मेरा स्वप्न वातावरण पर कहानी Story on environment with moral in hindi
Story on environment with moral in hindi
दोस्तों कैसे हैं आप सभी, दोस्तों वातावरण पर लिखी हमारी ये कहानी आपको जरूर ही पसंद आएगी आज हम देखें तो वातावरण का चक्र हमारी वजह से बहुत प्रभावित है ठंड के मौसम में गर्मी और बरसात के मौसम में गर्मी पड़ती है बरसात कम होती और कहीं कही पर तो बरसात कुछ ज्यादा पड़ती है और कही सूखा पड़ता है.इन प्रदूषण की वजह से पर्यावरण चक्र बहुत ज्यादा प्रभावित हुआ है.हो सकता है ये छोटी सी कहानी आपके जीवन में, आपके पर्यावरण में बहुत बदलाव लाए तो चलिए पढ़ते हैं हमारी आज की कहानी को

एक दिन मेरे पिता ने मुझसे कहा की बेटा चलो सैर कर आओ शाम का समय था मुझे सैर करना बेहद पसंद था में अकेले ही सैर करने निकल पड़ा मेंने देखा कि जिस शहर में जहा जोर-शोर से वाहन चला करते हैं वहां आज एक भी वाहन नहीं दिखाई देता सड़कों पर लोग पैदल और साइकिल से चले जा रहे हैं शहर में चारों ओर पेड़ पौधे लगे हुए हैं और ठंडी ठंडी हवा चल रही है कहीं-कहीं पानी भरा हुआ है,नालों में पानी बहता हुआ चला जा रहा है.
मुझे यह दृश्य देखकर बहुत अच्छा लगा मैं शहर में और भी आगे की तरफ बढ़ता गया तो मैंने देखा कई बच्चे, बूढ़े,नौजवान पेड़ पौधे लगा रहे हैं कुछ बच्चे पेड़ पौधों को पानी दे रहे हैं, कुछ लोग अखबार पढ़ते हुए दिख रहे हैं.में घूमते-घूमते एक गार्डन में चला गया वहां पर मेंने देखा कि बहुत सारे स्त्री,पुरुष,बच्चे खेल कूंद रहे हैं बहुत से तरह तरह के पक्षी विचरण कर रहे हैं पार्कों में कई जगह ठंडा ठंडा पानी बह रहा है, बहुत सारे पेड़ पौधे, उनपर लगे हुए फूल बहुत ही सुशोभित हो रहे हैं लोग एक्सरसाइज कर रहे हैं.
कुछ समय घूमने के बाद मैं अपने घर की ओर एक दूसरे मार्ग से चल पड़ा.दूसरे मार्ग पर भी मुझे मोटर बाइक या कार नहीं दिखे मुझे सिर्फ कुछ बसे और ट्रक दिखाई दिए.शहर में धुंआ बिल्कुल भी नहीं था वातावरण एकदम स्वच्छ था. मैंने जहां देखा था कि कई लोग मुंह में गुटखा खाकर इधर-उधर थूकते थे उसी जगह पर मुझे कुछ दिखाई नहीं दिया सब कुछ ठीक था लोग मंदिरों में लाइन में खड़े हुए हैं वातावरण इतना स्वच्छ था कि कहीं पर भी धूल नही थी.मुझे मक्खी तक देखने को नहीं मिली.
जिस जगह पर कई तरह के कारखाने से उठता हुआ धुआं दिखता था उस जगह पर मुझे फैक्ट्री भी नहीं दिखी तो धुआ कहां दिखेगा मैं बहुत खुश हुआ कि कितना वातावरण स्वच्छ है मुझे बहुत ही खुशी हुई और में घूमते हुए घर चला आया.तभी मुझे मेरी मम्मी ने जगाया और मैंने महसूस किया कि यह सिर्फ मेरा सपना था जो मैं सोते हुए देख रहा था तो मेरी आंखों से आंसू गिरने लगे क्योंकि मुझे लग रहा था कि शायद मेरा ये सपना कभी पूरा नही होगा.अब मुझे पहले जैसे ही माहौल में रहना पड़ेगा काश मैंने सपने में जो देखा वह हकीकत हो जाता तो कितना अच्छा होता हम हमारे पर्यावरण को बचा पाते,उसे सुरक्षित रख पाते और इस दुनिया की इस परेशानी से मुक्त हो पाते काश ऐसा हो पाता.
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