वैदिक काल या सभ्यता का इतिहास Vaidik kal ya sabhyata history in hindi

vaidik sabhyata history in hindi

Vaidik kal ya sabhyata – दोस्तों आज हम आपको इस आर्टिकल के माध्यम से वैदिक काल सभ्यता के इतिहास के बारे में बताने जा रहे हैं । चलिए अब हम आगे बढ़ते हैं और वैदिक काल सभ्यता के इतिहास के बारे में जानकारी प्राप्त करते हैं ।

Vaidik kal ya sabhyata history in hindi
Vaidik kal ya sabhyata history in hindi

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वैदिक काल सभ्यता के बारे में – हमारे भारत देश की सबसे प्राचीन संस्कृति हड़प्पा संस्कृति का जब पतन हुआ तब भारत में नई सभ्यता की शुरुआत हुई थी और उस सभ्यता को नाम दिया गया था वैदिक सभ्यता ।  भारत की सबसे प्राचीनतम सभ्यता  वैदिक सभ्यता  में वैदिक काल को दो भागों में विभाजित किया गया था । जिसका पहला भाग  ऋग्वैदिक था जो 1500 से 1000 ईसवी पूर्व के समय का हैं । दूसरा भाग उत्तर वैदिक काल था जो 1000 से 600 ईसवी पूर्व का हैं ।  वैदिक काल सभ्यता को प्रारंभ करने का श्रेय आर्य को जाता है ।

आर्य सर्वप्रथम अफगानिस्तान एवं पंजाब में जाकर बसे थे और वहीं से आर्य लोगों का आगमन हुआ था । मैक्स मूलर के द्वारा यह पता चलता है कि आर्यों का निवास स्थल मध्य एशिया ही था । आर्यों के द्वारा जो सभ्यता विकसित हुई थी वही सभ्यता आने वाले समय में वैदिक सभ्यता कहलाई थी ।इसीलिए वैदिक सभ्यता के निर्माण में आर्यों का महत्वपूर्ण योगदान रहा है । आर्यों के द्वारा जो सभ्यता विकसित की गई थी वह सभ्यता ग्रामीण सभ्यता थी । कहने का तात्पर्य यह है कि आर्यों के माध्यम से ग्रामीण क्षेत्रों से इस वैदिक काल सभ्यता की शुरुआत की गई थी ।

इस तरह से हड़प्पा संस्कृति के पतन के बाद आर्यों के माध्यम से वैदिक सभ्यता की शुरुआत की गई थी । वैदिक काल सभ्यता के दौरान कई सांस्कृतिक सभ्यताएं लोगों के द्वारा अपनाई गई थी । वैदिक काल में शिक्षा का भी उदय हुआ था और वैदिक काल से ही लोगों ने ज्ञान को पाने के लिए अपने कदम आगे बढ़ाए थे । वैदिक काल सभ्यता में धार्मिक संस्कृतियों की उत्पत्ति भी हुई थी और सभी लोग देवी देवता और भगवान के प्रति आस्था विश्वास करने लगे थे । वैदिक सभ्यता एक ऐसी सभ्यता रही है जो कई बदलाव के साथ प्रारंभ हुई थी ।

वैदिक काल के समय राजतंत्रात्मक प्रणाली अपनाई जाती थी । ग्रामीण क्षेत्र का जो माननीय व्यक्ति होता था उस व्यक्ति को मुखिया कहा जाता था । वैदिक काल के समय विश का प्रधान विशपति जन  का जो शासक होता था उस शासक को राजन कहा जाता था और पूरी प्रजा उसके बताए गए रास्ते पर चलती थी ।

वैदिक काल में ऋग्वैदिक कालीन देवता के बारे में – ऋग्वैदिक कालीन देवता के रूप में इंद्र देवता को सभी मानते थे और  वैदिक काल के समय इंद्र देवता को वर्षा का देवता एवं युद्ध का देवता माना जाता था ।  वैदिक काल के समय  सभी लोग  इंद्र देवता की पूजा  करने में विश्वास रखते थे । इसके बाद  वैदिक काल के समय  अग्नि देव , देवता और  मनुष्य के बीच मध्यस्थ का कारण थे । इसके बाद वरुण देवता को भी लोग पूजनीय मानते थे और वरुण देवता को सूर्य का निर्माता , पृथ्वी का निर्माता माना जाता था । इसीलिए वरुण को समुद्र देवता के रूप में भी पूजा जाता था ।

घौ को आकाश का देवता मानते थे । इस तरह से वैदिक काल सभ्यता के समय इन सभी देवी देवताओं को सभी पूजनीय मानते थे और इनकी पूजा करते थे । वैदिक काल के समय देवी देवताओं की पूजा करने से सभी को मन की शांति प्राप्त होती थी और वह अपने जीवन में खुश रहते थे । इसके बाद वैदिक काल के समय सोम को भी पूजा जाता था और सोम को वनस्पति देवता के रूप में सभी पूजते थे । इसके बाद ऊषा को भी सभी पूजनीय मानते थे और इनकी पूजा सभी प्रगति एवं उत्थान देवता के रूप में करते थे । आश्विन की भी पूजा वैदिक काल के समय की जाती थी और सभी लोग आश्विन को विपत्तियों को हरने वाले देवता के रूप में पूजते थे ।

इसके बाद पूषन  देव को भी वैदिक काल में सभी लोग पूजते थे । सभी का मानना था कि पूषन देव पशुओं के देवता थे । इन सभी देवताओं के साथ विष्णु भगवान की पूजा भी वैदिक काल के समय की जाती थी और विष्णु भगवान को सभी पालनकर्ता एवं विश्व के संरक्षक मानते थे । वैदिक काल के समय मे सभी लोग विष्णु भगवान की पूजा अर्चना करने में विश्वास रखते थे और उनको विश्व का निर्माता मानते थे । विष्णु भगवान के साथ-साथ मरुत देव को भी वैदिक काल के समय सभी लोग पूजते थे । मरुत देव को सभी तूफान और आंधी का देवता मानते थे और उनकी पूजा करते थे ।

इस तरह से वैदिक काल सभ्यता के दौरान सभी लोगों की आस्था धर्म से जुड़ी हुई थी ।

वैदिक सभ्यता को जन्म देने वाले आर्यों की भाषा के बारे में – वैदिक काल के समय जब आर्यों के द्वारा वैदिक काल की सभ्यता को पूरी दुनिया में फैलाया गया तब वैदिक काल के समय आर्यों के द्वारा संस्कृत भाषा का उपयोग किया जाता था । इसलिए आर्यों की भाषा संस्कृत मानी जाती है ।

वैदिक काल के समय आर्यों के द्वारा उपयोग में लाई गई प्रशासनिक इकाई के बारे में – वैदिक काल के समय आर्यों के द्वारा निम्न पांच प्रकार की ईकाई का उपयोग किया गया था जिन ईकाईओ के नाम इस प्रकार से हैं । ग्राम , कुल , विश , राष्ट्र और जन आदि । इस तरह से वैदिक काल के समय आर्यों के द्वारा इन सभी इकाइयों का उपयोग किया गया था ।

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