टिड्डी दल पर निबंध Tiddi dal essay in hindi

Tiddi dal essay in hindi

Tiddi dal – दोस्तों आज हम आपको इस आर्टिकल के माध्यम से टिड्डी दल पर लिखे निबंध के बारे में बताने जा रहे हैं । तो चलिए अब हम आगे बढ़ते हैं और इस आर्टिकल को पढ़कर टिड्डी दल पर लिखे निबंध के बारे में विस्तृत जानकारी प्राप्त करते हैं ।

Tiddi dal essay in hindi
Tiddi dal essay in hindi

टिड्डी दल के बारे में –  टिड्डी दल वह दल है जो पाकिस्तान की सीमा के अंदर से टिड्डी दल का एक बहुत बड़ा झुंड भारत की सीमा के अंदर प्रवेश कर रहा है जिसके कारण काफी नुकसान भारतीय किसानों को झेलना पड़ रहा है ।कई समय से पाकिस्तान के सीमावर्ती इलाकों से तकरीबन 20 से 25 टिड्डी दलों का झुंड भारत के इलाकों में प्रवेश कर रहा है । टिड्डी दल के कारण भारत के जोधपुर , बीकानेर , जैसलमेर जैसे इलाकों को काफी नुकसान हुआ है । बीकानेर , जोधपुर , जैसलमेर के किसानों की फसलों पर भी टिड्डी दल हमला कर रहा है ।

कुछ लोगों का टिड्डी दल के बारे में यही कहना है कि पाकिस्तान सीधे भारत को किसी भी तरह से नुकसान नहीं पहुंचा सकता है । बॉर्डर पर यदि पाकिस्तान के सैनिकों के द्वारा कुछ गलती की गई तो उनको खामियाजा भुगतना पड़ेगा । विश्व स्तर पर भी पाकिस्तान भारत से पीछे है और विश्व स्तर पर भी पाकिस्तान भारत से कभी भी नहीं जीत सकता है । जब पाकिस्तान ने यह देखा कि वह भारत से नहीं जीत सकता है तब उसने टिड्डी दल को भारत की सीमा के अंदर प्रवेश करा दिया हैं जिससे कि किसानों की फसल बर्बाद हो जाए और भारत की आर्थिक स्थिति कमजोर हो जाए ।

जब पाकिस्तान से टिड्डी दल की संख्या में बढ़ोतरी हुई तब भारत सरकार के द्वारा टिड्डी दल को खत्म करने के लिए सीमावर्ती इलाकों पर खासी नजर रखी जाने लगी थी । टिड्डी दल का नाश करने के लिए अंतरराष्ट्रीय टिड्डी नियंत्रण संगठन और कृषि विभाग के अधिकारियों के द्वारा टिड्डी दल को नष्ट करने का काफी प्रयास किया गया था ।केमिकल के छिड़काव से टिड्डी दल को नष्ट करने का प्रयास भी भारत सरकार के द्वारा किया गया था । परंतु यह सभी प्रयास विफल हो गए थे क्योंकि अधिक संख्या में टिड्डी दल पाकिस्तान से भारत में प्रवेश कर गए थे ।

जब किसानों को टिड्डी दल से काफी नुकसान होने लगा तब किसान काफी परेशान होने लगे थे क्योंकि वह अपनी फसल को बचाने के लिए दिन रात मेहनत करते थे । जब टिड्डी दल किसानों की फसलों को चौपट करने लगे थे तब सरकार के द्वारा और किसानों के द्वारा टिड्डी दल को नष्ट करने के प्रयास किए गए थे । टिड्डी दल को रोकने के लिए भारत सरकार के द्वारा बॉर्डर क्षेत्र में तकरीबन 45 टीमों को सक्रिय किया गया था जिससे कि टिड्डी दल को नष्ट किया जा सके । टिड्डी दल का आतंक सबसे ज्यादा लोहारकी , रामदेवरा , मंगलियो की   ढाणी , गलर , चवराली नाड़ी   आदि क्षेत्र में फैला हुआ है ।

बीकानेर , जोधपुर , जैसलमेर जैसे इलाकों में टिड्डी दल को रोकने के लिए एक बड़ा संगठन बनाकर तैयार किया गया है जिस संगठन के माध्यम से टिड्डी दल पर निगरानी रखी जा रही है । किसानों के द्वारा टिड्डी दल को रोकने के लिए नए-नए तरीकों का उपयोग किया जा रहा है । पेस्टीसाइड  का छिड़काव करने के साथ-साथ किसान थाली बजाकर टिड्डियों को भगाने का प्रयास कर रहे हैं । भारतीय सीमावर्ती इलाकों मे टिड्डी दलो की निगरानी के लिए काफी सतर्कता बरती जा रही है क्योंकि यदि टिड्डी दलों को रोका नहीं गया तो टिड्डी दल किसानों की फसलों को  काफी नुकसान पहुंचा सकते हैं ।

जब किसानों की फसल का नुकसान होगा तो किसान आत्महत्या करने पर मजबूर हो जाएगा क्योंकि किसान अपने पूरे परिवार का भरण पोषण खेती के माध्यम से ही करता है । टिड्डी दलों को रोकने के लिए सरकार भी गंभीरता दिखा रही है । टिड्डी दलों को भगाने के लिए सरकार के द्वारा किसानों को कई प्रकार की सुविधाएं दी जा रही है जिन सुविधाओं का उपयोग करके किसान टिड्डी दलों को भगा रहे हैं । यदि टिड्डी दलो की संख्या थोड़ी बहुत होती तो जायदा परेशानी की बात नहीं थी परंतु टिड्डी दलों की संख्या काफी अधिक है और टिड्डी दलों के द्वारा किसानों के खेतों पर हमला किया जा रहा है ।

टिड्डी दल के कारण किसान की फसल बर्बाद होने के कगार पर है । जब भारत सरकार के द्वारा  टिड्डी दलों को खत्म करने का प्रयास किया गया तब सरकार के द्वारा  कई तरह के केमिकल का छिड़काव टिड्डी दलों के ऊपर किया गया था । परंतु कुछ प्रयास सरकार के असफल हो गए थे लेकिन सरकार और कृषि विभाग कि अधिकारियों के अथक प्रयासों के बाद टिड्डी दलों को नष्ट करने में कामयाबी हासिल हुई है । किसानों ने भी टिड्डी दल का खात्मा करने के लिए काफी मेहनत की है ।

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