मेरा सपना भ्रष्टाचार मुक्त भारत कहानी Story of corruption in hindi

राजेश एक शहर में रहता था उसने हाल ही में अपने लिए एक प्लॉट खरीदा था उस प्लॉट की कागजी कार्रवाई करने के बाद उसको उस प्लॉट का नामांतरण करवाने के लिए एक पटवारी से मिलना था। एक दिन वह अपने प्लॉट के कागज साथ में लेकर पटवारी के पास गया और कहने लगा साहब मुझे नामांतरण करवाना है।

पटवारी साहब ने उसके प्लॉट के कागज रखते हुए कहा ठीक है। राजेश को लगा कि पटवारी साहब उसकी बात पर विशेष ध्यान नहीं दे रहे हैं इसलिए उसने कहा कि साहब कुछ फीस ले लीजिए और मेरे प्लॉट का नामांतरण कर दीजिए।

यह सुनकर पटवारी साहब कहने लगे- मुझे फीस देने की गलती मत करना वरना समझ लेना। यह सुनकर राजेश एक तरह से डर गया और वहीं पर अपने डोकोमेंट रखकर चला गया। एक दिन राजेश की मां की अचानक तबीयत खराब हो जाती है और वह पास के ही सरकारी अस्पताल में अपनी मां का उपचार करवाने के लिए ले जाता है तभी वह देखता है कि पास में ही एक औरत जोर जोर से रो रही थी तब राजेश सोचता है पता नहीं इस अस्पताल में सही से मरीज पर ध्यान देते होंगे या नहीं। वह एक डॉक्टर के पास जाता है और कहता है कि डॉक्टर साहब मेरी मां की जान बचाना ये मेरे लिए बहुत ही महत्वपूर्ण है यदि आपको कुछ फीस लेना हो तो मैं जमा कर दूंगा लेकिन प्लीज मेरी मां की जान आप बचा लीजिए।

राजेश की बात सुनकर डॉक्टर कहता है एक काम कर तू इस हॉस्पिटल से अपनी मां को ले जा और जो फीस लेकर तेरी मां का अच्छी तरह से इलाज करता हो उसके पास इलाज करवा, यह सुनकर राजेश डॉक्टर का रुख समझ गया और वहीं पर बिना फीस दिए अपनी मां का इलाज करवाने लगा।

उसने देखा कि हॉस्पिटल का नजारा ही बदल चुका था सभी डॉक्टर, नर्सेस बहुत ही अच्छी तरह से ईमानदारी पूर्वक कार्य कर रहे थे। अगले ही दिन उसकी मां पूरी तरह से स्वस्थ हो जाती है और कुछ ही समय में पटवारी साहब सामने से फोन लगाकर राजेश से कहते हैं कि तुम्हारे प्लाट का नामांतरण हो चुका है।

अब राजेश को अपना घर बनाना था इसके लिए उसे अपने प्लाट का डायवर्सन करवाना था इसके लिए वो एक अधिकारी से मिला। अधिकारी ने उसकी डायवर्शन की फाइल जमा की, डायवर्सन शुल्क जमा करवाई और कुछ ही दिनों में उसके प्लॉट का डायवर्सन हो गया। राजेश सोचता ही रह गया की जरूर ही अधिकारी पैसे मांगेंगे या बहुत ही आराम से काफी दिनों में मेरा काम करेंगे लेकिन ऐसा कुछ भी नहीं था उसका काम उम्मीद से भी जल्द हो गया।

राजेश को काफी खुशी हो रही थी उसको लग रहा था कि अब तो ईमानदारी चारों ओर है, वह खुशी से झूमने लगा, उसके चेहरे पर मुस्कान आ गई थी इतने मे ही राजेश की मां ने उसके ऊपर पानी डाल दिया और राजेश नींद में से जाग गया। वह जब नींद में से जागा तो वह समझ चुका था कि वह अभी सिर्फ एक सपना देख रहा था हकीकत तो इसके विपरीत ही है।

राजेश सपने को हकीकत में बदलते हुए देखना चाहता था लेकिन ऐसा संभव नहीं था क्योंकि आज भ्रष्टाचार चारों ओर व्याप्त है। राजेश सोच रहा था कि काश ऐसा ही हो जाता तो कितना अच्छा होता।

दोस्तों आज की भ्रष्टाचार पर हमारी यह कहानी आपको कैसी लगी हमें जरूर बताएं। हमारे द्वारा लिखित ये प्रेरणादायक काल्पनिक कहानी है आप इसे ज्यादा से ज्यादा शेयर करें।

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