धर्मनिरपेक्षता पर निबंध dharmnirpekshta essay in hindi

dharmnirpekshta essay in hindi

धर्मनिरपेक्ष राज्य के विचार और उसके चरित्र को प्रदर्शित करता है । धर्मनिरपेक्ष राज्य में लोगों को अपने अनुसार धर्म को अपनाने का अधिकार होता है । धर्मनिरपेक्ष राज्य में कभी भी किसी एक धर्म को बढ़ावा नहीं दिया जाता है । किसी धर्म के व्यक्ति को दूसरे धर्म के व्यक्ति की धार्मिक भावनाओं को ठेस पहुंचाने का अधिकार नहीं है । धर्मनिरपेक्ष राज्य अपना कोई एक धर्म निश्चित नहीं करता है । जो राज्य धर्म सापेक्ष होते हैं वह अपना एक धर्म मानते हैं और उसी धर्म का प्रचार प्रसार करते हैं । उनको दूसरे धर्म के लोगों से कुछ भी लेना देना नहीं होता है । अब हम आपको बताना चाहते हैं कि धर्म सापेक्ष राज्य किस तरह के होते हैं जैसे कि पाकिस्तान वहां पर इस्लाम धर्म को माना गया है और कई अरब राष्ट्रों में भी इस्लाम धर्म को माना गया है । ऐसे देश धर्म सापेक्ष राज्य माने जाते हैं और वहां पर अन्य धर्म को बढ़ावा नहीं दिया जाता है।

dharmnirpekshta essay in hindi
dharmnirpekshta essay in hindi

हमारे देश भारत में सभी धर्म के लोगों को अपनाया जाता है और किसी एक धर्म को बढ़ावा नहीं दिया जाता है । इसलिए हमारे देश को धर्मनिरपेक्ष राज्य कहा जाता है । हमारे देश के सभी धर्म के तीर्थ स्थलों को प्रमुख माना जाता है । कोई भी व्यक्ति दूसरे धर्म के व्यक्ति के खिलाफ नहीं बोलता है । हमारे देश का कानून भी दूसरे धर्म के लोगों को बुरा भला कहने का अधिकार नहीं देता है । मैं यह कहना चाहता हूं की जो व्यक्ति सभी धर्म के लोगों का मान सम्मान करता है वही सबसे बड़ा इंसान होता है और हमारे देश के सभी लोग सभी धर्म के लोगों के साथ बैठते हैं बातचीत करते हैं इसलिए हमारे देश को धर्मनिरपेक्ष देश कहा गया है ।

जो लोग हमारे देश में धर्म के नाम पर लड़ाई दंगे फसाद करवाते हैं उनको सजा दी जाती है । हमारे देश में सभी को धार्मिक स्वतंत्रता दी गई है और सभी व्यक्ति को किसी भी धर्म को मानने का अधिकार दिया गया है । हमारे देश के सभी लोगों को किसी भी धर्म को अपना कर धार्मिक जीवन जीने का अधिकार दिया गया है । किसी भी व्यक्ति को धर्म के नाम पर लड़ने का दंगा फसाद करने का अधिकार नहीं दिया गया है। वह किसी धर्म का विरोध नहीं कर सकता है और किसी के धार्मिक आस्था के खिलाफ गलत नहीं कह सकता है । अगर वह किसी धर्म के व्यक्ति से उसके धर्म के बारे में गलत बोलता है तो वह हमारे भारत सरकार के कानून के हिसाब से सजा पा सकता है ।हमारे देश में सभी को सभी धर्म तीर्थ स्थलों पर घूमने का अधिकार होता है । हमारे देश के महान नेता महात्मा गांधी जी ने भी एक बात कही है कि विश्व में जितने भी धर्म है सभी धर्म वृक्ष की शाखाओं के समान हैं । इस शाखा में से अगर एक डाली भी काटी जाए तो पूरा पेड़ सुंदर नहीं दिखाई देगा । इसलिए हमें सभी धर्मों का सम्मान करना चाहिए । हमें महात्मा गांधी जी के विचारों सेसभी धर्म के लोगों को अपनाना चाहिए ।

प्राचीन काल में हमारे भारत देश के कई राजाओं ने एशिया और यूरोप में धर्म के नाम पर युद्ध किए हैं। भारत में धार्मिक सहिष्णुता का परिचय दिया है । हमारे भारत के महान सम्राट अशोक चंद्रगुप्त, विक्रमादित्य एवं हर्षवर्धन के जो राज्य थे वहां पर किसी भी तरह का धार्मिक भेदभाव नहीं किया जाता था और वहां पर सभी धर्म के लोगों को सम्मान दिया जाता था । अब हम बात करते हैं मध्यकाल की मध्यकाल में भी सभी को अपने धर्म को अपनाने का अधिकार था । उस समय जब अकबर का राज था तब अकबर ने सभी व्यक्तियों को अपने अपने धर्म को अपनाने का अधिकार दिया था।

दोस्तों यह आर्टिकल धर्मनिरपेक्षता पर निबंध dharmnirpekshta essay in hindi आपको अच्छा लगे तो शेयर जरूर करें धन्यवाद।

Add a Comment

Your email address will not be published. Required fields are marked *