मिट्टी के तत्व पर निबंध mitti ke tatva essay in hindi
mitti ke tatva essay in hindi
दोस्तों आज हम आपके लिए लाए हैं मिट्टी के तत्व पर हमारे द्वारा लिखित यह निबंध आप इसे जरूर पढ़ें और मिट्टी के तत्वों के बारे में जानकर इस विषय पर निबंध लिखने की तैयारी करें तो चलिए पढ़ते हैं आज के हमारे इस निबंध को। हम सभी के जीवन में मिट्टी सबसे महत्वपूर्ण है।
आज हम देखें तो हम सभी मिट्टी पर निर्भर हैं। आज हम सभी कई तरह के फल फूल, सब्जियां आदि का उपयोग करते हैं वह सब्जी या फल मिट्टी में ही उगाई जाती हैं लेकिन किसी कारणवश या मनुष्य के क्रियाकलापों की वजह से हम हमारी मिट्टी को काफी नुकसान पहुंचा रहे हैं। मिट्टी में कई तरह के आवश्यक पोषक तत्व होते हैं जो मिट्टी के लिए काफी महत्वपूर्ण होते हैं। यदि मिट्टी से वह तत्व नष्ट होने लगे तो पेड़ पौधे या फसलों की पैदावार में काफी कमी आती है जिसकी वजह से हम सभी को काफी नुकसान होता है।
मिट्टी में होने वाले कुछ तत्व- मिट्टी में कई तरह के तत्व होते हैं जो उसकी उर्वरक क्षमता के लिए काफी महत्वपूर्ण होते हैं इनमें से कुछ महत्वपूर्ण तत्व जैसे कि जिंक, सल्फर, फास्फोरस, नाइट्रोजन, पोटाश आदि होते हैं। यदि इनमें से किन्हीं पोषक तत्वों की कमी होती है तो कई तरह की समस्याएं हमको झेलना पड़ती हैं, फसलों की पैदावार से किसानों को काफी समस्याओं का सामना करना पड़ता है।
पोषक तत्वों की कमी से नुकसान- जिंक और सल्फर जैसे तत्वों में कमी आने से मिट्टी की जो उर्वरक क्षमता रहती है उसमें कमी आती है जिससे पैदावार भी कम होती है। फास्फोरस, पोटाश और नाइट्रोजन जैसे पोषक तत्वों की कमी की वजह से फसलों की वृद्धि रुक जाती है।
बोरोन जैसे तत्वों की कमी की वजह से गेहूं की जो फसल किसान उगाते है उसमें दाने नहीं लगने देती जिस वजह से किसानों को कई तरह की समस्याओं का सामना करना पड़ता है, फसल पैदावार ना होने की वजह से देश के किसान आत्महत्या तक करने के लिए मजबूर हो जाते हैं इसलिए इस तरह की समस्याओं की ओर जागरूक होना चाहिए और इनसे बचना चाहिए।
पोषक तत्वों की कमी होने के कारण- पोषक तत्व की कमी के कई सारे कारण होते हैं। आज हम देखें तो किसान पहले की तरह ऑर्गेनिक खेती नहीं करता जिस वजह से मिट्टी की उर्वरक क्षमता पैदावार आदि में कमी आती है। पहले किसान गोबर एवं हरी खाद का उपयोग करते थे इन सभी तरह के उपाय अब नहीं किए जाते।
अब लोग कई तरह के ऐसे तेजी से पैदावार बढ़ाने वाले हानिकारक केमिकलो का खेती में उपयोग करते हैं जिससे भले ही पैदावार कुछ समय तक बढ़ जाए लेकिन आखिर में मिट्टी के पोषक तत्वों को नुकसान ही होता है जिस वजह से कृषि से पैदावार आगे चलके कम होती है और भविष्य में किसानों को कई तरह की समस्याओं से जूझना पड़ता है इसलिए हम सभी को खेती करना चाहिए और गोबर एवं हरी खाद एवं वर्मी कंपोस्ट का उपयोग करना चाहिए।
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