भारतीय स्टेट बैंक का इतिहास State bank of india history in hindi
State bank of india history in hindi
State bank of india – दोस्तों आज हम आपको इस आर्टिकल के माध्यम से भारतीय स्टेट बैंक के इतिहास के बारे में बताने जा रहे हैं । तो चलिए अब हम आगे बढ़ते हैं और इस आर्टिकल को पढ़कर भारतीय स्टेट बैंक के इतिहास के बारे में विस्तृत जानकारी प्राप्त करते हैं ।

भारतीय स्टेट बैंक के इतिहास के बारे में – भारतीय स्टेट बैंक का इतिहास काफी प्राचीन समय का है । भारतीय स्टेट बैंक की स्थापना भारत देश में 1806 मे की गई थी ।जब भारतीय स्टेट बैंक की स्थापना 1806 में की गई थी तब इस बैंक का नाम बैंक ऑफ कैलकटा रखा गया था ।जब 1806 में भारतीय स्टेट बैंक की स्थापना की गई तब इस बैंक का मुख्यालय कॉरपोरेट सेंटर मैडम कामा रोड मुंबई मे खोला गया था । इसके बाद यह बैंक धीरे-धीरे भारत में अपना आधिपत्य स्थापित करने लगा था और जब भारतीय स्टेट बैंक का कारोबार धीरे-धीरे बड़ा तब 2 जून 1806 को बैंक कोलकाटा की स्थापना के बाद तकरीबन 3 वर्ष बाद इसको चार्टर मिला था ।
चार्टर मिल जाने के बाद इस बैंक का पुनर्गठन बैंक ऑफ बंगाल के रूप में करने का फैसला किया गया था । इसका पुनर्गठन बैंक ऑफ बंगाल के रूप में 2 जनवरी 1809 को कर दिया गया था । जिस समय इसका पुनर्गठन किया गया उस समय भारतीय स्टेट बैंक एक अनोखी बैंक थी जो ब्रिटिश भारत तथा बंगाल सरकार के द्वारा चलाई जा रही थी । जब यह बैंक धीरे धीरे अपना बिजनेस बढ़ाता गया तब इस बैंक का विलय इंपीरियल बैंक ऑफ इंडिया के रूप में करने का फैसला किया गया था और 28 जनवरी 1921 को इसका विलय इंपीरियल बैंक ऑफ इंडिया के रूप में कर दिया गया था ।
जब इस बैंक का विलय इंपीरियल बैंक ऑफ इंडिया में किया गया तब इंपीरियल बैंक ऑफ इंडिया का कारोबार भारत देश के शहरों तक ही फैल पाया था । ग्रामीण क्षेत्रों में विकास करने के उद्देश्य से एक ऐसे बैंक की कल्पना की गई जो बैंक ग्रामीण क्षेत्र में अपने कार्य भार को बढ़ाएं । जिससे भारत देश के ग्रामीण क्षेत्रों की उन्नति हो । इसी उद्देश्य को लेकर एक ऐसे बैंक की कल्पना की जाने लगी थी जो बैंक गांव-गांव तक पहुंचकर गांव को विकास से जोड़ें । जिसके लिए 1 जुलाई 1944 को स्टेट बैंक ऑफ इंडिया की स्थापना की गई थी ।
जब 1 जुलाई 1944 को स्टेट बैंक ऑफ इंडिया की स्थापना की गई तब स्टेट बैंक ऑफ इंडिया बैंक से सरकार की हिस्सेदारी जोड़ दी गई थी । स्टेट बैंक ऑफ इंडिया में सरकार की हिस्सेदारी तकरीबन 61.58 % हैं । भारतीय स्टेट बैंक ऑफ इंडिया के बारे में ऐसा कहा जाता है कि जब भारतीय स्टेट बैंक ऑफ इंडिया की स्थापना की गई तब स्टेट बैंक के कुल 480 कार्यालय खोले गए थे जिन 480 कार्यालयों में भारतीय स्टेट बैंक की शाखाएं , उप शाखाएं तथा तीन स्थानीय मुख्यालय स्थापित किए गए थे । यह सभी शाखाएं भारतीय स्टेट बैंक के कारोबार को धीरे धीरे बढ़ा रहे थे ।
भारतीय स्टेट बैंक की शाखाएं , उप शाखाएं इंपीरियल बैंक के मुख्यालयों को बनाया गया था । जहां से ग्रामीण और शहरी इलाकों में बैंक के व्यापार को बढ़ाने का काम किया गया था । 1 जुलाई को पूरे भारत में भारतीय स्टेट बैंक स्थापना दिवस हर्षोल्लास के साथ मनाया जाता है । एसबीआई बैंक भारत देश का सबसे बड़ा समृद्ध शाली सरकारी बैंक है जिस बैंक से ग्रामीण और शहरी क्षेत्र के लोग जुड़े हुए हैं । एसबीआई बैंक के माध्यम से लोगों ने अपने कारोबार को बढ़ाया है ।
एसबीआई बैंक एक ऐसी बैंक है जिस बैंक ने भारत देश में एटीएम सुविधा को तेजी से फैलाया है । एसबीआई बैंक में सबसे बड़ा बदलाव 1807 में देखने को मिला था जब इस बैंक ने एक बड़ा बदलाव किया गया था । 1861 में पेपर करेंसी एक्ट पारित हुआ और सरकार ने एसबीआई बैंक को नोट करेंसी जारी करने की शक्ति प्रदान कर दी थी ।जिस समय भारत में भारतीय स्टेट बैंक को नोट करेंसी जारी करने की शक्ति प्रदान की उस समय यह बैंक एक अकेला ऐसा बैंक था जिसके पास ब्रिटिश दौर में नोट जारी करने की शक्ति प्राप्त थी ।
1955 के दौर में एवं 1955 के बाद अक्टूबर महीने में स्टेट बैंक ऑफ हैदराबाद एसबीआई का पहला सहयोगी बैंक बना था । इसके बाद एसबीआई बैंक के सहयोगी बैंक के रूप मे स्टेट बैंक बीकानेर , स्टेट बैंक ऑफ इंदौर , स्टेट बैंक ऑफ जयपुर , स्टेट बैंक ऑफ सौराष्ट्र , स्टेट बैंक ऑफ मैसूर , स्टेट बैंक ऑफ पटियाला , स्टेट बैंक ऑफ त्रावणकोर , भारतीय महिला बैंक शामिल हुए थे । यदि आज हम भारतीय स्टेट बैंक के विकास की बात करें तो भारतीय स्टेट बैंक ने काफी विकास किया है । आज स्टेट बैंक ऑफ इंडिया दुनिया के 36 देशों में स्थापित हैं । जहां से भारतीय स्टेट बैंक के कारोबार को निरंतर आगे बढ़ाया जा रहा है ।
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