परिश्रम ही सफलता की कुंजी है पर भाषण Speech on hard work in hindi
Speech on hard work in hindi
Hard work – दोस्तों आज हम आपको इस आर्टिकल के माध्यम से परिश्रम ही सफलता की कुंजी है पर लिखें भाषण के बारे में बताने जा रहे हैं । तो चलिए अब हम आगे बढ़ते हैं और इस भाषण को पढ़कर परिश्रम ही सफलता की कुंजी है के बारे में जानते हैं ।
नमस्कार दोस्तों मैं अरुण नामदेव आप सभी लोगों का इस कार्यक्रम में स्वागत वंदन अभिनंदन करता हूं । जैसा कि आप सभी जानते हो कि हमने यह कार्यक्रम मोहन को जिला में टॉप करने पर सम्मान देने के लिए रखा है । मोहन ने 12वीं कक्षा में अच्छे नंबर लाकर यह बता दिया है की यदि कोई व्यक्ति परिश्रम करता रहे , मेहनत करता रहे तो वह सफलता अवश्य प्राप्त कर लेता है । कहने का तात्पर्य यह है कि परिश्रम ही सफलता की कुंजी होती है ।दोस्तों मैं इस कार्यक्रम को आगे बढ़ाने से पहले आप लोगों को बता देना चाहता हूं कि हमने इस कार्यक्रम के मुख्य अतिथि के रुप में माननीय विधायक महोदय जी को बुलाया है ।
जो कुछ ही क्षणों में हमारे बीच में उपस्थित होंगे और मोहन को सम्मान पत्र देंगे । इससे पहले मैं आप लोगों को परिश्रम ही सफलता की कुंजी है पर कुछ बात बताने जा रहा हू । कहते हैं जो एक अच्छा इंसान होता है वह परिश्रम करने से कभी पीछे नहीं हटता है । चाहे उसके रास्ते में कितनी भी कठिनाइयां आए वह उन कठिनाइयों से कभी भी घबराता नहीं है और आगे बढ़ता रहता है । जब वह व्यक्ति परिश्रम करता रहता है तब उस व्यक्ति को सफलता के रास्ते मिलते जाते हैं । परिश्रम करने से सफलता थोड़ी देर बाद जरूर मिलती है ।
परंतु जब सफलता मिलती है तब उस सफलता का जो रस है वह इतना मीठा होता है कि हमारे जीवन को खुशी से भर देता है । मोहन ने भी इसी तरह से अच्छी मेहनत की , परिश्रम किया और एग्जाम देकर अपने आप को एक परिश्रमी विद्यार्थी साबित कर दिया । जब परीक्षा का परिणाम आया तब वह पूरे जिले में नंबर एक पर आया है । जिसने जिले के साथ अपने माता-पिता और अपने परिवार का नाम रोशन किया है । मोहन से हमें यह सीख लेना चाहिए कि जब हम कोई कार्य करें तब उस कार्य को परिश्रम से करते रहें ।
हमें रास्ते में उस कार्य को अधूरा नहीं छोड़ना चाहिए क्योंकि परिश्रम करते रहने से हम हर क्षेत्र में सफलता प्राप्त अवश्य कर लेते हैं । पूरे दुनिया में जितने भी महान लोग हैं , जितने भी सफल लोग हैं उन सफल लोगों से यदि आप सफलता का राज पूछोगे तो वह यही कहेंगे कि उनको सफलता प्राप्त करने के लिए कितनी परिश्रम करना पड़ी है । सफल लोगों के रास्ते में भी कठिनाइयां आती हैं । पर वह उन कठिनाइयों से ना घवराकर आगे बढ़ते रहते हैं और उनको सफलता मिल जाती है । यही तो सफलता का राज है । इसलिए कहते हैं की परिश्रम ही सफलता की सबसे बड़ी पूंजी है ।
दोस्तों मैं आपको बता देता हूं कि हमारे इस कार्यक्रम के मुख्य अतिथि माननीय विधायक महोदय जी पधार चुके हैं । मैं उनसे आग्रह करता हूं कि वह यथावत स्थान पर प्रस्थान करें । इसके बाद मैं हमारे इस कार्यक्रम के सहयोगी से निवेदन करता हूं कि वह माननीय विधायक महोदय को माला पहनाकर उनका स्वागत वंदन अभिनंदन करें । अब हम इस कार्यक्रम की बेला को आगे बढ़ाते हैं । मैं माननीय विधायक महोदय से निवेदन करता हूं कि वह मंच पर आए और परिश्रम ही सफलता की कुंजी है पर दो शब्द कहें ।
नमस्कार भाइयों बहनों , यहां पर उपस्थित सभी बालक बालिकाओं मैं आप लोगों को सबसे पहले धन्यवाद देना चाहता हूं क्योंकि आपने मुझे इस कार्यक्रम मे मुख्य अतिथि के तौर पर बुलाकर मेरा जो सम्मान किया है उसके लिए मैं तहे दिल से आप सभी लोगों को शुक्रियादा करता हूं । जैसा कि हम सभी जानते हैं कि मोहन ने अपनी मेहनत और परिश्रम से अच्छे नंबर लाकर जिले का नाम रोशन किया है । जिस के सम्मान में यह कार्यक्रम रखा गया है । जीवन में कभी भी परिश्रम करने से किसी को पीछे नहीं हटना चाहिए ।
यदि कोई व्यक्ति परिश्रम नहीं करता है तो वह कभी सफल इंसान नहीं बन सकता है क्योंकि परिश्रम करने से व्यक्ति को सफलता के रास्ते मिलते हैं और वह अपने जीवन को खुशी के साथ जीता है । मैं जब विधायक के चुनाव में मेहनत कर रहा था , लोगों से जाकर मिल रहा था और उनकी परेशानियों को सुन रहा था तब मैं निरंतर परिश्रम करता रहा और चुनावों की तैयारी में जुटा रहा था ।
जब मैंने अपने परिश्रम से लोगों को यह समझाने में सफलता प्राप्त की थी मैं चुनाव जीतने के बाद सभी लोगों की समस्याओं का निराकरण करूंगा और सभी लोगों ने मेरे परिश्रम को देखकर मुझे वोट दिए और मैं चुनाव के परिणाम में पास हो गया था । चुनाव जितने के बाद मैं एक विधायक बन गया था । कहने का तात्पर्य यह है कि कोई व्यक्ति किसी भी क्षेत्र में परिश्रम करता है तो उस व्यक्ति को सफलता अवश्य मिल जाती है । यदि हम परिश्रम नहीं करेंगे तो सफलता नहीं मिलेगी ।
तो मैं यहां पर उपस्थित सभी बालक बालिकाओं से कहना चाहता हूं कि अपने जीवन में कभी भी परिश्रम करने से ना घबराए । परिश्रम करने से आप की शक्तियां बढ़ जाती हैं , आपके अंदर जो धैर्य हैं वह बढ़ जाता है और आप अच्छे कर्म करने लगते हैं । जिससे आपको सफलता प्राप्त हो जाती है । इसीलिए कहते हैं परिश्रम ही सफलता की कुंजी है । इसी बात के साथ मैं अपनी वाणी को विराम देता हूं जय हिंद जय भारत ।
तालियां बजाकर माननीय विधायक महोदय की बेहतरीन स्पीच के लिए उनका उत्साहवर्धन करें । अब मैं माननीय विधायक महोदय से निवेदन करता हूं कि वह हमारे इस कार्यक्रम के सम्मानीय मोहन को पुरस्कार देकर सम्मानित करें । इसी के साथ मैं अपनी वाणी को विराम देता हूं जय हिंद जय भारत धन्यवाद ।
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