वरुण चंद्रन story on parishram hi safalta ki kunji hai -varun chandran in hindi

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दोस्तों आज हम आपके साथ वरुण चंद्रन की story on parishram hi safalta ki kunji hai शेयर करने वाले हैं,यह कॉरपोरेट 360 के फाउंडर हैं और उन्होंने अपने जीवन में गरीबी से करोड़पति बनने तक का सफर किया तय है,इन्होने अपने जीवन में जो भी पाया है उससे सावित होता है की parishram hi safalta ki kunji hai और इनकी ये story आपको बहुत कुछ सिखाएगी.

दोस्तों ये लगनशील और कर्मशील इंसान है,उन्होंने अपनी मेहनत के दम पर ऐसा किया है कि उनके सारे के सारे सपने पूरे हो चुके हैं,आज हमारी इस पोस्ट में हम उनके जीवन के बारे में बताएंगे की कैसे उन्होंने गरीबी से करोड़पति बनने तक का सफर तय किया,दोस्तों वरुण चंद्रन एक गरीब फैमिली से थे इनके पापा एक किसान थे,घर की जरूरतों को पूरा करने के लिए इनकी मां एक छोटी सी दुकान चलाती थी जिससे इनका परिवार चल रहा था,वरुण चंद्रन जी अपने पापा जी की हेल्प करने के लिए खेतों में काम किया करते थे,उनको बचपन से ही पढ़ाई में बहुत रूचि थी,उनका सपना था कि अच्छी पढ़ाई करके जीवन में कुछ अच्छा करेंगे और अपने गरीबी के हालात से निकलने की कोशिश करेंगे.

उनका पढ़ाई में बहुत ही अच्छा मन लगता था लेकिन एक बार स्कूल की फीस जमा करना थी लेकिन सिर्फ 25 रूपये फीस जमा न कर पाने के कारण उंहें स्कूल से निकाल दिया गया था,वह शुरु से ही फुटबाल के शौकीन थे लेकिन एक बार फुटबॉल खेलते समय उनकी कंधे की हड्डी टूट गयी और उसी time उन्होंने पढाई और फुटबॉल खेलना छोड़ दिया,उन्होंने सोचा की अब कुछ तोह करना ही होगा,क्योकि परिवार की मदद जो करना है,उन्होंने अपनी माँ से कहा की माँ मुझे जॉब दूंदने के लिए कुछ रूपये की जरुरत है,तोह माँ ने उन्हें कुछ रूपये दिए,वोह नोकरी की तलाश में निकल पड़े.

इनकी जॉब एक कॉल सेण्टर में लग गयी,ये बहुत ही लगन से अपना काम करते,इसके बाद इन्हें हेदराबाद की एक कंपनी से नोकरी का ऑफर आया,और इन्होने वोह नोकरी ज्वाइन की,इस कंपनी में उनके काम को देखते हुए सभी उनकी प्रशंसा करते,कंपनी को उनका काम पसंद आया और इन्हें अमेरिका भेझने का सोचा और ये अमेरिका पहुच गए,कुछ time इन्होने अमेरिका में काम किया,ये नोकरी करके काफी experience ले चुके थे,इसलिए इनके मन में ख्याल आया की क्यों ना अपनी खुद की कंपनी लांच की जाए तोह इन्होने अपनी खुद की कंपनी बना दी.

उन्होंने उनकी कंपनी का नाम रखा कारपोरेट ३६०,इनकी मेहनत और लगन से कम्पनी बहुत ही अच्छी चली,और आज उनकी कंपनी का सालाना टर्न ओवर करोडो में होता है.

इस तरह से इन्होने अपनी लगन और महनत से जिन्दगी में गरीबी से अमीरी तक का सफ़र तय किया और दुनिया को दिखा दिया की अगर एक इन्सान में आगे बदने की इक्षा हो तोह इन्सान बहुत आगे बड सकता है.

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