वशिष्ठ मंदिर मनाली का इतिहास Vashisht temple manali history in hindi
Vashisht temple manali history in hindi
Vashisht temple – दोस्तों आज हम आपको इस आर्टिकल के माध्यम से हिमाचल प्रदेश राज्य के मनाली में स्थित वशिष्ठ मंदिर के बारे में बताने जा रहे हैं । तो चलिए अब हम आगे बढ़ते हैं और इस आर्टिकल को पढ़कर मनाली में स्थित वशिष्ठ मंदिर के बारे में जानकारी प्राप्त करते हैं ।

मनाली में स्थित वशिष्ठ मंदिर के बारे में – भारत देश के हिमाचल प्रदेश राज्य के मनाली में स्थित वशिष्ट मंदिर बहुत ही अद्भुत , सुंदर और चमत्कारी मंदिर है । इस मंदिर से काफी लोगों की आस्था जुड़ी हुई है । वशिष्ट मंदिर वशिष्ट गांव में बना हुआ है । इस मंदिर के दर्शन करने के लिए दूर-दूर से लोग आते हैं और मंदिर के दर्शन करके आनंद प्राप्त करते हैं । मनाली में स्थित वशिष्ठ मंदिर पर प्रतिदिन हजारों की संख्या में लोगों का जमावड़ा एकत्रित होता है और सभी लोग मंदिर की सुंदरता को देखकर आनंद प्राप्त करते हैं । मनाली में स्थित वशिष्ठ मंदिर महान ऋषि वशिष्ठ को समर्पित है ।
भारत के हिंदू धर्म के महान ऋषि वशिष्ठ जी राम भगवान के कुल गुरु थे । उनके नाम पर ही इस गांव का नाम वशिष्ठ पड़ा था । इसके बाद महान ऋषि वशिष्ठ की मूर्ति स्थापित कर वशिष्ठ मंदिर का निर्माण यहां पर कराया गया था । मनाली में स्थित वशिष्ठ मंदिर को लेकर एक कथा भी कही जाती है । इस कथा के अनुसार जब ऋषि वशिष्ठ के पुत्रों को विश्वामित्र के द्वारा मार दिया गया था तब ऋषि वशिष्ठ बहुत दुखी हो गए थे और उन्होंने अपने प्राण त्यागने का फैसला कर लिया था । ऋषि वशिष्ठ ने प्राण त्यागने का फैसला करके बिपाशा नदी मे आत्महत्या करने के लिए चले गए थे ।
परंतु नदी ने ऋषि वशिष्ठ के प्राण लेने से मना कर दिया था । इसके बाद ऋषि वशिष्ठ ने वही पर एक गांव स्थापित किया जो गांव उन्हीं के नाम पर पड़ा । वशिष्ठ गांव मे जो वशिष्ठ मंदिर बनाया गया था वह मंदिर ऋषि वशिष्ठ को ही समर्पित है । मंदिर के अंदर ऋषि वशिष्ठ की एक सुंदर प्रतिमा स्थित है जो काले रंग के पत्थर की बनी हुई है । जब भक्त गण ऋषि वशिष्ठ के दर्शन करते हैं तब वह प्रतिमा के सामने अपना माथा टेककर ऋषि वशिष्ठ से आशीर्वाद प्राप्त करते हैं । वशिष्ट मंदिर के साथ-साथ यहां पर राम भगवान का एक सुंदर मंदिर भी स्थित है जिस मंदिर के अंदर राम सीता , लक्ष्मण और हनुमान जी की प्रतिमा है ।
जब कोई भक्तगण मनाली में स्थित वशिष्ठ मंदिर के दर्शन करने के लिए जाता है तब वह राम भगवान के मंदिर के भी दर्शन करता है जिससे वह अपने जीवन में खुशी और आनंद प्राप्त करता है । वशिष्ट मंदिर के पास एक सुंदर गर्म पानी की झील भी है । जिस झील के बारे में ऐसा कहा जाता है कि इस झील का पानी बहुत ही पवित्र है । जो भी व्यक्ति इस झील के पानी में स्नान करता है उसके शरीर के सभी दुख दर्द दूर हो जाते हैं । कई लोगों की इस पानी में स्नान करने के बाद बीमारी भी दूर हो गई है । मनाली में स्थित वशिष्ट मंदिर सुबह 7:00 बजे से दिन में 1:00 बजे तक खुलता है ।
इसके बाद मंदिर 4:00 बजे से रात्रि 9:00 बजे तक खुलता है । जिस समय यह मंदिर खुलता है उस समय भक्तों की काफी भीड़ यहां पर देखी जाती है और सभी भक्त लाइन में लगकर एक-एक करके भगवान ऋषि वशिष्ठ के दर्शनों के लिए जाते हैं और ऋषि वशिष्ठ के दर्शन करके सभी भक्तगण अपने जीवन में आनंद प्राप्त करते हैं । जिस नदी में ऋषि वशिष्ठ आत्महत्या करने के लिए जा रहा है आज वह नदी व्यास नदी के नाम से पहचानी जाती है । इसके साथ साथ वशिष्ट गांव में और भी कई पर्यटन स्थल है जहां पर लोग घूमने के लिए जाते हैं और वहां की सुंदरता को देखकर आनंद प्राप्त करते हैं ।
वशिष्ठ मंदिर के साथ-साथ वहां पर ओल्ड मनाली स्थित है । जहां पर लोग घूमने और ओल्ड मनाली की सुंदरता को देखने के लिए जाते हैं । ओल्ड मनाली सुंदर-सुंदर कैफे और रेस्टोरेंट के लिए सबसे अधिक प्रसिद्ध है । जहां की सुंदरता वाकई में दर्शनीय हैं । पहाड़ी इलाके में भी लोग घूमने के लिए जाते हैं । मंदिर के अंदर जो सुंदर ऋषि वशिष्ठ की प्रतिमा है वह प्रतिमा इतनी सुंदर है कि जो भी व्यक्ति उस प्रतिमा के दर्शन करता है उसे ऐसा प्रतीत होता है कि मानो महर्षि वशिष्ठ हमारे सामने बैठे हैं ।
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