स्वावलंबन पर निबन्ध Swavalamban essay in hindi language

Swavalamban essay in hindi

atma nirbharta essay in hindi-हेलो दोस्तों कैसे हैं आप सभी,दोस्तों आज का हमारा आर्टिकल स्वावलंबन पर निबंध आप सभी के लिए बहुत ही हेल्पफुल है हमारे आज के इस आर्टिकल में हम स्वावलंबन के बारे में जानेंगे.

हमारे आज के इस निबंध का उपयोग कोई भी विद्यार्थी अपने स्कूल, कॉलेज की परीक्षा में निबंध लिखने के लिए यहां से जानकारी ले सकता है साथ में अपने ज्ञान को बढ़ाने के लिए भी हमारे आज के इस आर्टिकल को पढ़िए तो चलिए पड़ते हैं स्वाबलंबन पर लिखित हमारे आज के निबंध को

Swavalamban essay in hindi
Swavalamban essay in hindi

प्रस्तावना-

स्वावलंबन का अर्थ होता है अपने आप पर निर्भर रहना यानि जो व्यक्ति स्वावलंबी होता है वह वास्तव में बहुत आगे बढ़ जाता है। हम सभी को अपने जीवन में खुद पर ही निर्भर रहना चाहिए।

जो दूसरों पर निर्भर रहता है जीवन में वह कुछ भी नहीं कर पाता हैं. स्वावलंबन एक इंसान का एक ऐसा गुण होता है जिससे इंसान को खुशी मिलती है और दूसरे भी उससे प्रसन्न होते हैं.

स्वावलंबन से लाभ-

वास्तव में स्वावलंबन से एक नहीं अनेक लाभ होते हैं स्वावलंबन से मनुष्य कामयाबीप्राप्त करता है आज हमारे देश में बहुत से ऐसे लोग हैं जो आत्मनिर्भर या स्वावलंबी नहीं है वह दूसरों पर अपने कार्यों के लिए निर्भर रहते हैं ऐसे लोगों का भविष्य कुछ भी नहीं है।

अगर आप स्वावलंबी हैं तो आप अपने कार्यों को खुद करते हैं यानी दूसरे के भरोसे नहीं करते जिससे दूसरे व्यक्ति भी आपमें दोष नहीं लगाते और आप जीवन में हमेशा खुश रहते हैं.

हमारे देश में अगर स्वावलंबी व्यक्तियों की संख्या ज्यादा होती हैं तो देश आगे बढ़ता है, देश के लोग आगे बढ़ते हैं। हमारे देश में बहुत से ऐसे लोग हैं जिनमें स्वाबलंबी के गुण थे.अपने स्वाबलंबन के गुण के कारण उन्होंने बहुत कुछ किया है.

महात्मा गांधी जी से सीखिए- हम महात्मा गांधी को देखें तो महात्मा गांधी भी स्वावलंबी थे, वह अपना कार्य खुद करते थे देश को आजादी दिलाने के लिए उन्होंने अपना काम खुद किया वह अकेले ही आगे बढ़ते रहें और धीरे-धीरे लोग उनके पीछे आते गए और इस तरह से उन्होंने देश को आजादी दिलाने का एक बहुत ही महत्वपूर्ण कार्य किया.

इनकी तरह हम भी कुछ बड़ा कर सकते हैं वास्तव में स्वाबलंबन एक बहुत ही महत्वपूर्ण गुण होता है जो हर किसी में नहीं होता वास्तव में जो व्यक्ति स्वावलंबी नहीं होता वह जीवन में कुछ भी नहीं कर पाता.

डॉ एपीजे अब्दुल कलाम जी से सीखिए- हमारे देश के पूर्व राष्ट्रपति डॉक्टर एपीजे अब्दुल कलाम जो कि राष्ट्रपति के अलावा एक वैज्ञानिक भी थे। हमारे देश के लिए उन्होंने बहुत सारे अविष्कार किए हैं बहुत सारी मिसाइलों का आविस्कार किया है यह बहुत ही गरीब परिवार से थे लेकिन स्वावलंबन का गुण इनके अंदर था।

अगर ये सोचते कि मैं गरीब हूं, मुझमें खुद से कुछ करने का दम नहीं है तो ये कुछ भी नहीं कर पाते। वह वहीं के वहीं रह जाते लेकिन स्वावलंबी गुण के कारण हीआज वह इतने आगे पहुंचे कि हर कोई उन्हें हमेशा याद करता है वास्तव में स्वावलंबी गुण हर किसी में नहीं होता.

कुछ लोग ऐसे भी होते हैं जो दूसरों के द्वारा लगातार की जा रही है अवहेलना से घबरा जाते हैं और जीवन में आगे कुछ नहीं करते वास्तव में हम देखें तो ऐसे लोग स्वावलंबी नहीं होते स्वावलंबी तो वह होता है जो खुद से सोचता है समझता है और अपने निर्णय खुद लेता है और अपने आप पर ही निर्भर रहता है.

अगर हम स्वावलंबी लोगो की लिस्ट देखे तो ये काफी लंबी है क्योंकि हमारे देश में,इस दुनिया में बहुत सारे ऐसे स्वावलंबी लोग हैं जिन्होंने अपने इस गुण की वजह से बहुत बड़ी उपलव्धि हासिल की हैं वास्तव में स्वावलंबन के अनेकों लाभ हैं.

स्वावलंबी ना होने से हानि-

बहुत सारी परेशानियां– अगर कोई इंसान स्वावलंबी नहीं है यानी वह अपने आप पर निर्भर नहीं है तो वह जरूर ही दूसरों पर निर्भर होगा।हो सकता है वह अपने किसी कार्य के लिए अपने मां-बाप,अपने भाई-बहनों पर छोड़े।

वह अपना कार्य स्वयं नहीं करता है दूसरों के भरोसे या दूसरों पर छोड़कर अपना कार्य करता है तो उसे एक नहीं अनेकों परेशानियों का सामना करना पड़ता है।

कामयाब ना हो पाना– जो व्यक्ति स्वावलंबी नहीं होते उन्हें कामयाबी का मुंह दूर-दूर तक भी नजर नही आता.आज हमारे देश में कुछ लोग ऐसे हैं जो जॉब करते हैं, कुछ लोग ऐसे भी हैं जो बिजनेस करते हैं लोग कुछ भी करते हैं लेकिन स्वाबलंबन का गुण तो उसमें होना ही चाहिए तभी वह इंसान जीवन में तरक्की कर सकता है.

मान लेते हैं आप एक अच्छी जॉब करना चाहते हैं लेकिन आप अपने दोस्त के बलबूते पर वह जॉब पाना चाहते हैं और खुद तैयारी नहीं करते आप दूसरों की नकल करते हैं तो आप जिंदगी में आगे नहीं बढ़ पाते.

अगर आप एक या दो बार ऐसा कर लेते हैं तो आगे आने वाले समय में आपको और भी ज्यादा परेशानियों का सामना करना ही पड़ेगा.

बिजनेस में असफलता– मान लेते हैं आप एक बिजनेस करते हैं और आपको बिजनेस के बारे में कुछ भी जानकारी नहीं है और आप सिर्फ अपने बिजनेस पार्टनर के बलबूते पर बिजनेस में तरक्की पाना चाहते हैं वह जो कहता है वह आप कर लेते हैं।

आपमें इतनी भी समझ नहीं है कि आप खुद से कुछ कर सके तो आपका यह गुण वास्तव में आपको बहुत पीछे रख सकता है क्योंकि जिंदगी में किसी भी कार्य में सफलता प्राप्त करने के लिए स्वावलंबी होना बहुत जरूरी है इसके बिना हम कुछ खास नहीं कर पाएंगे और जीवन में वही के वही रह जाएंगे.

अगर कोई दूसरों के बलबूते पर,दूसरों के भरोसे कुछ प्राप्त भी कर लेता है तो वह ज्यादा उस काम में नहीं टिक पाता है क्योंकि आत्मनिर्भर यानी स्वाबलंबी एक ऐसा गुण है जो हर एक उस इंसान के काम आता है जो जीवन में आगे बढ़ना चाहता है, जो खुद से कुछ करना चाहता है इसलिए हमें स्वावलंबी होना चाहिए वरना हमें बहुत सी बुरी परिस्थितियों से आगे गुजरना पड़ सकता है.

उपसंहार-

जैसे कि हमने जाना कि स्वाबलंबी होना वास्तव में गर्व की बात है। स्वावलंबन हमारे देश के हर एक नौजवान में हो तो वास्तव में देश बहुत ही तेजी से तरक्की करता है.स्वावलंबन होना बेहद जरूरी है क्योंकि अगर एक युवा ही स्वाबलंबी नहीं होगा तो देश कैसे तरक्की करेगा।

हम सभी को चाहिए कि हम स्वावलंबी बने और जीवन में खुद से अपना काम करें.हमे चाहिए कि खुद पर निर्भर रहें और दूसरों पर निर्भर ना रहे हम अगर ऐसा करते हैं तो जीवन में किसी भी कार्य में सफल जरूर होते हैं.

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