मिलेंगे

आपने एक कहावत तो सुनी होगी की गलती दोनों पक्षों की होती है और उस गलती को स्वीकार करके जितनी जल्दी सुधार किया जा सके उतनी जल्दी सुधार करना चाहिए।

सबसे पहले बात करते हैं ऐसे लोगों के बारे में जिन्होंने धर्म परिवर्तन किया है। मैं यह मानता हूं कि धर्म परिवर्तन करना किसी भी समस्या का हल नहीं हो सकता, बिल्कुल भी हल नहीं हो सकता क्योंकि हर धर्म में अच्छे और बुरे लोग तो मिलेंगे ही।

अगर आप सोचते हैं कि आपने बौद्ध धर्म अपना लिया तो आपकी समस्या का निदान हो गया ऐसा नहीं होगा लेकिन कुछ लोग अपने स्वार्थवश लोगों को धर्म परिवर्तन के लिए बढ़ावा दे रहे हैं, ऐसे लोगों को समझना चाहिए की किसी भी धर्म से बढ़कर होता है इंसानियत का धर्म।

सच मानिए जो व्यक्ति सत्य, ईमानदारी, अच्छे कर्म करता है उसको किसी धर्म को मानने की ज्यादा जरूरत ही नहीं होती क्योंकि ईश्वर हमेशा उससे खुश रहते है और जो व्यक्ति इन राहों पर नहीं चलता वह किसी भी धर्म को माने लेकिन उसका हमेशा विनाश होता है।

धर्म परिवर्तन करने वाले लोगों का मानना है की जाति की वजह से उन्हें परेशान किया जाता है लेकिन सच मानिए जातिवाद तो इससे पहले और भी ज्यादा था लेकिन आज के समय में जातिवाद बहुत ही कम हो चुका है फिर भी यह लोग धर्म परिवर्तन कर रहें है क्योंकि लोग बहकावे में आ रहे हैं, उन्हें समझना चाहिए आप भले ही अपनी इच्छा से धर्म परिवर्तन करें लेकिन आपका यह कहना कि हम श्री राम, कृष्ण, शिव, मां दुर्गा आदि को नहीं मानेंगे एक तरह से अपमान है, आप भले ही मत मानिए लेकिन यह कहना सही नहीं है, इससे ऐसे लोग पाप के भागी बनते हैं।

अगर धर्म परिवर्तन कर रहे लोगों के साथ कुछ गलत हुआ है या उन्हें जाति की वजह से प्रताड़ित किया जाता है, किसी भी तरह से परेशान किया जाता है तो उसके खिलाफ वो आवाज उठा सकते हैं।

एक पक्ष भी सोचिए कि केवल कुछ बुरे ब्राह्मणों या बुरे उच्च जाति वाले लोगों की वजह से क्या आप सभी ब्राह्मणों या उच्च जाति वर्ग के लोगों को दोषी ठहरा सकते हैं, यह बिल्कुल सही नहीं है।

मैंने पहले भी बोला है कि अच्छे और बुरे लोग हर जगह मिलेंगे आप ऐसे लोगों से बच नहीं सकते।

देश में कुछ लोग ऐसे हैं जो हमेशा हिंदू धर्म के बारे में बुरा भला कहते रहते हैं, बिना सोचे समझे बड़े-बड़े विद्यान, महात्मा, पंडितो, आचार्यों का अपमान करते रहते हैं, बिना सोचे समझे अपमान करना सबसे बड़ी भूल है।

उदाहरण के तौर पर यदि आप बागेश्वर धाम बालाजी सरकार या अनुरुद्द्याचार्य महाराज जी का अपमान कर रहे हैं, उन्हें पाखंडी बता रहे हैं तो साबित कीजिए कि वह पाखंडी हैं।

जो पाखंडी होता है उसको पाखंडी कहने की जरूरत नहीं पड़ती आजकल के इस वैज्ञानिक युग में, इस आधुनिक युग में पाखंडी को जनता कुछ ही दिनों में पकड़ लेती है।

यदि कोई किसी को पाखंडी कहता है तो उसे पाखंडी साबित कीजिए, उसके खिलाफ कंप्लेंट कीजिए, उसे साबित कीजिए

सिर्फ बिना सोचे समझे किसी को पाखंडी कहना दुनिया की सबसे बड़ी मूर्खता है इसलिए बिना सोचे समझे कुछ भी नहीं कहना चाहिए। कोई कितना भी बड़ा व्यक्ति क्यों ना हो उसको दुनिया की हर एक चीज का ज्ञान हो ही नहीं सकता इस बात को हमें समझना चाहिए और किसी को बिना सोचे समझे पाखंडी नहीं कहना चाहिए।

बिना सोचे समझे किसी धर्म के खिलाफ बोलना, महात्माओं एवं पंडितों का अपमान करना यह मूर्खता है, ऐसे लोगों को कड़ी से कड़ी सजा मिलनी चाहिए, संविधान में ऐसा प्रावधान होना चाहिए कि ऐसे लोगों को कड़ी से कड़ी सजा जल्द से जल्द मिले।

मेरा दूसरा पक्ष यह है की आखिर यह धर्म परिवर्तन क्यों हो रहा है? क्या इसकी पूरी गलती सिर्फ उन लोगों की है जो धर्म परिवर्तन कर रहे हैं? ऐसा नहीं है इसकी गलती हिंदू धर्म के कुछ लोगों की भी है, हिंदू धर्म के कुछ लोग वास्तव में बुरे हैं, जो धर्म तो हिंदू मानते हैं लेकिन हमेशा धर्म के विपरीत कार्य करते हैं, जो निम्न वर्ग के लोगों के साथ बहुत ज्यादा छुआछूत करते हैं, उनका अपमान करते हैं, उपहास उड़ाते हैं ऐसे लोग पंडित भी हो सकते हैं और कुछ उच्च जाति के लोग भी हो सकते हैं, ऐसे लोगों को सुधरने की जरूरत है तभी हम समाज में हो रहे इस तरह के धर्म परिवर्तन को रोक सकेंगे।

नया भारत नई सोच

यदि वास्तव में हम निम्न वर्ग के साथ हो रहे भेदभाव, शोषण आदि को खत्म करने में कामयाब हो जाएं तो धर्म परिवर्तन जैसी समस्या हो सकता है सामने देखने को ना मिले लेकिन वास्तव में कुछ लोग होते ही ऐसे हैं जो बिना वजह ही धर्म परिवर्तन करने के लिए लोगों को जागरूक करते हैं, कुछ लोग ऐसे लोगों की चपेट में आ जाते हैं।

ऐसे हिंदू भाइयों को मैं सचेत करना चाहूंगा, एक बार और कहना चाहूंगा कि चाहे कोई सा भी धर्म हो आपको अच्छे और बुरे लोग हर जगह मिलेंगे।

आप सोचो कि उस धर्म में बुरे लोग नहीं होंगे, हमारे साथ ऐसा नहीं होगा तो आपकी सबसे बड़ी भूल है।

हम सभी को हिंदू धर्म पर गर्व करना चाहिए, हमारे भारत देश पर गर्व करना चाहिए और धर्म परिवर्तन का बहिष्कार करना चाहिए क्योंकि मुसीबत से भागना किसी समस्या का हल नहीं है बल्कि किसी बड़ी समस्या को जन्म देना है। केवल कुछ गिने-चुने बुरे लोगों की वजह से ऐसा तो हो नहीं सकता कि सभी बुरे हों।

हम सभी को सबसे पहले इंसानियत को सबसे बड़ा धर्म समझना चाहिए, इंसानियत के मार्ग पर चलना चाहिए, उसके बाद किसी धर्म के मार्ग पर चलना चाहिए, बिना सोचे समझे कुछ भी किसी के बारे में नहीं बोलना चाहिए।

किसी के भी साथ अत्याचार, भेदभाव नहीं करना चाहिए। हमेशा मिलजुलकर समाज में रहना चाहिए। यदि कोई व्यक्ति किसी भी धर्म के बारे में गलत कहता है, किसी देवी देवता के बारे में बिना सोचे समझे गलत बोलता है तो सरकार को चाहिए कि बहुत ज्यादा सख्त के साथ उसके खिलाफ जल्द से जल्द कार्रवाई करें। वास्तव में तभी एक उज्जवल भारत का विकास हो सकता है।

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